1. Home
  2. सफल किसान

मोती खेती से ये युवा किसान कर रहा अच्छी कमाई, पीएम मोदी ने की तारीफ

आज देश के कई युवाओं का रुझान खेती की तरफ बढ़ रहा है. उन्हीं में से एक उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के नारायणपुर गाँव के श्वेतांक पाठक. जो पारंपरिक खेती से हटकर मोतियों की खेती कर रहे हैं. जिसने उन्हें एक अलग पहचान दी है. श्वेतांक ने बीएड की पढ़ाई पूरी कर ली है. जिसके बाद उन्होंने मोतियों की खेती में हाथ आजमाया. जिसके जरिये वे अन्य लोगों को भी रोजगार दे रहे हैं.

श्याम दांगी
farmer

आज देश के कई युवाओं का रुझान खेती की तरफ बढ़ रहा है. उन्हीं में से एक उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के नारायणपुर गाँव के श्वेतांक पाठक. जो पारंपरिक खेती से हटकर मोतियों की खेती कर रहे हैं. जिसने उन्हें एक अलग पहचान दी है. श्वेतांक ने बीएड की पढ़ाई पूरी कर ली है. जिसके बाद उन्होंने मोतियों की खेती में हाथ आजमाया. जिसके जरिये वे अन्य लोगों को भी रोजगार दे रहे हैं.

पीएम मोदी ने की तारीफ

श्वेतांक बताते हैं कि उन्हें मोतियों की खेती करने की प्रेरणा सबसे पहले गाँव की ही एक समिति के जरिये मिली. इसके बाद उन्होंने इंटरनेट के जरिये इसकी जानकारी निकाली और समिति की मदद से मोतियों की खेती करना शुरू किया. इसके लिए समिति के मार्गदर्शन में घर के पास ही एक पोखर तैयार किया.  जिसमें नदी से लाए गए सीप को रखा. उन्होंने कुछ सीप एक पुराने तालाब में रखे, जो उन्हें ज़िंदा रखता है. बता दें कि श्वेतांक के कार्य की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी तारीफ कर चुके हैं. श्वेतांक के बारे में प्रधानमंत्री ने खुद ट्वीट किया था.

moti

तीन तरह के मोती तैयार

श्वेतांक आगे बताते हैं कि अभी में कल्चर्ड मोती की खेती कर रहा हूं, जो कि 12-13 महीने में तैयार हो जाते हैं. बाजार में पहुँचाने से पहले मोतियों को पॉलिश किया जाता है. वे आगे बताते हैं कि तीन प्रकार के मोती होते हैं. एक आर्टिफीसियल मोती, दूसरे प्राकृतिक मोती (समुद्र में तैयार होते हैं) और कल्चर्ड मोती. श्वेतांक कल्चर्ड मोती की खेती कर करते हैं, जिसे वे अपने हिसाब से शेप देते हैं. इसके लिए शीप का सबसे पहले पाउडर बनाया जाता है. जिससे न्यूकिलियस बनाया जाता है. जिसे मोती के कवच में डाला जाता है. कुछ समय बाद शिप के आकर का मोती बन जाता है. श्वेतांक ने इसके लिए ओडिशा के संस्थान से इसकी ट्रैनिंग भी ली है. 

कितनी कमाई होती है

श्वेतांक बताते हैं कि मोती की खेती बेहद कम लागत से शुरू कर सकते हैं. इसके लिए 10 बाई 12 की ज़मीन की जरुरत पड़ेगी. मोती के खेती के लिए शुरुआत में 50 हज़ार रुपये का खर्चा आता है. वे आगे बताते हैं कि इसके लिए आपको शीप की अच्छी समझ होना चाहिए. एक अच्छी शीप की बात करें तो वह 2 वर्ष पुराना हो और उसका वजन 35 ग्राम और लंबाई 6 से.मी. होना चाहिए. अपनी कमाई को लेकर श्वेतांक बताते हैं कि उनके मोती की कीमत बाजार में 90 रुपये से लेकर 200 रुपए तक मिलती है.

English Summary: different from traditional farming pearl farming brought recognition Published on: 04 October 2020, 05:10 PM IST

Like this article?

Hey! I am श्याम दांगी. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News