आज के समय में मेहनत और लगन से जो भी काम करो. उसका फल अच्छा जरूर मिलता है. आजकल हर कोई एक दूसरे से आगे निकलना चाहता है और नया मुकाम हासिल करना चाहता है. ऐसे ही सफल किसानों की खोज में कृषि जागरण की टीम एक बार फिर बाहर निकली.
इस दौरान कृषि जागरण की टीम और हमारी सीनियर जर्नलिस्ट ज्योति शर्मा की मुलाकात एक ऐसे शख्स से हुई, जिनकी कहानी उतनी ही दिलचस्प है, जितने वो खुद हैं.
आपको बता दें कि कृषि जागरण लगातार इस प्रयास में रहता है कि किस तरह किसानों को प्रोत्साहित किया जाए. इसके लिए लगातार कृषि जागरण की टीम सफल किसानों की खोज में जुटी रहती है. तो आइये जानते हैं आखिर क्या है जटकौर की कहानी.
आर्गेनिक एकड़ के नाम से फार्म चला रहे लक्ष्य दबास आजकल अपने कामों के वजह से काफी चर्चा में चल रहे हैं. ऐसे में जब हमारी सीनियर जर्नलिस्ट ज्योति पहुंची, तो उन्होंने भारत और भारत से बाहर रह रहे किसानों के लिए भी कई ऐसी चीज़ें बताईं, जो कि वाकई तारीफ़ के काबिल है. इतने कम उम्र में कृषि क्षेत्र में इतनी सघन जानकारी रखना और उसे दूसरों तक पहुंचना ये सब नहीं कर पाते हैं.आपको बता दें कि मौजूदा वक्त में आर्गेनिक एकड़ ना केवल खेती-बाड़ी को आगे लेकर जा रहा है, बल्कि अन्य लोगों व किसानों को ये मौका भी दे रहा है कि कैसे वो इन सभी चीज़ों का वयस्त जीवन में अनुभव कर सकते हैं.
लक्ष्य ने बताया कि उनके पिता भी खेती-बाड़ी करते थे और उन्होंने ने भी लाखों पेड़ लगाए. ये पारम्परिक खेती उन्होंने अपने पिता से सीखी थी. ये बात शायद हम सबको लक्ष्य से सीखने की जरुरत है. अक्सर हम अपनी पारम्परिक चीज़ों को पीछे छोड़ नयी चीज़ों का हाथ थाम लेते हैं, लेकिन अब समय हैं उन्हें आगे लेकर बढ़ना का. उसी पारम्परिक खेती के ज्ञान और आधुनिकीकरण की मदद से आज लक्ष्य सफल किसान के रूप में जाने जाते हैं.
सिर्फ इतना ही नहीं, वो अन्य किसान , स्टूडेंट्स और खेती-बाड़ी में रूचि रखने वाले लोगों को भी इस बारे में सिखाते और समझते हैं. उन्होने एग्री टूरिसम को भी बढ़ावा देते हुए इस ओर अपना व अन्य लोगों का ध्यान आकर्षित किया है.
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वहीं आर्गेनिक एकड़ में जब हमारी टीम पहुंची, तो कुछ ऐसा देखा और सुना, जो सुनकर आप भी चौंक जाएंगे. जी हाँ, आज से पहले आप सबने कैफ़े के बारे में सुना होगा और आप सभी गए भी होंगे, लेकिन क्या आपने कभी आर्गेनिक कैफ़े के बारे में सुना है. दरअसल, लक्ष्य दबास ने अपने आर्गेनिक एकड़ में आर्गेनिक कैफ़े का भी स्टार्टअप शुरू किया है. जहाँ फार्म से डायरेक्ट आर्गेनिक फल और सब्जियों से तैयार चीज़ें मिलती हैं.आप भी आर्गेनिक एकड़ विजिट कर यहां का अनुभव कर सकते हैं और नयी चीज़ें सिख सकते हैं.
इसके अलावा लक्ष्य दबास ने अपने आर्गेनिक फार्म में फार्म लेट नामक एक स्टार्टअप भी शुरू किया है. जहाँ किसानों को किराए पर ज़मीन दी जाती है. जहां वो चाहें, तो खुद से खेती कर सकते हैं या तो आर्गेनिक एकड़ से आर्गेनिक खेती का लाभ ले सकते हैं.
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