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मशहूर मशरूम की अतरंगी खेती करता है राजस्थान का ये किसान, यहां किया तकनीक का खुलासा

मशरूम की खेती इस बीच काफी प्रचलित हो गई है, लेकिन राजस्थान के ये किसान तीन दशकों से इसकी खेती कर अच्छा मुनाफा कमाते हुए आ रहे हैं.

रुक्मणी चौरसिया
मशरूम किसान मोटाराम शर्मा (Mushroom Farmer Motaram Sharma)
मशरूम किसान मोटाराम शर्मा (Mushroom Farmer Motaram Sharma)

मशरूम की खेती (Mushroom Farming) एक रोमांचक और नया उद्योग बनकर तेज़ी से उभर रहा है. इसी संदर्भ में राजस्थान के सीकर में रहने वाले मशरूम किसान मोटाराम शर्मा (Motaram Sharma) से हम सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए. हाल के वर्षों में मशरूम की खेती किसानों के बीच काफी लोकप्रिय हो गई है, लेकिन शर्मा तीन दशकों के अधिक समय से इसका अभ्यास कर रहे हैं.

2 लाख रुपए तक बिकते हैं मशरूम

यह बटन मशरूम (Button Mushroom), शिताके मशरूम (Shiitake Mushrooms) और दूधिया मशरूम (Milky Mushroom) सहित अन्य मशरूम की खेती करते हैं. इनके मशरूम 100 रुपये प्रति किलोग्राम से लेकर 2 लाख रुपये प्रति किलोग्राम तक बिकते हैं.

मशरूम की किस्मों ने पहुंचाया पुरस्कार तक

इन्होंने कृषि रत्न पुरस्कार (Krishi Ratna Award) और कृषि सम्राट पुरस्कार (Krishi Samrat Award) जैसे पुरस्कार भी अर्जित किए हैं और उन्हें 'मशरूम किंग' की उपाधि दी गई है.

दस गुना अधिक कमाई

शर्मा बताते हैं कि मशरूम की खेती की मदद से किसान वास्तव में अपनी वर्तमान आय से दस गुना अधिक कमा सकते हैं. मशरूम की खेती (Mushroom Ki Kheti) के लिए न तो बड़े निवेश की आवश्यकता होती है और न ही बड़े भूखंड की.

जिस छत के नीचे मशरूम की खेती की जाती है, उसे सालभर मशरूम की खेती के लिए पानी के स्रोत के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. कुछ मशरूम ऐसे हैं, जिन्हें भारत में बिना एयर कंडीशनिंग (Air Conditioning) के उगाया जा सकता है जैसे दूधिया मशरूम और बटन मशरूम.

दूसरी ओर कुछ मशरूमों को आवश्यक रूप से एयर कंडीशनिंग की आवश्यकता होती है. शर्मा किसानों को मशरूम की उन किस्मों के साथ शुरू करने का सुझाव देते हैं, जो उनकी निवेश सीमा के अनुकूल हैं, जिसमें केवल आवश्यक चीजें छाया और उचित वेंटिलेशन होती है.

शर्मा आगे किसानों को विभिन्न राज्य प्रशिक्षण सुविधाओं में मशरूम की खेती में प्रशिक्षित होने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. यह स्वयं कई महत्वाकांक्षी मशरूम किसानों को प्रशिक्षण प्रदान करते हैं.

क्या मशरूम से होता है रोगों का इलाज

वर्ष 2010 में, शर्मा भारत के पहले किसान बने, जिन्होंने गैनोडर्मा मशरूम (रेशी मशरूम) की खेती की और उन्हें इस उपलब्धि के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR), नई दिल्ली द्वारा सम्मानित किया गया.

गैनोडर्मा मशरूम के बारे में बात करते हुए, शर्मा ने खुलासा किया कि इस मशरूम किस्म का कोई मुकाबला नहीं है और इसकी जितनी प्रशंसा की जाये उतनी कम है.

कैंसर के लिए होता है रामबाण 

शोध से पता चला है कि इस विशेष मशरूम में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण और बीटा-ग्लूकेन्स नामक जटिल शर्करा होती है. कुछ प्रयोगशाला अध्ययनों के अनुसार, ये यौगिक कैंसर कोशिकाओं के प्रसार और वृद्धि को रोकने में मदद कर सकते हैं.

