Mill Plant: चक्की प्लांट लगाना एक ऐसा बिजनेस है जो कभी थमने वाला नहीं, क्योंकि खाने की सभी को जरूरत है. बिजनेस को जल्दी बूस्ट करने के लिए इसमें कुछ एक्सपेरिमेंट भी कर सकते हैं. साधारण आटे के साथ-साथ मल्टीग्रेन आटा भी तैयार किया जा सकता है. इसके लिए गेहूं, बाजरा, ज्वार, मक्का, रागी, चना, दाल आदि अनाजों को सही अनुपात में चक्की में पीसकर आटा तैयार कर बेच सकते हैं. अनाज को पीसकर आटा प्राप्त करने की इकाईयां सर्वाधिक परम्परागत इकाईयों में से एक है. बाजार की मांग और स्थानीय जरूरतों को देखते हुए छोटे से बड़े स्तरों पर (घरेलू आटा चक्की, वाणिज्यिक आटा चक्की, बेकरी/मिनी फ्लोर मिल, रोलर आटा मिल) आटा चक्कियां स्थापित की जा सकती हैं. इस तरह की आटा चक्की ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों के लिए उपयोगी और लाभकारी है.
गौरतलब है कि गेहूं के आटे का इस्तेमाल/Use of Wheat Flour चपातियां, बेक्री प्रॉडक्ट और अन्य भुने हुए अनाज आधारित उत्पादों को बनाने में किया जाता है. बड़े पैमाने पर इसका उपयोग ब्रेड, बिस्कुट, केक और बेकरी उत्पादों को बनानें के लिए किया जाता है. सरकार द्वारा लघु उद्योग की सूची में छोटे स्तर पर इकाई शामिल है, इसके द्वारा सरकारी प्रोत्साहन लिया जा सकता है. पिछले तीन सालों से भारत में पैक गेहूं के आटे का बाजार लगभग 19% तक बढ़ा है. खाद्य पदार्थों में मिलावट को देखते हुए शहरी क्षेत्रों में भी लोग गेहूं और अन्य अनाज को रखकर बाजार में पीसने जाते हैं, इससे ताजे आटे का जायका के साथ शुद्धता भी मिलती है.
उत्पादन प्रक्रिया/Production Process
परम्परागत रूप से आटा चक्की से आटा पीसने की प्रक्रिया बहुत खर्चीली और पुरानी है. आटा पीसने के लिए विभिन्न प्रकार की अच्छी और सस्ती चक्कियां उपलब्ध हैं. इस बिजनेस में अच्छी गुणवत्ता का गेहूं या अन्य अनाज मंडी से खरीदा जाता है. इसके के बाद गेहूं को अच्छी तरह से साफ़ कर पीसा जाता है. फिर तैयार आटे को अलग-अलग साइजों के पैकेट में पैक कर बिक्री के लिए भेज दिया जाता है.
आटा चक्की के बिजनेस से लाभ/Profit from Atta Chakki Business
भोजन मनुष्य की सबसे पहली और सबसे बड़ी जरूरत है. अगर संतुलित आहार ना हो तो कई तरह से जिंदगी प्रभावित होती है यानी जीवन जीने के लिए खाना बहुत जरूरी है. भारत में रोटियां, चपाती, फुलका और पराठे मुख्य भोजन का हिस्सा है, इसलिए आटा सबसे बुनियादी और आवश्यक सामग्री में से एक है. इसके अलावा आटा का उपयोग फास्ट फूड आइटम जैसे ब्रेड, पिज्जा, बर्गर, पास्ता, बिस्कुट, सवाइयां इत्यादि बनाने के लिए भी किया जाता है. आटा के अलावा मसालों, बेसन, मैदा का भी खूब उपयोग किया जाता है. इसलिए आटा चक्की के साथ में मसाला पीसने की मशीने भी लगा सकते हैं. इस बिजनेस की खासियत ये है कि इसकी शुरूआत छोटे स्तर या कम पूंजी से भी की जा सकती है.
