अगर आप अपना बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, तो एलईडी (LED) बल्ब बनाने का बिजनेस (LED Bulb Making Business) शुरू कर सकते हैं. एलईडी (LED) को लाइट एमिटिंग डायोड कहा जाता है. आजकल बाजार में एलईडी बल्ब (LED) की मांग तेजी से बढ़ रही है.
बीते शुक्रवार पीएम नरेंद्र मोदी (Prime Minister of India Narendra Modi) ने एशिया के सबसे बड़े सोलर पावर प्लांट का उद्घाटन भी किया है. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि एलईडी बल्ब से बिजली का बिल बहुत कम हुआ है. इससे लगभग साढ़े 4 करोड़ टन कम कार्बनडाइआक्साइड पर्यावरण में जाने से रुक रहा है. अगर प्रदूषण कम हो रहा है, तो इसका साफ मतलब है कि देश में एलईडी बल्ब की मांग तेजी से बढ़ रही है. ऐसे में आप एलईडी बल्ब बनाना का बिजनेस शुरू कर सकते हैं. यह आपको बहुत अच्छा मुनाफ़ा देगा. खास बात है कि इस बिजनेस आइडिया (Business Idea)को गांव और शहर, दोनों जगह आसानी से शुरू किया जा सकता है. यह बिजनेस युवाओं के लिए रोजगार का एक बेहतर विकल्प प्रदान करता है.
एलईडी बल्ब बनाने का बिजनेस (LED Bulb Making Business)
जब इलेक्ट्रॉन अर्धचालक पदार्थ से होकर गुजरता है, तो छोटे कणों को रोशनी देता है, जिसको एलईडी (LED) कहते हैं. यह सबसे अधिक रोशनी प्रदान करता है. बता दें कि एलईडी बल्ब को रिसाइकिल (recycled) किया जा सकता है. इसमें सीएफएल (CFL) बल्बों की तरह पारा (mercury) नहीं होता है, क्योंकि इसमें लेड (lead) और निकल (Nickel) जैसे घटक पाए जाते हैं.
एलईडी बल्ब बनाने का बिजनेस (LED Bulb Making Business)
जब इलेक्ट्रॉन अर्धचालक पदार्थ से होकर गुजरता है, तो छोटे कणों को रोशनी देता है, जिसको एलईडी (LED) कहते हैं. यह सबसे अधिक रोशनी प्रदान करता है. बता दें कि एलईडी बल्ब को रिसाइकिल (recycled) किया जा सकता है. इसमें सीएफएल (CFL) बल्बों की तरह पारा (mercury) नहीं होता है, क्योंकि इसमें लेड (lead) और निकल (Nickel) जैसे घटक पाए जाते हैं.
बिजनेस में लगने वाली लागत
बाजार में एलईडी बल्ब की मांग तेजी से बढ़ रही है, इसलिए कई बड़ी कंपनियां इसका निर्माण कर रही हैं. बता दें कि कम लागत के व्यापारी लैंप कॉम्पोनेन्ट बनाने का बिजनेस शुरू कर सकते है. एक छोटे से वर्कशॉप तैयार करने के लिए कम से कम 4 से 5 लाख रुपए की लागत लगती है. मगर सबसे पहले इस बिजनेस का पंजीकरण एमएसएमई द्वारा भारत सरकार के अधीन कराना पड़ता है.
एलईडी बल्ब की खासियत
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इस बल्ब से सीएफएल की तुलना में कम बिजली खपत होती है.
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सीएफएल से 1 साल में लगभग 80 प्रतिशत की ऊर्जा लागत लगती है.
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एलईडी बल्ब सीएफएल की तुलना में महंगा होता हैं.
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एक एलईडी बल्ब की लाइफ लगभग 50 हजार घंटे या अधिक हो सकती है, जबकि सीएफएल बल्ब की लाइफ 8 हजार घंटे तक होती है.
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एलईडी बल्ब टिकाऊ होते हैं.
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एलईडी बल्ब काफी लंबे समय तक चल जाते हैं.
ये संस्थान दे रहे एलईडी बनाने की ट्रेनिंग
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मिनिस्ट्री ऑफ माइक्रो
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स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज के तहत कई संस्थान ट्रेनिंग दे रहे हैं.
अगर आप एलईडी बल्ब बनाने की ट्रेनिंग लेते हैं, तो इस दौरान आपको बेसिक आफ एलईडी, बेसिक ऑफ पीसीबी, एलईडी ड्राइवर, फिटिंग-टेस्टिंग, मैटेरियल की खरीद, मार्केटिंग, सरकारी सब्सिडी संबंधी ज़रूरी जानकारी दी जाएगी. इस तरह आप आपना एलईडी का बिजनेस शुरू करके अच्छा पैसा कमा सकते हैं.
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