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Sanchar Saathi portal: संचार साथी पोर्टल क्या है और इससे किसे होगा फायदा? इस डायरेक्ट लिंक से उठाएं लाभ

संचार साथी पोर्टल की शुरुआत हो चुकी है. अब डिजिटल धोखाधड़ी करने वालों पर लगाम लगेगी. ऐसे में चलिए जानते हैं इस पोर्टल के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारी...

अनामिका प्रीतम
Sanchar Saathi portal
Sanchar Saathi portal

केंद्र सरकार के सपने डिजिटल भारत को साकार करने के लिए डिजिटल उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा बेहद अहम है. ऐसे में इसी सपने को पूरा करने के लिए संचाररेलवे और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रोद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को संचार साथी पोर्टल की शुरुआत की है.

Minister Ashwini Vaishnav inaugurating Sanchar Saathi Portal
Minister Ashwini Vaishnav inaugurating Sanchar Saathi Portal

डिजिटल धोखाधड़ी करने वालों पर अब लगेगी लगाम

संचार साथी पोर्टल का शुभारंभ करते हुए मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मोबाइल फोन का दुरुपयोग कर पहचान की चोरीजाली केवाईसीबैंकिंग धोखाधड़ी जैसे विभिन्न धोखे भी हो सकते हैं. ऐसी धोखाधड़ी से बचने के लिए इस पोर्टल को विकसित किया गया है. उन्होंने कहा कि उपयोगकर्ता सुरक्षा ड्राफ्ट टेलीकॉम बिल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी है. इस दौरान अश्विनी वैष्णव ने उपयोगकर्ताओं से पोर्टल पर जाकर सेवाओं का लाभ उठाने की अपील की है.

संचार साथी पोर्टल का लिंक- https://sancharsaathi.gov.in

धोखाधड़ी करने वाले 40 लाख से अधिक कनेक्शन की पहचान

अगर सरकारी आंकड़ों पर नजर डालें तो संचार साथी पोर्टल का उपयोग करके अब तक धोखाधड़ी करने वाले 40 लाख से अधिक कनेक्शन की पहचान की गई है और 36 लाख से अधिक ऐसे जुड़ावों को अब तक बंद भी कर दिया गया है.

संचार साथी पोर्टल के फायदे

जैसा की 117 करोड़ सब्सक्राइबर्स के साथभारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा टेलीकॉम इकोसिस्टम के रूप में उभरा है. कम्यूनिकेशन के अलावामोबाइल फ़ोन बैंकिंगमनोरंजनई-लर्निंगस्वास्थ्य सेवाएंसरकारी सेवाओं का लाभ उठाने के लिए उपयोग किए जा रहे हैं.

इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि उपयोगकर्ताओं को पहचान चोरीजाली केवाईसीमोबाइल उपकरणों की चोरीबैंकिंग धोखाधड़ी आदि जैसे विभिन्न जालसाजियों से सुरक्षित रखा जाए.

ये भी पढ़ें: e- Shram Portal पर पंजीकृत कामगारों को मिल रही नौकरियां, आसपास के इलाके में ही मिलेंगे विकल्प

उपयोगकर्ताओं को संरक्षित करने के लिए, दूरसंचार विभाग ने संचार साथी नामक एक नागरिक सेंट्रिक पोर्टल विकसित किया है. इसकी मदद से नागरिकों को निम्नलिखित कार्य करने की अनुमति है:

  • उनके नाम पर पंजीकृत कनेक्शन की जांच

  • जाली या अनावश्यक कनेक्शन की रिपोर्ट

  • चोरी या खो गए मोबाइल फ़ोन को ब्लॉक

  • मोबाइल खरीदने से पहले आईएमईआईकी सत्यता की जांच

ये पूरा सिस्टम दूर संचार विभाग द्वारा स्वयं तैयार किया गया है. इसमें निम्नलिखित मॉड्यूल हैं.

सेंट्रलाइज्ड इक्विपमेंट आईडेंटिटी रजिस्टर (सीईआईआर)

  • यदि किसी मोबाइल डिवाइस की चोरी हो जाए या खो जाएतो उपयोगकर्ता पोर्टल पर आईएमईआई नंबर जमा कर सकता है.

  • उपयोगकर्ता द्वारा जमा की गई जानकारी के साथ पुलिस शिकायत की प्रतिलिपि सत्यापित की जाती है.

  • सिस्टम टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं और कानूनी प्रवर्तन एजेंसियों से एकीकृत है.

  • एक बार जानकारी सत्यापित होने परसिस्टम भारतीय नेटवर्क में चोरी हुए मोबाइल फोन के उपयोग से रोक देता है.

