आप सब लोगों ने सफल किसान बहुत से लोगों को देखा होगा. लेकिन आज हम आपको ऐसे एक किसान के बारे में बताएंगे, जो खेती-किसानी करके हर साल लाखों की कमाई कर रहे हैं. जिन किसान की हम बात कर रहे हैं, वह गांव करारी, जिला कौशांबी, उत्तर प्रदेश के रहने वाले प्रगतिशील किसान अंगद सिंह कुशवाहा है. बता दें कि यह बचपन से ही खेती से जुड़े हुए हैं. अंगद सिंह कुशवाहा के अनुसार, मेरा परिवार पहले से खेती करता आ रहा है. वहीं, उनकी मुख्य फसल केला है. साथ ही ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट’ में जिले को केले को स्थान मिला है.
अंगद सिंह कुशवाहा बताते हैं कि, मेरे पिता जी ने 1986 में केले की खेती/Banana Cultivation की शुरुआत कर जिले में सबसे पहले केला की खेती करने वाले किसान बने. मैंने 1996 में 12वीं किया और 12वीं करने के बाद मैं भी अपने पिताजी के साथ केले और आलू की खेती करने लगा.
केले की खेती से बदली किसान की किस्मत
किसान अंगद सिंह कुशवाहा ने बताया कि मेरे पिताजी ने किराए पर जमीन लेकर खेती की शुरुआत की थी. पहले तो वह परंपरागत फसलों की खेती/ Cultivation of Traditional Crops करते थे. उसके बाद बागवानी में नींबू, करोंदा और फिर पपीते की करने लगे थे. हालांकि, आगे चलकर वह पपीते की खेती छोड़कर केले की खेती करने लगे. केले की खेती के लिए मेरे पिताजी ने जानकारी प्राप्त की. क्योंकि, हमारे जनपद में केला होता नहीं था. लेकिन फतेहपुर जनपद में केला होता था, लेकिन वहां भी केले का बहुत ज्यादा रकबा नहीं था.
अंगद सिंह कुशवाहा ने बताया कि कोई किसान थे जो पौध लाए थे. वही, उसको बार-बार रिपीट कर बुवाई कर रहे थे, तो हमारे पिताजी उनके पास पहुंचे. वहां पहुंचने पर उन्होंने बताया कि अगर आप भुसावल जाएंगे, तो वहां से आपको अच्छी क्वालिटी के पौध आसानी से मिल जाएगा. इसी के चलते पिताजी भुसावल चले गए. लेकिन वहां ऐसी स्थिति नहीं थी कि आसानी से केले के बीज मिल जाएं. लेकिन बड़े प्रयास के बाद वहां से एक गाड़ी बीज लेकर आए. वहां के किसानों ने उन्हें बताया कि अगर वह इन्हें जून महीने में अपने खेत में लगाते हैं, तो अच्छा उत्पादन प्राप्त होगा. इस तरह से पहले ही वर्ष हमारे पिताजी ने 12 बीघा केले की खेती की शुरुआत की और अच्छा मुनाफा हुआ. तब से लेकर आज तक हम लोग केले की खेती कर रहे हैं .
किसान को हर साल 40 लाख रुपये का मिल रहा मुनाफा
आगे उन्होंने बताया कि जब हमारा जनपद कौशांबी बना और जब सरकार ने खेती पर ध्यान दिया तो केले के पौधे पर अनुदान भी मिलने लगा. आज के समय में हम तीनों भाई अपनी 100 बीघा जमीन पर केला, आलू और पपीते की खेती करते हैं. किसान अंगद सिंह ने बताया कि वह लगभग 20 एकड़ में केले की खेती हर साल करते हैं. इसी क्रम में एक साल में आलू और दूसरे साल में केला की खेती भी लगभग 20 एकड़ में करते हैं.
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प्रगतिशील किसान अंगद सिंह कुशवाहा के अनुसार, अगर लागत और मुनाफे की बात करें तो मौजूदा वक्त में पूरी खेती को मिलाकर देखा जाए तो मेरी सालाना लागत 20 से 25 लाख रुपये तक है और वहीं बाजार में रेट अच्छा होता है, तो बिक्री 50 से 60 लाख रुपये तक हो जाती है यानी मुझे सालना 40 लाख रुपये तक का मुनाफा हो जाता है.
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