नवरात्रि का पर्व बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जाता है. इस दिन माँ दुर्गा के नौ रूप की पूजा करते हैं. नवरात्रि का पर्व (Navratri Festival) साल में दो बार आता है, जिन्हें चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि से जानते हैं. अभी शारदीय नवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा है. ऐसे में आपको नवरात्रि की पूजा विधि और पूजन का पता होना चाहिए.
नवरात्रि की पूजन सामग्री (Navratri Puja Samgri)
नवरात्रि की पूजन सामग्री में मां दुर्गा की प्रतिमा, सिंदूर, केसर, कपूर, धूप, वस्त्र, दर्पण, कंघी, कंगन-चूड़ी, सुगंधित तेल, चौकी, लाल कपड़ा, पानी वाला जटायुक्त नारियल, पुष्प, दूर्वा, मेंहदी, बिंदी, सुपारी साबुत, हल्दी की गांठ और पिसी हुई हल्दी, पटरा, आसन, पांच मेवा, घी, लोबान,गुग्गुल, लौंग, कमल गट्टा,सुपारी, कपू, हवन कुंड, चौकी, रोली, मौली, पुष्पहार, बेलपत्र, कमलगट्टा, दीपक, दीपबत्ती, नैवेद्य, शहद, शक्कर, पंचमेवा, जायफल, लाल रंग की गोटेदार चुनरीलाल रेशमी चूड़ियां, सिंदूर, आम के पत्तेव, लाल वस्त्र, लंबी बत्ती के लिए रुई या बत्ती, धूप, अगरबत्ती, माचिस, कलश, साफ चावल, कुमकुम, मौली, श्रृंगार का सामान, दीपक, घी/ तेल ,फूल, पान, सुपारी, लाल झंडा आदि शामिल है
नवरात्रि में घटस्थापना (Ghatasthapana in Navratri)
"नवरात्री में माँ की घटस्थापना के लिए सबसे पहले एक जगह को साफ पानी और गंगा जल से धो लें. इसके बाद जगह पर कई प्रकार के रंगों से रंगोली बनाएं. अगर आपके पास रंग नहीं हैं, तो आप आटे से भी रंगोली बना सकते हैं. इसके बाद एक कलश लें और उस कलश में पानी और गंगाजल भर दें. अब इस कलश के अन्दर एक चांदी का सिक्का डाल दें.
अगर आपके पास चांदी का सिक्का नहीं है, तो आप किसी भी धातू का सिक्का डाल सकते हैं. इसके बाद घट को उस रंगोली के ऊपर रख दें. ध्यान रहे कि घट को रखने से पहले उसके नीचे थोड़े चावल भी रख दें. इसके बाद एक नारियल को लाल कपड़े में लपेटकर घाट के ऊपर रख दें.
नवरात्रि पूजा विधि (Navratri Puja Method)
सबसे पहले माँ की प्रतिमा को गंगा जल से स्नान कराएं. इसके बाद माँ को सिन्दूर अर्पण करें, फिर माँ को फूल, फल अर्पित करें. इसके बाद आप माँ की आरती करें और शाम में देवी माँ का हवन भी कर सकते हैं.
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