दूसरे खाद्य पदार्थों की तरह ही पापड़ भी नियमित उपयोग में शामिल खाद्य पदार्थ हैं। यह रोटी की तरहा गोल व पतला और बहुत स्वादिष्ट भोजन उत्पाद है। आम तौर पर लगभग सभी मौकों और त्यौहारों में भोजन के बाद पापड़ परोसा जाता है। अत: इनकी खपत हर देश के हर शहर और गांव के हर घर में होती है यानी इस उद्योग में करियर उज्ज्वल है। कोई भी व्यक्ति छोटा-बड़े पैमाने पर पापड़ व्यवसाय घर से शुरू कर सकता है। यह कम लागत में शुरू होने बाला बहुत ही लाभदायक उद्योग है लेकिन आज का दौर प्रतियोगिता का है, इसलिए इस काम में बड़ी जीत हासिल करने के लिए तैयार माल के उम्दा स्वाद व बेहतर क्वालिटी को बरकरार रखने के लिए मेहनत व जुझारूपन की भी आवश्यकता होती है।
पापड़ मेकिंग बिजनेस के लिए मार्केट ऑपर्च्युनिटी:-
पापड़ की सभी जगह अच्छी मांग है क्योंकि यह एक खाद्य उत्पाद है और साल भर में सभी घरों और होटल में इसका उपयोग किया जाता है, विशेषकर उत्सव के मौसम में। कुछ राष्ट्रीय ब्रांड हैं और बाजार में मुख्य रूप से स्थानीय ब्रांडों द्वारा नियंत्रित किया जाता है। पापड़ भारत से 40 से अधिक देशों को निर्यात किया जाता हैं प्रमुख आयातक देश ब्रिटेन, अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर, नाइजीरिया, ओमान, मलेशिया, कुवैत, कनाडा, बहरीन और ऑस्ट्रेलिया हैं। ब्रांड के विकास पर ध्यान केंद्रित करना महत्वपूर्ण है। एक मजबूत डीलर नेटवर्क की स्थापना निश्चित रूप से सफलता पाने में आपकी मदद करेगी।
पापड़ मेकिंग बिजनेस के लिए योजना :-
पापड़ बनाने का व्यवसाय शुरू करने से पहले, क्षेत्र की जनसंख्या, बाजार में उपलब्ध अन्य उत्पादों और अन्य पापड़ बनाने वाली कंपनी की मार्केटिंग रणनीति के बारे में कुछ शोध करें। मशीनरी और निर्माण लागत के साथ निश्चित पूंजी निवेश की गणना करें कार्यशील पूंजी में कच्चा माल, जनशक्ति, बिजली, परिवहन, विपणन व्यय और अन्य विविध खर्च शामिल हैं। एक विस्तार व्यापार योजना न केवल आपको स्टार्टअप कैपिटल की व्यवस्था करने में मदद करेगी बल्कि यह भी जांचने में आपकी मदद करेगी कि क्या परियोजना संभव है या नहीं |
ऋण:-
किसी भी बैंक से ऋण लिया जा सकता है। इसके लिए आप प्राइवेट स्तर पर या सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न स्कीमों के तहत नजदीकी बैंक में आवेदन कर सकते हैं। खादी ग्रामोद्योग से ट्रेनिंग लेने वाले लोग अपने ट्रेनिंग संस्थान, खादी बोर्ड या अपने एरिया की बैंक शाखा, जहां आपका खाता खुला हो, में आवेदन कर सकते हैं।
शुरुआत:-
पापड़ की सप्लाई आज बड़े महानगरों में ही नहीं, बल्कि गांवों में भी खूब हो रही है। अत: व्यक्ति इस उद्योग की शुरुआत कहीं भी रह कर कर सकता है। पापड़ बनाने के लिए करीब 35-40 वर्ग गज जगह व सुखाने के लिए करीब 50 वर्ग गज जगह चाहिए, इस कार्य को एक लाख रुपए से शुरू किया जा सकता है।
कच्चा माल:-
पापड़ बनाने के लिए दालों, अट्टों, मसाले पाउडर, मिर्च और नमक के मिश्रण का उपयोग किया जाता है अत: कहीं से भी आसानी से कच्चा माल मिल जाता है।
उपकरण:-
पापड़ बनाने के लिए पल्व लाइजर, ग्राइंडर मशीन, फ्लोर मिल, पापड़ मेकिंग मशीनों आदि की जरूरत होती है। ये मशीनें दिल्ली, मुंबई आदि शहरों में मिल जाती हैं।
पापड़ बनाने की प्रक्रिया:-
आप दालों के विभिन्न किस्मों से पापड़ का उत्पादन कर सकते हैं। सबसे पहले, आप नमक, मसालों और सोडियम बाइकार्बोनेट को दालों के आटे में समान रूप से मिलाएं फिर इस मिश्रण में पर्याप्त मात्रा में पानी मिला कर गूँथ लें। लगभग 30 मिनट के बाद, छोटी-छोटी आटे की गोली बना लें। लगभग 10 ग्राम वजन की।
फिर इन गोली को पापड़ बनाने की मशीन या पापड़ प्रेस में रखें। यहां आप मोल्ड के आकार के अनुसार पपड़े का उत्पादन कर सकते हैं। अगले चरण सुखाना है। आप इन्हें सूरज की धूप में सुखा सकते हैं हालांकि, पपड़ी बनाने वाली परियोजनाओं के लिए सुखाने की मशीन सबसे अच्छा विकल्प है।
अंत में, आपको पापड़ पैक करने होंगे। आप पॉलीथीन बैग में 25 या 50 पापड़ पैक कर सकते हैं।
आमदनी:-
इस उद्योग में जितनी ज्यादा मेहनत होगी, उतना ही अधिक उत्पादन भी होगा। यह भी कह सकते हैं कि मेहनत जितनी ज्यादा होगी, आमदनी उतनी ही अधिक होगी। फिर भी एक लाख रुपए लगाने पर अनुमानत: 10 से 15 हजार रुपए महीने आसानी से कमाए जा सकते हैं।
बिक्री:- आसपास के क्षेत्र के उपभोक्ताओं से लेकर दुकानदारों तक को प्रोडक्ट्स बेच सकते हैं, पर खादी ग्रामोद्योग से ऋण लेने वाले खादी ग्रामोद्योग के ही विपणन केंद्रों को तैयार माल बेच सकते हैं।
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