डबरा मध्यप्रदेश के गांव गंगाबाग़ के निवासी सरदार सतनाम अपने एक बीघा खेत को 15 साल के लिए सागौन के 500 पौधों के नाम कर दिया। उसकी उन्होंने मन लगाकर देखभाल किया। आज सतनाम की मेहनत के बरदौलत सागौन के ये सभी पौधे जवान हो चुके है। वर्तमान समय में प्रति पौधों की कीमत न्यूनतम 20000 रूपये आकी जा रही है। अब इन्ही पौधों की बरदौलत सतनाम ने एक करोड़ का इंतजाम कर लिया है. और इन्ही के सहारे उन्होंने अपने परिवार के जीवन में सुख और समिर्धि की एक नई आस जगा दी है। सतनाम की यह युक्ति अन्य किसानो के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं है.
1 बीघा खेत में 600 पौधे लगाए
आप को बता दे की किसान सतनाम मध्यप्रदेश के डबरा के गंगाबाग गांव के एक लघु किसान है. इन्होने 15 साल पहले ही अपने एक बीघा खेत में ही सागौन के 600 पौधों को लगया था. वे इन पौधों को लगाने के सबसे पहले वे शासन और प्रशासन से मदद मांगी थी. लेकिन उन्हें वहां से कोई मदद नहीं मिली। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और वे अपने में ठान लिया की उन्हें इन पौधों की देखभाल करना है. और लगातार 15 सालो से अपनी बेजोड़ मेहनत के बरदौलत आज अपने 1 बीघे खेत में 500 पेड़ खड़े कर रखे है.सतनाम का कहना है की हमे इन्हे और परिपक्व करना चाहते है. उनका कहना है की इस समय 1 पेड़ की कीमत 20000 रूपये मिल रही है. जब ये पौधे और बड़े होंगे तो उनकी कीमत और भी मिलेगी।
सतनाम कहते की उनके में सागौन के पौधे लगाने की बात 15 साल पहले आयी थी. तो उन्होंने जाकर जानकारो से जाके इसकी मदद ली दो जानकारों ने बताया के इसके खेत सागौन के खेती के उपयुक्त है. सतनाम ने अपने 1 बीघे खेत में 600 पौधे लगाए। उस समय इन पौधों को लगाने में खर्च लगभग 70000 हजार के करीब हुआ था. और उसी समय जानकारों ने बता दिया था की इसकी कीमत आगे के 10 से 20 साल में ही प्र्तेक पौधे की कीमत 15000 -20000 रूपये तक होगी इस तरह सतनाम अपनी 15 साल की मेहनत से आज सतनाम करोड़पति हो चुके है
सागौन की खेती करे
सतनाम कहते है गांव में ऐसे भी कई किसान है जो केवल गेंहू और धान की खेती पर निर्भर है. लेकिन सूखा पड़ने पर सभी के सामने आर्थिक संकट आ जाता है. उन्होंने बताया की पिछले साल भी गांव में सूखा पढ़ा था। सूखे के स्थित में यदि किसान के पास एक पुख्ता धनराशि हो तो वह इस सूखे से निपट सकता है। मै अब तो गांव गांव जाकर किसानो को सागौन की खेती करने का सलाह दे रहा हूँ..
5 साल में 20000 दे जाता है एक पौधा
सतनाम ने बताया के वे 2003 में 40 रूपये के हिसाब से उन्होंने 600 सागौन के पौधे ख़रीदे थे. और पौधों को लगाने के लिए गढ्ढे खुदवाये थे. उस समय ये सब करने में उनके लगभग 70000 हजार रूपये खर्च हो गए थे. उन्होंने बताया के पौधे लगाते समय उनसे एक गलती हो गई थी उनको पौधे लगभग 2 मीटर के दूरी पर लगाना था लेकिन पौधे पास पास लग गए थे. इसके बाद पौधे कमजोर होकर टूट गए.मेरे लगभग 100 बेकार हो गए। लेकिन बचे 500 पौधे आज एक पेड़ बनकर तैयार है. उन्होंने कहा की सागौन के एक पेड़ लगभग 50 साल तक जीवित रहता है. इस दौरान वह बढ़ता चला जाता है और 5 साल में ही लगभग 20000 की कीमत दे जाता है..
रूपये सीधे किसान के खाते में आते है
जिले पंचायत डबरा के सीईवो ज्ञानेंद्र का कहना है की सागौन के 200 पौधों के लगाने और देखभाल के लिए के लिए किसानो को डेढ़ लाख रूपये तक की मदद की जाती है. जो कि किसान के सीधे बैंक खाते में डाले जाते है लेकिन उस पर शासन एक शर्त भी होती कुल पौधों में से लगभग 50 फिसदी पौधे जीवित रहने चाहीए। पहले ये योजना कृषि विज्ञान केंद्र के पास थी लेकिन अब ये योजना जनपद पंचायत के पास हो गई है.
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