इतिहासकारों की माने तो आलू के चिप्स 18वी सदी में अस्तित्व में आए. हालांकि इसकी खोज किस देश ने सबसे पहले की इस बात को लेकर सभी के अपने तर्क हैं. लेकिन इस बात से कोई इंकार नहीं कर सकता कि आज आलू के चिप्स दुनियां भर में लोकप्रिय हैं. भारत में तो इसकी मांग सदाबहार रहती है. यही कारण है कि प्राय हर बहुराष्ट्रीय कंपनी स्नैक्स बनाकर मोटा पैसा कमा रही है.
वैसे चिप्स बनाने का कार्य ग्रामीण भारत में वर्षों से होता आया है. आमतौर पर लोग इसका निर्माण बिज़नेस पर्पस के लिए नहीं करते हैं. लेकिन अगर आप चाहें तो चिप्स बनाकर भारी मुनाफा कमा सकते हैं. इस धंधें की सबसे अच्छी बात ये है कि इसमे अधिक श्रम की आवश्यक्ता नहीं होती और लागत भी कम आती है.
बिज़नेस के लिए एक कमरा भी पर्याप्त
इस काम को करने के लिए सामान्य रूप से एक कमरा भी पर्याप्त है. बस इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि तय की गई जगह साफ-सुथरी हो.
इन मशीनों की पड़ेगी जरूरत
इस बिजनेस के लिए मशीनों की जरूरत इस बात पर निर्भर करती है कि आप किस स्तर पर काम को शुरू करना चाहते हैं. आमतौर पर चिप्स बनाने के मशीन पोटैटो पीलिंग मशीन, पोटैटो स्लाइसिंग मशीन, स्पाइस कोटिंग आदि मशीनों की जरूरत पड़ती है.
आलू चिप्स बनाने की प्रक्रिया
चिप्स बनाने के लिए सबसे पहले आलू को धोने के बाद उनको पीलिंग मशीन में डालकर छिलके हटा दें. छोटे स्तर पर आप ये काम हाथ से भी कर सकते हैं. इसके बाद स्लाइसिंग मशीन में डालकर इसको एक आकार में काट लें. इन टुकडों को पानी में कुछ समय तक डुबोने के बाद कड़े धूप में अच्छे से सूखने के लिए छोड़ दें. इसके बाद टुकड़ों को मध्यम टैम्परेचर पर फ्राई कर सकते हैं. गोल्डन ब्राउन रंग होने तक फ्राई के बाद अगर आप चाहें तो मनचाहें मसालों की कोटिंग कर सकते हैं. बड़े स्तर पर इसके लिए मशीन भी उपलब्ध है. आप चाहें तो चिप्स की पैकेजिंग भी कर सकते हैं.
कहां मिलेगा मार्केट
आलू के चिप्स के लिए बेकरी, किराना स्टोर आदि आपके लिए अच्छा बाजार है.
कितना होगा मुनाफा
मध्यम स्तर पर इस बिजनेस के लिए 3 लाख रुपये तक के निवेश की जरूरत पड़ सकती है. जबकि औसतन 50 हज़ार रुपये तक की कमाई की संभावना है.
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