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पशुचारा ज्ञान पोर्टल की शरूआत

कृषि एवं किसान कल्‍याण राज्‍य मंत्री श्री परषोत्‍तम रूपाला ने कहा है कि कृषि देश की ग्रामीण अर्थव्‍यवथा की रीढ़ है, जिसमें डेरी की अहम भूमिका है। भारत दुनिया में सबसे बड़ा दुग्‍ध उत्‍पादन देश है, लेकिन इसके बावजूद प्रति पशु उत्‍पादकता में सुधार की अपार क्षमताएं मौजूद हैं। पशुचारा उत्‍पादन की गुणवत्‍ता सुधार एवं पशुचारा गुणवत्‍ता नियंत्रण के संबंध में राष्‍ट्रीय डेरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) द्वारा आणंद में आयोजित आज एक राष्‍ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए उन्‍होंने यह कहा। कार्यशाला में सांसद श्री दिलीप पटेल, एनडीडीबी के अध्‍यक्ष श्री दिलीप रथ और डॉ. एचपीएस मक्‍कड़, एफएओ, रोम सहित देश भर के लगभग 200 पशुचारा विशेषज्ञ उपस्‍थित थे।

कृषि एवं किसान कल्‍याण राज्‍य मंत्री श्री परषोत्‍तम रूपाला ने कहा है कि कृषि देश की ग्रामीण अर्थव्‍यवथा की रीढ़ है, जिसमें डेरी की अहम भूमिका है। भारत दुनिया में सबसे बड़ा दुग्‍ध उत्‍पादन देश है, लेकिन इसके बावजूद प्रति पशु उत्‍पादकता में सुधार की अपार क्षमताएं मौजूद हैं। पशुचारा उत्‍पादन की गुणवत्‍ता सुधार एवं पशुचारा गुणवत्‍ता नियंत्रण के संबंध में राष्‍ट्रीय डेरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) द्वारा आणंद में आयोजित आज एक राष्‍ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए उन्‍होंने यह कहा। कार्यशाला में सांसद श्री दिलीप पटेल, एनडीडीबी के अध्‍यक्ष श्री दिलीप रथ और डॉ. एचपीएस मक्‍कड़, एफएओ, रोम सहित देश भर के लगभग 200 पशुचारा विशेषज्ञ उपस्‍थित थे।

श्री रूपाला ने कहा कि दुग्‍ध की मांग बढ़ने के साथ डेरी पशुओं की उत्‍पादकता में भी इजाफा होना चाहिए। अब समय आ गया है कि हम बेहतर गुणवत्‍ता वाले पशुचारा की उत्‍पादन के प्रयास करें और इस संबंध में विभिन्‍न श्रेणियों के पशुओं के लिए उनके अनुकूल चारा उत्‍पादन को प्रोत्‍साहन दें। पशुचारा उत्‍पादन की गुणवत्‍ता सुनिश्‍चित करने के लिए योग्‍य और पशु क्षेत्र लोगों की जरूरत है। इसके अलावा कुशल इकाइयों और मशीनों तथा तकनीकी विशेषज्ञता भी जरूरी है। श्री रूपाला ने इस कार्यशाल के आयोजन के लिए एनडीडीबी को धन्यवाद दिया, जिसमें तमाम विषयों पर चर्चा करने के लिए देश भर की डेरी सहकारी संस्‍थानों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। मंत्री महोदय ने आशा व्‍यक्‍त की कि कार्यशाला में विश्‍व मानकों के अनुरूप चारा उत्‍पादन के तरीकों पर विचार किया जाएगा। उन्‍होंने एनडीडीबी से आग्रह किया कि डेरी प्रौद्योगिकी की आधुनिकीकरण के लिए भारत सरकार द्वारा बजट आवंटन का भरपूर लाभ उठाएं।

श्री परषोत्‍तम रूपाला ने एनडीडीबी के पशुचारा ज्ञान पोर्टल का भी उद्घाटन किया। इस पोर्टल पर पशुचारा उत्‍पादन से संबंधित विभिन्‍न विषयों की जानकारी दी गई है। इसके अलावा सस्‍ते पशुचारा बनाने, चारा आपूर्ति, कच्‍चे माल इत्‍यादि के बारे में भी सूचना उपलब्‍ध है।

श्री दिलीप पटेल ने ‘अंडरस्‍टेंडिंग युअर बोवाइन’ नामक पुस्‍तिका जारी की। इस पुस्‍तिका में पशुओं के बारे में आसान जानकारी दी गई है, ताकि उनके रखरखाव, चारे, स्‍वास्‍थ्‍य, स्‍वच्‍छता इत्‍यादि का उचित बंदोबस्‍त किया जा सके और पशु पालकों को समस्‍त जानकारी मिल सकें, जिससे उन्‍हें नुकसान न हो।

अपने स्‍वागत भाषण में एनडीडीबी के अध्‍यक्ष श्री दिलीप रथ ने कहा कि भारत में दूध देने वाले पशुओं को फसल के अवशेष खिलाने की परंपरा है। इसके अलावा अन्‍य सहायक फसलें भी उन्‍हें दी जाती हैं, जिन्‍हें घरेलू स्‍तर पर पैदा किया जाता है। इस संबंध में जरूरी है कि पशुओं को पोषक तत्‍व दिए जाएं ताकि दुग्‍ध उत्‍पादन में बढ़ोत्‍तरी हो सके। अध्‍यक्ष महोदय ने कहा कि दूध देने वाले पशुओं को संतुलित मात्रा में खाद्य सामग्री देने से उनकी क्षमता बढ़ेगी और लागत कम आएगी। इसके अलावा पशुओं की रोग-प्रतिरोधक क्षमता, प्रजनन क्षमता में इजाफा होगा और मीथेन उत्‍सर्जन में कमी आएगी। हरे चारे की पर्याप्‍त मात्रा और गुणवत्‍ता के अभाव में सांद्र चारा डेरी पशुओं को आवश्‍यक तत्‍व प्रदान कर सकता है।

एनडीडीबी के अध्‍यक्ष ने बताया कि डेरी सहकारी तंत्र हर साल लगभग 3.6 मिलियन टन चारे का उत्‍पादन करता है। 70 पशुचारा संयंत्रों में लगभग 5 मिलियन टन उसकी स्‍थापित क्षमता है। इसके अलावा निजी क्षेत्र में 4.5 मिलियन टन का उत्‍पादन होता है।

कार्यशाला के दौरान पशुचारा उत्‍पादन, चारा संयंत्रों में गुणवत्‍ता नियंत्रण, चारा उत्‍पादन क्षमता में सुधार, चारा उत्‍पादन संबंधी नए तरीकों, सस्‍ता चारा उत्‍पादन और गुणवत्‍ता नियंत्रण प्रयोगशालाओं के आधुनिकीकरण जैसे विषयों पर भी चर्चा की गई।

English Summary: Introduction of veterinary knowledge portal Published on: 27 August 2017, 01:49 AM IST

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