कर्नाटक में लंबे चुनावी हलचल के बाद विधानसभा चुनाव का अंत हुआ। भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करते हुए राज्य में सबसे ज्यादा सीट जीता। हालांकि चुनाव में किसी भी राजनीतिक पार्टी को भी पूर्ण बहूमत नहीं मिला। 15 मई को परिणाम घोषित होने के बाद सभी पार्टीयों में सरकार बनाने की जद्दोदहद तेज़ हो गई। लेकिन भाजपा के येदियुरप्पा ने सरकार बनाने का दावा करते हुए मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
शपथ लेने के साथ ही मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने किसानों की कर्जमाफी का ऐलान किया। हालांकि इस संबंध में एक-दो दिन में औपचारिक घोषणा की जाएगी। येदियुरप्पा ने चुनाव के वक्त किसानों के लिए कई तरह की योजनाएं और लाभ देने का वादा किया था। और शय़ायद इसको किसानों के हित में देखा दा सकता है। शायद इस बात का अनुमान येदियुरप्पा को भी है की राज्य में भाजपा की जीत में किसानों की अहम भूमिका रही है।
राज्य में कुल 222 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव में भाजपा 104 सीटें जीतने में कामयाब हुई है। वहीं राज्य में चुनाव लड़ रही कांग्रेस को 78 सीटें और जेडीएस को 37 सीटें मिली हैं। बाकी की 3 सीटें अन्य के खाते में गई हैं। समीकरण की बात करें तो अनुमानित आंकड़ों के अनुसार भाजपा को जिताने में किसानों की अहम भूमिका रही। वहीं जातिय समिकरण की बात करें तो राज्य में ओबीसी, दलित और लिंगायत ने भाजपा का पूरजोर साथ दिया।
येदियुरप्पा ने आज सुबह अकेले ही मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। भाजपा को 104 सीटे मिली हैं । भाजपा को उम्मीद है कि 222 विधायकों के सदन में वह अपना बहुमत सिद्ध कर देगी।
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