बिहार के नक्सल प्रभावित शिवहर जिले में एक अनोखा गांव है, जहां महिलाएं खेती करती हैं. अपनी मेहनत से इन महिला किसानों ने पूरे उत्तर बिहार में एक अलग पहचान बनाई है. गांव की महिलाओं ने खेती के बदौलत न सिर्फ गांव को विकसित कर दिया है
बल्कि गांव का कोई भी पुरुष बेरोजगार भी नहीं है. इस गांव में खेतों से आपको महिला सशक्तिकरण का रंग देखने को मिलेगा.
शिवहर जिले के शिवहर प्रखंड का कोठिया गांव
यह गांव अब कोई परिचय का मोहताज नहीं है. 4000 हजार की आबादी वाले इस गांव में तकरीबन साढ़े सात सौ एकड़ जमीन पर सब्जी की खेती होती है.
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महिलाएं सुबह अपने खेतों से सब्जी तोड़ती हैं और उसे बेचने के लिए बाजार में भेज देती हैं. यहां की सब्जी शिवहर के विभिन्न बाजारों के अलावा पड़ोसी जिले सीतामढ़ी, मुजफ्फपुर और दरभंगा समेत कई शहरों में भेजी जाती है.
गांव की महिलाओं द्वारा किसान क्लब के गठन के बाद उसमें सैकड़ों महिलाएं जुड़ गईं. फिर आधुनिक खेती के जरिये महिलाओं ने अपने भाग्य संवारने का निर्णय लिया. महिलाओं की इस बेहतरीन काम के लिए सरकार से भी समय- समय पर कम ही सही लेकिन मदद मिलती है. कहा जा रहा है कि गांव की ये महिलाएं किसान वर्मी कम्पोस्ट, मिश्रित खेती और श्रीविधि खेती से परम्परागत खेती में भी महारत हासिल कर चुकी हैं.
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