जैसे हर विद्यालय की सबसे बड़ी संपत्ति शिक्षक होते है वैसे ही हर खेती के लिए प्रशिक्षक भी बेहद जरूरी होते हैं. ऐसा ही एक जीता जागता उदाहारण राम प्रकाश (Ram Prakash) हैं जो आरपीजी ऑर्गेनिक फार्मिंग प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक हैं. इनकी कंपनी कृषि इनपुट और आउटपुट के साथ काम करती है और किसानों को नई तकनीकों की जानकारी प्रदान करती है और जैविक खेती पर अधिक जोर देती है.
यह कंपनी किसानों को कृषि उपकरण (Farm Machinery) प्रदान करती है जिसे किसान किराए पर लेकर अपनी आवश्यकता को पूरी कर सकते हैं. राम बताते हैं कि इनकी कंपनी का लक्ष्य किसानों की निवेश को कम और उत्पादन क्षमता को बढ़ाना है.
मार्केटिंग के लिए अब "नो समस्या"
किसानों के लिए अन्य महत्वपूर्ण स्टेप विपणन (Marketing) है क्योंकि बाज़ार ना उपलब्ध होने के कारण उन्हें मार्केटिंग में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में इनका उद्देश्य किसानों से उपज को एक अच्छे बाजार में ले जाना और उन्हें अच्छी दर पर बेचना है.
राम बताते हैं कि हम किसानों को बेहतर विपणन देने के लिए मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन, जैविक खेती, बांस की खेती, केले, अमरूद, अनार जैसे सभी प्रकार के फलों के लिए काम करते हैं. वहीं झारखंड राज्य फलों की खेती के लिए नहीं जाना जाता है, इसलिए इन्होंने किसानों को फलों से परिचित करा कर बागवानी क्षेत्र में पहल की है.
झारखंड किसानों की उन्नति
बता दें कि राम की अधिकांश योजना झारखंड (Jharkhand) के लिए है. यह पंचायती स्तर, ब्लॉक स्तर और जिला स्तर पर काम करते हैं और इन सभी स्तरों के लिए प्रशिक्षकों की नियुक्ति करते हैं. ऐसा इसलिए किया गया है ताकि प्रशिक्षक किसानों को खेती, नवीनतम तकनीकों के बारे में सब कुछ प्रशिक्षित कर सकें.
अधिकांश किसान परंपरागत तरीके (Traditional Farming) अपना रहे हैं. इसके अलावा, यदि कोई किसान टमाटर जैसे उत्पाद को सफलतापूर्वक उगाता है, तो बाकी भी उसका अनुसरण करेंगे और उसे उगाना शुरू कर देंगे.
इन्होंने आगे कहा कि किसानों को यह भी समझने की जरूरत है कि वो मौसम के अनुसार ही अपनी फसलों को उगाएं (Seasonal Crops) ताकि वो आगे चलकर अच्छी आय अर्जित कर सकें.
फिलहाल राम अभी एक हजार से ज्यादा किसानों से जुड़े हुए हैं. यह किसानों को प्रौद्योगिकी की आपूर्ति करते हैं और उन्हें अपने उत्पादों को जैविक तरीके से उगाने में मदद करते हैं ताकि उन्हें रसायनों से बचाया जा सके.
जैविक खेती क्यों है जरूरी
इन्होंने कहा कि उनकी कंपनी के नाम में जैविक शब्द है और इसका उद्देश्य किसानों को जैविक तरीके से खेती (Organic Farming) करने के लिए प्रोत्साहित करना है. ऐसे में किसानों को उर्वरकों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. नतीजतन, इससे स्वस्थ फसलें, स्वच्छ पर्यावरण और हमारा पानी शुद्ध होगा.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कई प्रकार के सामाजिक प्रतिबंधों (Social Restrictions) के कारण काफी महिलाएं इस ट्रेनिंग से वंछित रही हैं लेकिन हाल ही में इन्होंने एक महिला प्रशिक्षक की नियुक्ति की जिसके बाद कुल मिलाकर 100 से अधिक अब इस प्रशिक्षण से जुड़ी हुई हैं.
भविष्य की योजनाओं के संदर्भ में राम का कहना है कि वो इस समय झारखंड पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, क्योंकि पूरी दुनिया को बदलना मुश्किल होगा. इन्होंने कहा कि झारखंड की एक-एक इंच जमीन का सदुपयोग किया जाना चाहिए. यहां पानी की कमी वाले कई क्षेत्र हैं, ऐसे क्षेत्रों में कटहल, लीची, आम, अमरूद, नींबू जैसी फसलें लगाई जानी चाहिए जिन्हें ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं होती है.
इन्होंने आगे कहा कि हमें जिस प्रकार की भूमि उपलब्ध है, उसके अनुसार खेती और विकास करना चाहिए. वह औषधीय पौधों और मशरूम की खेती पर भी विचार कर रहे हैं.
कोरोना संकट भी नहीं रोक पाया इनका जज़्बा
यह पूछे जाने पर कि वर्तमान कोरोना संकट के दौरान वह अपने व्यवसाय का प्रबंधन कैसे कर रहे हैं, राम प्रकाश ने कहा कि जिन किसानों के पास एंड्रॉइड मोबाइल हैं, वे उनसे जूम मीटिंग ऐप के साथ ऑनलाइन संवाद कर रहे थे.
किसानों के लिए प्रशिक्षण
झारखंड में स्थानीय स्तर पर धान, गेहूं और टमाटर की अच्छी पैदावार होती है. ख़ासकर यहां टमाटर बहुत अच्छे से उगते हैं और ज्यादातर सब्जियां को भी बेहतर रूप से उगाया जाता है. यहां से सब्जियां कलकत्ता, रांची और यहां तक कि बिहार और दिल्ली को निर्यात की जाती हैं.
इसके अतिरिक्त राम अब किसानों को 5 तरह के मशरूम के लिए प्रशिक्षण (Mushroom Farming Training) दे रहे हैं. इसमें सीप मशरूम, बटन मशरूम, दूधिया मशरूम, किंग ऑयस्टर मशरूम और जंगली मशरूम शामिल हैं. साथ ही मछली पालन के लिए यह किसानों को तालाबों के लिए बायोफ्लोक तकनीक के लिए प्रशिक्षित कर रहे हैं. और मधुमक्खी पालकों को भी इसके पालन का प्रशिक्षण दे रहे हैं.
किसानों को संदेश
राम प्रकाश ने कहा कि किसानों को रसायनों पर निर्भर रहना बंद कर जैविक खेती की ओर कदम बढ़ाना चाहिए. हमें पानी को शुद्ध करने, हवा को शुद्ध करने और अपनी फसलों को शुद्ध करने के लिए जैविक खेती करनी चाहिए.
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