आटा चक्की बिज़नेस के प्रकार/Type of Atta Chakki Business
आटा चक्की का बिज़नेस दो प्रकार से हो सकता है, एक जिसमें कम पूंजी और कम जगह की आवश्यकता पड़ती है. वहीं दूसरी तरह का सेटअप लगाने के लिए ज्यादा पूंजी और जगह की जरूरत होती है.
बेसिक मिल: इस प्रकार के बिज़नेस में आटा या मसाला पिसाई की सुविधा ग्राहक को दी जाती है. इसमें ग्राहक खुद अनाज या मसाले लेके आता है जिसे पीसना होता है. इस तरह के बिज़नेस में थोड़े समय में शुरू किया जा सकता है और पूंजी बहुत ही कम लगती है. इतना ही नहीं इसमें ज्यादा जमीन की जरुरत भी नहीं होती.
फ्लोर मिल: इस तरह के बिज़नेस में व्यापक पूंजी और जगह चाहिए. इसमें खुद की कंपनी शुरू कर बहुत बड़ा बिज़नेस स्टार्ट किया जा सकता है. इस बिज़नेस में मंडी या किसानों से सीधे अच्छी गुणवत्ता का अनाज खरीदाकर उसे साफकर पीसते हैं. पिसाई के बाद अच्छी क्वालिटी का आटा अपने ब्रांड की पैकजिंग में बेच सकते हैं. इस तरह के बिजनेस में ज्यादा इन्वेस्टमेंट, ज्यादा जमीन और लाइसेंस की जरुरत भी पड़ती है, लेकिन इसमें मुनाफा अधिक है.
आटा चक्की बिज़नेस के लिए कितनी पूंजी और जगह चाहिए/Need for capital and space for Atta Chakki business?
आटा चक्की बिज़नेस/Flour Mill Business में सबसे अधिक निवेश जमीन खरीदने पर करना होता है. बेसिक मील बिजनेस में जमीन की लागत बाजार की स्थिति और जगह पर निर्भर करती है, अगर खुद की जमीन हो तो यह पैसे बच जाते है. इस बिजनेस में 200-300 वर्ग फीट जमीन की जरूरत होती है. इसके बाद आटा चक्की मशीन की लागत लगभग 30,000 से 50,000 रुपए आ सकती है, यह इस बात पर निर्भर करता है मशीन मेनुयल है या ऑटोमेटिक. अन्य खर्च 30,000 से 40,000 रुपए है. इस तरह इसमें कुल मिलाकर लगभग 2,60,000 रूपए की पूंजी लगानी होती है.
फ्लोर मील बिजनेस/flour mill business में 2000 से 3000 वर्ग फीट जमीन पर कम से कम 10 से 15 लाख लागत आती है, और मशीन पर 5-10 लाख खर्च करना पड़ता है. रजिस्ट्रेशन और लाइसेन्स पर 10-15 हजार खर्च होंगे. कंपनी में काम करने वाले स्टाफ के लिए कम से कम 30-60 हजार रुपए का खर्च आता है. अन्य खर्चों पर 50 हजार से एक लाख अतिरिक्त खर्च होंगे. कुल मिलाकर फ्लोर मील के बिजनेस में 15,90,000 से 26,75,000 रूपए की पूंजी लगेगी. इसके लिए बैंक से लोन लेनी के लिए इसके प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर बैंक को प्रस्तुत करनी होगी.
आटा चक्की बिज़नेस के लिए कौनसे लाइसेंस चाहिए/License requirement for Flour Mill Business?
लाइसेन्स सिर्फ बड़े स्तर के कार्य जैसे फ्लोर मील बिजनेस के लिए लेना पड़ता है. पहला लाइसेन्स बिजनेस एनटाइटी के लिए लेना पड़ेगा, जिसके लिए ब्रांड का रजिस्ट्रेशन करना होगा. चूंकि यह फूड बिजनेस है इसलिए Food Safety and Standards Authority of India (FSSAI) से रजिस्ट्रेशन करवाना जरुरी है. इसके बाद व्यापार करने के लिए ट्रेड लाइसेंस की जरूरत पड़ेगी. उद्योग आधार रजिस्ट्रेशन और जीएसटी रजिस्ट्रेशन नम्बर/GST Registration Number लेना होगा. ये सभी लाइसेंस लेने के लिए ऑफ लाइन या ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
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