मुंबई में नौकरी करने वाले यूपी के जिला जौनपुर के रामचंद्र दुबे को अचानक मशरूम की खेती करने का विचार किया. दरअसल वह कृषि विज्ञान केंद्र बक्शा, जौनपुर में मशरूम खेती के बारे में सुनकर बहुत ही प्रभावित हुए जिससे वह आज जिले में एक सफल मशरूम किसान बन गए हैं. आज उन्हें मशरूम मैन कहा जाने लगा है.
कृषि विज्ञान केंद्र की सहायता से मशरूम के बीज व खेती की सलाह लेकर उन्होंने खेती की शुरुआत की. उनका मानना है कि मशरूम की खेती के लिए कोई बहुत ज्यादा मेहनत की देखभाल करने की जरूरत नहीं है. इसे आप सिर्फ देखभाल करके भी अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं.
कम लागत में अच्छी खेती
रामचंद्र का मानना है कि इसकी खेती कम लागत में की जा सकती है. इसे आप बंद कमरे में भी कर सकते हैं. भूसे में इसकी खेती की जा सकती है. यदि आपने इसकी खेती में एक रुपया की लागत लगाई तो तीन महीने के अंदर आपकी दो रुपया जरूर आमदनी होगी.
औषधीय गुणों से भरपूर
वह बताते हैं कि मशरूम औषधीय गुणों से भरपूर है. साथ ही विटामिन आदि अच्छी मात्रा में होता है. किसानों को यह अन्य बाजारों में महंगा मिलता है.अगर वह इसका उत्पादन करेंगे तो उन्हें भोजन में खाने के लिए तो मिलेगा ही बल्कि वह इसकी बिक्री कर अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकते हैं. वह स्वयं का उदाहरण देते हुए बताते हैं कि उन्होंने ओयस्टर मशरूम उगाया था जिसका पाउडर का सेवन करने से उन्हें बहुत फायदा हुआ. कमर का दर्द गायब हो गया। उनके मुताबिक रोगों के निवारण में मशरूम का बहुत बड़ा योगदान है.
महिलाओं के लिए अच्छा अवसर
मशरूम की खेती महिलाओं के लिए अच्छा अवसर है. जो महिलाएं घर पर बेरोजगार हैं वह इसकी खेती से अच्छा लाभ कमा सकती है. क्योंकि यह तापमान पर निर्भर है। इसकी देखभाल करने की जरूरत होती है.
जिले भर में मशरूम की खेती
वह बताते हैं कि आज जौनपुर में मशरूम की खेती करने की मुहिम शुरु की जाएगी. जो लोग रोजगार की तलाश में है वह मशरूम की खेती कर सकते हैं. अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. यदि मशरूम की खेती में एक रुपया का निवेश किया गया है तो दो रुपया वापसी जरूर देगी। यानिकि आय दोगुनी करने के लिए मशरूम की खेती एक अच्छा कदम है.
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अन्नपूर्णा ग्राम उद्दोग संस्था
इस संस्था के माध्यम से किसानों को मशरूम की खेती के लिए प्रेरित किया जाता है. संस्था किसानों को जोड़ती है और उन्हें उन्नत बीज उपलब्ध कराती है. साथ ही समय-समय पर उन्हें प्रशिक्षण के लिए देती है. उनका कहना है कि आज दो से तीन ब्लाक में मशरूम की खेती इसके जरिए प्रचलित की जा चुकी है. उनके मुताबिक मुक्तिगंज व धर्मापुर ब्लाक में मशरूम की खेती बड़े स्तर पर पहुंच चुकी है. संस्था के जरिए मशरूम किसानों के उत्पाद को बाजार तक भी पहुंचाया जाता है। महीने में दो बार भुगतान की व्यव्स्था है. आने वाले समय में भुगतान की व्यवस्था बैंक के माध्यम से कर दी जाएगी.
रामचंद्र दुबे, जौनपुर (मो.- 8169083775)
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