राजस्थान के हनुमानगढ़ के किसान अब नहरी और बरसाती पानी से होने वाली खेती पर निर्भर न होकर भू-जल फसलों के अनूकूल होने का फायदा उठा रहे है। धोरों में किसान ट्यूबवेल के पानी से सब्जी की खेती करके काफी अच्छी आमदनी को प्राप्त कर रहे है। किसान शेर मोहम्मद ने नोहरा भादरा रोड पर स्थित खेत में परपंरागत फसल की बजाय एक बीघा सिंचित भूमि में सब्जी की खेती कर रखी है, जो काफी ज्यादा फायदेमंद हो रही है। इस पानी के सहारे किसान सब्जी की खेती कर काफी अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।
भिंडी बेचने से हो रहा है मुनाफा
किसान शेर मुहम्मद ने मई में एक बीघा ज़मीन में भिंडी की बुवाई की थी, उच्च किस्म एवं समय पर फसल की किस्म एवं समय पर फसल की देखभाल करने से जुलाई में भिंडी आना शुरू हो गई थी। अगस्त के महीने में किसान खेत से भिंडी को तोड़कर बाजार में बेचने लगा। उन्होंने जानकारी दी कि तीन महीनों के अंदर ही 23 क्विंटल भिंडी का उत्पादन हुआ है। इन तीन महीनों के अंदर 20-30 प्रति रूपये किलो भिंडी को बाजार में बेचकर इससे 65 हजार रूपये कमाए। भिंडी तुड़ाई की मजदूरी किसान को नहीं लगी, क्योंकि यह काम किसान के परिवार ने ही किया है। वह भिंडी को तोड़कर थैले में भर लेता था और दूर ले जाकर नोहर की मंडी में बेच देता था। किसान ने बताया कि खेत की जुताई से लेकर भिंडी बीज, खाद, पानी सहित लगभाग 20-25 हजार रूपये का खर्चा हुआ है और इससे आमदनी 65 हजार रूपए रही।
भिंडी के बीच बो रहे ककड़ी - किसान ने बताया कि भिंडी को बोने के बाद उसने पौधे के बीच खाली जगह पर बीज तैयार करने के लिए ककड़ी की बुवाई की थी। इससे ककड़ी का बीज आसानी से तैयार हो जाएगा। उसने बताया कि ककड़ी के उन्नत किस्म का बीज दो हजार दौ सौ ग्राम में मिला है। इससे 22 किलो बीज का उत्पादन किया गया है। इस बीज के दो-ढाई हजार रूपये बिकने की उम्मीद है। इससे मात्र 6 महीने के अंदर ही भिंडी के साथ दूसरी फसल के बराबर ककड़ी के बीज से उत्पादन होने की उम्मीद है और इससे ज्यादा फायदा होने की भी उम्मीद है।
किशन अग्रवाल, कृषि जागरण
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