इस बदलती तकनीक से अब देश के किसान भी दूर नहीं है. देश के कई युवा किसान पढ़ाई के साथ-साथ खेती कर परिवार का सहारा तो बन ही रहे हैं. इसके साथ ही वह खेती में सफलता प्राप्त कर अपने आस-पास के लोगों के लिए एक मिसाल पेश कर रहे हैं. हम बात झारखंड के एक किसान योगेश कुमार की कर रहे हैं. जो अपनी पढ़ाई के साथ खेती कर अच्छी कमाई कर रहे हैं.
खेती का तरीका
योगेश का परिवार खेती करता है और उसे पढ़ाई के साथ-साथ खेती में दिलचस्पी है. इस दौरान योगेश को भारत सरकार द्वारा चलाई गई योजना Soil Health Card के बारे में पता चला, जिसके बाद उन्होंने अपनी खेती की मिट्टी की जांच जिले के कृषि केंद्र से कराई और फिर कृषि वैज्ञानिकों की सलाह से अपने खेत में सब्जियां उगाने का फैसला लिया. योगेश बताते है कि उनके इस काम में परिवार का पूरा साथ मिला.
खाद और उर्वरक
योगेश ने सब्जियों में खाद के लिए देशी तरीका अपनाया. वे गाय और भैस के गोबर के अलावा नीम के बीज से तैयार खाद का इस्तेमाल करते हैं. सब्जियों में वे सबसे ज्यादा खीरे की खेती करते हैं और शादी विवाह के सीजन में इसकी अत्यधिक मांग होने की वजह से वह काफी अच्छा मुनाफा कमा लेते हैं.
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आमदनी
युवा किसान योगेश ने कहा कि वह हर साल 5 से 6 लाख तक की कमाई कर लेते हैं. जैविक खाद के माध्यम से तैयार सब्जियों की मांग बाजार में काफी ज्यादा रहती है. ऐसे में लगातार बढ़ रहे केमिकल युक्त सब्जियों के बढ़ते इस दौर में उन्हें काफी अच्छा दाम मिल जाता है.
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