  • यदि कोई चोरी किए गए डिवाइस का उपयोग करने की कोशिश करता हैतो सिस्टम कानूनी प्रशासन एजेंसियों को डिवाइस को ट्रेस करने की अनुमति देता है.

  • जब चोरी किए गए डिवाइस को वापस प्राप्त किया जाता हैतो उपयोगकर्ता पोर्टल पर डिवाइस को अनलॉक कर सकता है.

  • सिस्टम चोरी/ खो गए मोबाइल का उपयोग रोकता है.

  • यह भारतीय नेटवर्क में गलत या जाली आईएमईआई वाले मोबाइल डिवाइस का उपयोग करने से भी रोकता है.

अपने मोबाइल को जानें

यह नागरिकों को उनकी मोबाइल डिवाइस के आईएमईआई की सत्यापितता की जांच करने की सुविधा प्रदान करता है.

फ्रॉड मैनेजमेंट और उपभोक्ता संरक्षण के लिए दूरसंचार विश्लेषण (टीएएफसीओपी)

  • इसके जरिए एक उपयोगकर्ता को पेपर-आधारित दस्तावेजों का उपयोग करके उसके नाम पर किए गए मोबाइल कनेक्शनों की संख्या जांचने की सुविधा प्रदान की जाती है.

  • उपयोगकर्ता पोर्टल पर अपना मोबाइल नंबर दर्ज करता है और ओटीपी का उपयोग करके प्रमाणित करता है.

  • सिस्टम पेपर-आधारित दस्तावेजों (जैसे पेपर आधारपासपोर्ट आदि) के जरिए उसके नाम पर किए गए कुल कनेक्शन दिखाता है.

  • सिस्टम उपयोगकर्ताओं को फ्रॉडुलेंट कनेक्शनों की रिपोर्ट करने की अनुमति देता है.

  • यह उपयोगकर्ताओं को उन कनेक्शनों को ब्लॉक करने की भी अनुमति देता है जो आवश्यक नहीं हैं.

  • उपयोगकर्ताओं द्वारा रिपोर्ट करने परसिस्टम पुनर्सत्यापन प्रक्रिया को शुरू करता हैऔर अंतत: कनेक्शन बंद कर दिए जाते हैं.

  • टेलीकॉम एसआईएम सब्सक्राइबर सत्यापन के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और फेस रिक्गनीशन से लैस प्रौद्योगिकी संचालित समाधान (एएसटीआर)

  • फर्जी/जाली दस्तावेजों का उपयोग करके प्राप्त मोबाइल कनेक्शन को साइबर फ्रॉड के लिए उपयोग किया जाता है.

  • इस समस्या को रोकने के लिएदूरसंचार विभाग ने एक कृत्रिम उपकरण-एएसटीआर विकसित किया है जो फर्जी/जाली दस्तावेजों का उपयोग करके जारी किए गए सिम की पहचान करता है.

  • एएसटीआर चेहरे की पहचान और डेटा विश्लेषण के विभिन्न तकनीकों का उपयोग करता है.

  • पहले चरण मेंपेपर आधारित केवाईसी के साथ कनेक्शन का विश्लेषण किया गया था.

एएसटीआर से प्राप्त सफलता

  • पहले चरण में87 करोड़ से अधिक मोबाइल कनेक्शनों का विश्लेषण किया गया.

  • इतने बड़े डेटा प्रोसेसिंग के लिएपरम-सिद्धि सुपरकंप्यूटर का उपयोग किया गया था.

  • कई मामलों में एक फोटोग्राफ का उपयोग सैकड़ों कनेक्शन प्राप्त करने के लिए किया गया था.

  • कुल मिलाकर40.87 लाख संदिग्ध मोबाइल कनेक्शन खोजे गए थे.

  • उचित सत्यापन के बाद 36.61 लाख कनेक्शनों को पहले से ही बंद कर दिया गया है. बाकी कनेक्शन प्रक्रिया के अंतर्गत हैं.

  • ऐसे मोबाइल कनेक्शन बेचने में शामिल 40,123 बिक्री केंद्रों को सेवा प्रदाताओं द्वारा ब्लैकलिस्ट किया गया है और भारत भर में 150 से अधिक एफआईआर दर्ज किए गए हैं.

  • बंद किए गए नंबरों के विवरणों को बैंकोंभुगतान वॉलेट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के साथ साझा किया गया है ताकि इन नंबरों को उनके खातों से अलग किया जा सके.

Source: PIB

English Summary: Sanchar Saathi portal: What is Sanchar Saathi portal and who will benefit from it? Take advantage of this direct link Published on: 17 May 2023, 11:44 AM IST

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