प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद करने के लिए सरकार कितने कदम उठा रही है.फिर भी लोग प्लास्टिक की बोतलों से लेकर बैग तक का प्रयोग धड़ल्ले से कर रहे है. प्लास्टिक बंद करवाने के लिए कई तरह के जागरूकता आंदोलन भी चलाए जा रहे है कि जिसमें लोगों को सेहत और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए भी ईको-फ्रैंडली चीजों का इस्तेमाल करने के बारे में जागरूक किया जा रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'मेक इन इंडिया' पहल ने भी देश की अर्थव्यवस्था को बहुत कुछ दिया है और इस बार असम के एक उद्यमी द्वारा किया गया एक नवाचार इंटरनेट पर काफी वायरल हो रहा है. विश्वनाथ चाराली गुवाहाटी के धृतिमान बोरा ने बांस की बोतलों का आविष्कार किया है जो 100 प्रतिशत रिसाव प्रूफ हैं और हमारे दैनिक जीवन से प्लास्टिक की बोतलों के उपयोग को कम करने की दिशा में एक नया कदम है.
उद्यमी धृतिमान बोरा ने बांस की पानी की बोतलों का आविष्कार करने में अपनी जिंदगी के 17 साल लगा दिए. बांस से बनी ये बोतल पूरी तरह लीक-प्रूफ हैं. यह बोतलें बाज़ारों में आने के कुछ ही समय में घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चर्चा का विषय बन गई है.
वॉटरप्रूफ हैं ये बोतलें
यह पूरी तरह से जैविक हैं और टिकाऊ बांस भालुका (बंबूसा बालकोआ) से साथ बनी हैं. ये 100 प्रतिशत वाटर प्रूफ होती है जो पानी की वजह से खराब नहीं होती. इन बोतलों की बाहरी परत को वाटरप्रूफ ऑयल पॉलिश से पॉलिश किया जाता है. यह बोतलें चिलचिलाती गर्मियों के दौरान भी पानी को ठंडा रखती है.
कितना समय लगता है
इसकी एक बोतल को बनाने में करीब 3 -4 घंटे लगते है. क्योंकि बांस की कटिंग से लेकर पॉलिशिंग सूखने तक ही 3 घंटे लग जाते है.
इन बोतलों की कीमत
अब यह बांस की बोतलें ऑनलाइन भी उपलब्ध है. जिसमें आपको छोटे से लेकर बड़े आकर तक हर प्रकार की बोतल मिल जाएगी. इसकी मार्केट कीमत 400 से लेकर 600 रुपये है.
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