शर्मा कहते हैं कि लाभ कमाना कभी भी किसान का मुख्य उद्देश्य नहीं होता है. अन्नदाता का जीवन विश्व को स्वास्थ्य और समृद्धि देने के लिए ही बना होता है. वह कृषि जागरण को बताते हैं कि ऐसे कई रोग हैं, जिनका एलोपैथिक दवाओं में भी इलाज नहीं है.

ऐसी बीमारियों के लिए शर्मा बताते हैं, प्रकृति ने मनुष्य को कॉर्डिसेप्स मिलिटेरिस जैसे खाद्य पदार्थ दिए हैं. वह औषधीय मशरूम के उत्पादन में कदम रखने से पहले किसानों को आम मशरूम का उत्पादन करने की सलाह देते हैं.

मशरूम का उत्पादन और फायदा 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत में मशरूम का उत्पादन मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, केरल और त्रिपुरा में होता है. मशरूम न केवल स्वाद में स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि  इसमें कई अन्य गुण होते हैं जिनमें प्रोटीन, फाइबर, पोटेशियम, तांबा, जस्ता, सेलेनियम, मैग्नीशियम और कैंसर से लड़ने वाले पोषक तत्व शामिल होते हैं.

मशरूम की खेती में 5 सबसे महत्वपूर्ण कारक

ज्ञान

धोखेबाजों द्वारा ठगे जाने से बचने के लिए, किसानों को उचित व्यावसायिक प्रशिक्षण के साथ-साथ मशरूम की खेती के बारे में बुनियादी जानकारी होना आवश्यक है.

स्पॉन

किसानों को या तो अपना खुद के स्पॉन बनाने चाहिए या इसे किसी सरकारी शोध संस्थान से प्राप्त करना चाहिए.

समय पर फसल

मशरूम की समय पर कटाई करना इसकी गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है.

विपणन

स्टॉक को सड़ने से बचाने के लिए मशरूम की सही समय पर मार्केटिंग करना जरूरी है.

नवाचार

मशरूम को स्व-विपणन (Self-Marketing of Mushrooms) कैसे किया जाना चाहिए, यह समझाने के लिए शर्मा अपना उदाहरण देते हैं. वह इस बारे में बात करते हैं कि कैसे राजस्थान में उनका व्यवसाय स्वास्थ्य की खुराक बनाने के लिए उनका उपयोग करता है जिसका सेवन सभी उम्र के लोग कर सकते हैं.

कैसे शुरू करें मशरूम व्यवसाय 

वर्तमान में सरकार भारतीय कृषि पर ध्यान केंद्रित कर रही है और वे किसानों को बेहतर और प्रभावी उत्पादकता के लिए प्रशिक्षण प्रदान करती है. यदि आप मशरूम की खेती (Mushroom Farming Business) में रुचि रखते हैं, तो सरकार द्वारा मशरूम की खेती के प्रशिक्षण में शामिल होना सबसे अच्छा अवसर है.

इस तकनीक-प्रेमी दुनिया में, आप मशरूम की खेती का प्रशिक्षण ऑनलाइन भी ले सकते हैं, जो सीखने का सबसे आसान तरीका होता है. इसके अतिरिक्त आप मशरूम फार्मिंग की ट्रेनिंग (Mushroom Training Centre) लेना चाहते हैं, तो अपने नज़दीकी सरकारी केंद्रों में जाकर इसका प्रशिक्षण ले सकते हैं.

राजस्थान के मशरूम किंग का संदेश

शर्मा भारत के युवा छात्रों से आग्रह करते हैं कि वे न केवल वेतनभोगी नौकरी के लिए अध्ययन करें, बल्कि अपना खुद का एक नया उद्यम शुरू करें. उनका कहना है कि भारत में मशरूम की खेती का भविष्य बहुत उज्ज्वल है और अधिक से अधिक किसानों को इसमें भाग्य बनाने का प्रयास करना चाहिए.

English Summary: This farmer of Rajasthan cultivates the famous mushroom, the technique revealed here Published on: 28 June 2022, 09:24 AM IST

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