आज के समय में प्राकर्तिक चीज़ों (Natural Materials) की डिमांड तेज़ी से बढ़ रही है. ऐसे में जो लोग अपना कारोबार (Business Startup) शुरू करना चाहते है, वो केले की पत्ते (Banana Leaf) को प्लास्टिक (Plastic Alternative) के विकल्प के तौर पर इस्तेमाल कर मार्किट में अच्छा मुनाफा कमा सकते है. ऐसी ही एक खबर बिहार (Bihar) से भी आ रही है जहां केले और मक्के से बनी चीज़ों की डिमांड बढ़ती दिख रही है.
बिहार में आयी बाहार (Bihar Trend)
बिहार में मकई की भूसी, केले के पत्ते और जूट जल्द ही प्लेट, कप, गिलास, बैग और कटलरी जैसे कांटे, चम्मच और चाकू, पुआल और प्लास्टिक और पॉलीस्टाइनिन (थर्मोकोल) से बने ट्रे की जगह लेने जा रहे हैं. इस चीज़ को देखते हुए राज्य सरकार ने इसे लागू कर यह निर्णय लिया है कि प्लास्टिक फ्री राज्य (Plastic Free State) बनाने के लिए 24x7 प्राकर्तिक चीज़ों का इस्तेमाल करना बहुत जरूरी है. इसी के चलते बिहार सरकार ने उद्योग विभाग योजना की पहल की है.
उद्योग विभाग योजना (Industry Department Scheme)
राज्य के उद्योग विभाग ने प्लास्टिक की थैलियों और थर्मोकोल उत्पादों के बजाय मकई की भूसी, केले के पत्ते और जूट जैसे पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों को बढ़ावा देने का फैसला किया है. इससे जहरीले प्लास्टिक प्रदूषण में कमी आएगी और लगातार बढ़ रहे कचरे से निपटने में भी मदद मिलेगी.
खादी मॉल में बिकेंगे प्लास्टिक के विकल्प (Plastic alternatives will be sold in Khadi Mall)
बता दें कि खादी मॉल खादी, बिहार संग्रहालय और पटना में बिहार एम्पोरियम की अन्य इकाइयां अगले साल जनवरी से मकई की भूसी और केले के पत्ते और जूट के बोरे से बनी कटलरी की बिक्री शुरू की जाएगी. ये बायोडिग्रेडेबल उत्पाद (biodegradable products) प्लास्टिक और थर्मोकोल से बनी वस्तुओं का सबसे अच्छा विकल्प हैं. प्रतिबंध के बाद पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों की मांग बढ़ेगी.
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प्लास्टिक-थर्माकोल के विकल्प की तैयारी तेज
राज्य सरकार के अनुसार मकई की भूसी, केले के पत्ते और जूट से बने उत्पादों को और अन्य पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों को बेचने के लिए कहा है जो प्लास्टिक और थर्मोकोल के विकल्प हो सकते हैं. इसके लिए विभाग बायोडिग्रेडेबल उत्पाद बनाने वाले उद्यमियों को तकनीकी के साथ-साथ वित्तीय सहायता भी प्रदान करेगा.
कमाई का है बेहतर विलकप (Earning is a better option)
इसी कड़ी में उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान (यूएमएसएएस) Upendra Maharathi Crafts Research Institute (UMSAS) द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के दौरान मुजफ्फरपुर के एक उद्यमी नाज ओजैर ने स्वीट कॉर्न की भूसी से प्लेट, कप, गिलास, चम्मच, ट्रे और तिरंगे जैसी खूबसूरत कटलरी बनाई. नाज़ और उनकी टीम इन उत्पादों को गुजरात, दिल्ली, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल सहित अन्य राज्यों में बेच रही है. जिससे उन्हें बेहतर मुनाफा भी मिल रहा है.
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