इम्पलॉई प्रॉविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन (ईपीएफओ) ने एक सर्कुलर जारी करके पेंशन निर्गत करने वाले सभी बैंकों और डाक सेवा के प्रमुखों से कहा है कि पेंशन के लिए वे अनिवार्य तौर पर आधार की मांग न करें। जिनके पास आधार नहीं है उनकी पहचान वैकल्पिक दस्तावेजों से करें। बैंकों से कहा गया है कि जिनके पास आधार नहीं है, उन्हें आधार बनवाने के लिए पंजीकरण को कहें। आधार इनरोलमेंट रसीद के साथ जीवित प्रमाण पत्र के साथ वे पेंशन जारी कर सकते हैं।
सर्कुलर में कहा गया है कि जिनकी अंगुलियों के निशान घिस चुके हैं और उनके सत्यापन में दिक्कत आ रही हो तो बैंक आंखों की पुतली स्कैन करने की व्यवस्था करें ताकि उससे व्यक्ति का सत्यापन किया जा सके। ईपीएफओ ने कहा है कि बैंकों के साथ पेंशन निर्गत का समझौता होने के बाद यह जिम्मेदारी बैंकों की बनती है। समझौते के तहत बैंकों को हर साल नवंबर के महीने में प्रत्येक पेंशन प्राप्त करने वालों से जीवित प्रमाण पत्र या विधवा प्रमाण पत्र लेकर ईपीएफओ को उचित कार्रवाई के लिए भेजे।
पेंशन जारी करने वाले बैंक शाखा पहले जीवित प्रमाण पत्र कागज के रूप में जमा कराते थे। लेकिन 2016 से जीवित प्रमाण पत्र डिजिटली जीवन प्रमाण के रूप में सत्यापित किया जाने लगा। जीवन प्रमाण का सत्यापन मोबाइल फोन से उमंग एप के जरिए भी किया जा सकता है। सर्कुलर में कहा गया है कि कुछ शिकायतें मिली थीं कि आधार नहीं होने के कारण कुछ लोगों को पेंशन देने से मना किया जा रहा है। वहीं कुछ लोगों की अंगुलियों के निशान घिस जाने, नेटवर्क प्राब्लम या फिर किसी अन्य तकनीकी वजहों से उनका सत्यापन नहीं हो पा रहा है जिससे उन्हें पेंशन नहीं दी जा रही है।
- प्रियंका वर्मा
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