कहते हैं कि अगर कोई इन्सान अपनी आँखों से कोई सपना देखता है तो उसे एक यह उम्मीद लग जाती है कि उसका सपना जरुर पूरा होगा. इसके लिए वो कड़ी मेहनत करना शुरु कर देते हैं, ऐसे सपने को साकार किया गाँव की बेटी मानुषी छिल्लर. मानुषी छिल्लर ने चीन में हुए मिस वर्ल्ड कॉम्पिटिशन को जीतकर 17 साल के बाद भारत को यह ख़िताब जिताया है. आखिरी बार भारत की ओर से मिस वर्ल्ड का ख़िताब साल 2000 में प्रियंका चोपड़ा ने दिलाया था. यहाँ पर सोचने वाली बात यह है कि हरियाणा के एक छोटे से गावों से ताल्लुक रखने वाली 20 वर्षीय लड़की ने यह ख़िताब जीता है. इसी प्रतियोगिता में उनको उन्हें ब्यूटी विद पर्पज का भी खिताब दिया गया.
फाइनल राउंड में ज्यूरी सदस्यों ने जब मानुषी से पूछा कि किस पेशे में सबसे ज्यादा वेतन मिलना चाहिए और क्यों। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि मां को सबसे ज्यादा सम्मान मिलना चाहिए। जहां तक वेतन का सवाल है तो इसके लिए उन्हें नकद में वेतन नहीं बल्कि सम्मान और प्यार मिलना चाहिए। मेरी मां सबसे बड़ी प्रेरणा हैं। सभी मां अपने बच्चों के लिए बहुत त्याग करती हैं, इसलिए मॉ की जॉब सबसे अधिक वेतन का हकदार है। ।इस ख़िताब को जितने के बाद मानुषी की आँखे छलक उठी. वही दूसरी और उनके घर पर ख़ुशी का माहौल है.
कौन है मानुषी छिल्लर :
हरियाणा के झज्जर जिले के बामनोली गांव की रहने वाली 20 वर्षीय मानुषी इस समय सोनीपत के भगत फूल सिंह मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा हैं। उनके माता पिता पेशे से डॉक्टर हैं जो कि दिल्ली में रहते हैं. मानुषी ने न सिर्फ अपने अपने परिवार का बल्कि पूरे देश का मान बढाया है. मानुषी ने 25 जून 2017 को हुई फेमिना मिस इंडिया प्रतियोगिता में मिस इंडिया का ताज अपने नाम किया था। इसमें उन्होंने हरियाणा का प्रतिनिधित्व किया था।
मानुषी सामाजिक कार्यों में भी में भी भाग लेती हैं, उनका सपना है कि गांवों में अस्पताल खोलकर वो देश सेवा करे. मिस वर्ल्ड वेबसाइट की प्रोफाइल के अनुसार, 14 मई 1997 को जन्मी मानुषी कार्डिक सर्जन बनना चाहती हैं। साथ ही ग्रामीण इलाकों में नॉन-प्रॉफिट पर आधारित अस्पताल खोलने की इच्छा है।
अपने माता पिता को मानती है प्रेरणा
मानुषी छिल्लर कि देश को गौरवान्वित करने से बहुत उत्साहित हूं। मैं भविष्य में भी अच्छा होते हुए देख रही हूं। मेरे माता-पिता हमेशा से मजबूती के साथ खड़े रहे हैं और आज भी वे यहां मेरे साथ हैं। वे यहां मेरी ताकत बनने और खुशी देने आए थे। मुझे अपने माता-पिता पर गर्व है. मानुषी के यह ख़िताब जितने के बाद देश के प्रधानमत्री नरेन्द्र मोदी ने भी उनको ट्वीट कर बधाई दी.
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