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Apara Ekadashi 2022: धन और सौभाग्य के लिए करें ये व्रत, जानें तिथि, समय, महत्व और नियम

एकादशी का व्रत दशमी से शुरू होकर द्वादशी तक चलता है. ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु ने युधिष्ठिर को अपरा एकादशी की श्रेष्ठता के बारे में बताया था. भगवान कृष्ण ने यह भी कहा कि एकादशी व्रत का पालन करने वाला प्रत्येक व्यक्ति अपने परोपकारी कार्यों के लिए प्रसिद्ध होगा.

रुक्मणी चौरसिया
अपरा एकादशी 2022 (Apara Ekadashi 2022)
अपरा एकादशी 2022 (Apara Ekadashi 2022)

हिंदू धर्म में अपरा एकादशी (Apara Ekadashi 2022), जिसे ज्येष्ठ विष्णु एकादशी (Vishnu Ekadashi) के नाम से भी जाना जाता है, और इसको एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है. माना जाता है कि इस दिन उपवास रखने वाले भक्त अपने पिछले जीवनकाल में किए गए किसी भी अपराध के लिए खुद को क्षमा करने में सक्षम होते हैं. यह इस दिन को मनाने वाले उपासकों के लिए धन और सौभाग्य भी लाता है.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह इस साल 26 मई (26 May Apara Ekadashi) को मनाया जाएगा. एकादशी मई में चंद्र ग्रहण के 11 वें दिन, शीतकालीन संक्रांति के अनुसार मनाई जाती है.

अपरा एकादशी 2022 तिथि और समय (Apara Ekadashi 2022 date and time)

  • अपरा एकादशी: गुरुवार, 26 मई 2022

  • पारण का समय 27 मई को प्रातः 05:55 से 08:36 बजे के बीच

  • पारण के दिन द्वादशी समाप्ति क्षण 11:47 AM

  • एकादशी तिथि 25 मई, 2022, सुबह 10:32 बजे शुरू होगी

  • एकादशी तिथि 26 मई, 2022, सुबह 10:54 बजे समाप्त होगी

  • अपरा एकादशी का महत्व (Significance of Apara Ekadashi)

ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) ने युधिष्ठिर को अपरा एकादशी की श्रेष्ठता के बारे में बताया था. भगवान कृष्ण ने यह भी कहा कि एकादशी (Apara Ekadashi) व्रत का पालन करने वाला प्रत्येक व्यक्ति अपने परोपकारी कार्यों के लिए प्रसिद्ध होगा. जो व्यक्ति कुछ पापों के पश्चाताप से फिर से संघर्ष कर रहा है, उसके लिए अपरा एकादशी व्रत अत्यंत सहायक है.

अपरा एकादशी व्रत एक भक्त के लिए समृद्धि और धन लाता है. जो अपरा एकादशी का पालन करता है, वह कार्तिक के महत्वपूर्ण धार्मिक महीने के दौरान पवित्र गंगा नदी में स्नान करने वालों के रूप में कुछ विशेषाधिकार प्राप्त करता है. यह पशु देने या पवित्र यज्ञों का पालन करने के समान है.

अपरा एकादशी व्रत के नियम (Apara Ekadashi Fasting Rules)

एकादशी (Ekadashi) का व्रत दशमी से शुरू होकर द्वादशी तक चलता है. जिस दिन व्रत करना शुरू करें, उस दिन भक्त को अगली सुबह जल्दी उठना चाहिए, गंगा जल (Ganga Jal) से स्नान करना चाहिए और ताजे कपड़े पहनना चाहिए. यह याद रखना चाहिए कि जो लोग उपवास कर रहे हैं उन्हें कुछ भी नहीं खाना चाहिए. इसलिए अपरा एकादशी की पूर्व संध्या पर व्यक्ति को सात्विक भोजन करना चाहिए.

भगवान विष्णु की मूर्ति पर फूल, पान, नारियल और अन्य सामान चढ़ाया जा सकता है. इसके बाद मन्नत पूरी करने के लिए भगवान कृष्ण को प्रणाम करें. शाम के समय भगवान विष्णु की मूर्ति के पास एक दीया जलाएं. उस दिन ब्राह्मणों को भोजन कराने का बहुत महत्व होता है. पूजा करने के बाद अपने प्रियजनों को प्रसाद चढ़ाएं.

हमेशा याद रखें, उपवास करने वाला व्यक्ति आधी रात तक आराम नहीं करता है. इस दिन अपने खाना पकाने में प्याज या लहसुन को शामिल करने से बचें. अपरा एकादशी से एक सप्ताह पहले चावल का सेवन करने से बचें. प्रो-टिप, इसका सेवन करने के लिए अगले सप्ताह तक प्रतीक्षा करें.

English Summary: Apara Ekadashi 2022: Do this fast for wealth and good luck, know date, time, importance and rules Published on: 15 May 2022, 12:53 PM IST

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