1. Home
  2. ग्रामीण उद्योग

कृषि क्षेत्र में बढ़ रहा है युवाओं का रूझान

कृषि क्षेत्र में कई तरह की नई-नई तकनीकों का समावेश हो गया है. इससे कृषि के क्षेत्र में कई तरह के परिवर्तन दिखाई देने लगे है. साथ ही युवा पीढ़ी की कृषि के क्षेत्र में करियर बनाने में काफी रूचि बढ़ती जा रही है.

किशन

कृषि क्षेत्र में कई तरह की नई-नई तकनीकों का समावेश हो गया है. इससे कृषि के क्षेत्र में कई तरह के परिवर्तन दिखाई देने लगे है. साथ ही युवा पीढ़ी की कृषि के क्षेत्र में करियर बनाने में काफी रूचि बढ़ती जा रही है. दरअसल प्रगतिशील भारत में समय के साथ खेती-किसानी और कई तरह के अन्य बदलाव देखने को मिल रहे है. आज कृषि क्षेत्र की जानकारी के लिए कई तरह की नई बेवसाइट और पोर्टल खुल गए हैं. इसके साथ ही आप इन दिनों इस्तेमाल में लाए जाने वाले नई टेक्नोलॉजी से फसल बुवाई से लेकर कीटनाशकों के छिड़काव और फसल कटाई तक की पूरी प्रक्रिया आसानी से कर सकते हैं. यही कारण है कि आज देश के नये-नये युवा सिर्फ डॉक्टरी और इंजीनियरिंग से भगाकर, खेती की तरफ अपने भविष्य को तलाशने में लगे है.

कृषि क्षेत्र में व्यापक अवसर

देश के कई हिस्सों में आज युवा कृषि क्षेत्र में जुड़े व्यवसायों को अपनाकर गुणवत्तापूर्वक फसल को उगाने का कार्य कर रहे है. इसके अलावा कृषि कार्य करके वह आर्थिक रूप से भी अपने आप को मजबूत बना रहे है. दरअसल भारत एक कृषि प्रधान देश है और कृषि का अर्थ यहां पर बेहद ही व्यापक है. इसमें फसल उत्पादन, पशुओं की खेती, मत्स्य पालन आदि कई तरह के पहलुओं पर विचार किया जाता है और उन महत्वपूर्ण बिदुओं पर अहम कार्य होता है. इसके अलावा कृषि क्षेत्र में कई डिप्लोमा, डिग्री और सार्टिफिकेट के कोर्स है जिनको पूरा करके आप बेहतर कैरियर बना सकते है.

नई तकनीक जानना जरूरी

तकनीक ने भारतीय कृषि में भी कई स्तर पर बदलाव किए है. इसके साथ ही ट्रैक्टर,रोटावेटर, थ्रेसर, पावर टिलर आदि के प्रयोग से फार्म मशीनरी में कई तरह के तकनीकी बदलाव आए है. सीड ड्रिल मशीन, लैंड लेवलर, प्लांटर, ड्राइवर लैस ट्रैक्टर हार्वेस्टर जैसी तकनीकों से भारतीय कृषि में कई बदलाव तेजी से आ रहे है.

करें कृषि कोर्स

अगर कृषि क्षेत्र में आगे बढ़ना है तो आपके लिए कई तरह के कृषि से संबंधी पाठ्यक्रम के कई विकल्प खुले हुए है. इसके बाद सार्टिफिकेट इन एग्रीकल्चर साइंस, डिप्लोमा कोर्स और बीएससी इन एग्रीकल्चर जैसे कोर्स कर सकते है. बैचलर डिग्री और डिप्लोमा के बाद आप मास्टर की डिग्री भी ले सकते है.

लेबलिंग कंपनियों की जरूरत है

हाल ही में कईं भारतीय स्टार्टअप ने क्लीन लेबलिंग का ट्रेंड काफी ज्यादा स्तर पर बनाया है. देश में रॉ प्रेशरी, पेपरबोट, जस डिजाइन, एंटीडॉट जैसी कई क्लीन लेबले कंपनियों अपने ग्राहकों को पैष्टिक जीवनशैली को उपलब्ध करवाने के लिए टैलेंटेड लोगों को तलाश रही है. इस तरह के प्रयास से कृषि क्षेत्र में कई तरह के परिवर्तन आ सकते है.

English Summary: Youth trends in agricultural sector Published on: 22 February 2019, 05:02 PM IST

Like this article?

Hey! I am किशन. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News