इन दिनों खेतों में गेहूं की फसल की कटाई/ Wheat Harvest चल रही है. कटाई के बाद गेहूं के दानों/ Wheat Grains को ड्रमों में सुरक्षित रखा जाता है. ताकि किसान उन्हें बाजार में समय पर बेचकर अधिक लाभ प्राप्त कर सके. लेकिन अक्सर देखा जाता है कि कई बार ड्रमों में गेहूं को रखने से उसमें कीड़े लग जाते हैं, जो गेहूं के दानों को खराब कर देते हैं. अगर आपके साथ भी ऐसा ही कुछ होता है, तो घबराएं नहीं आज हम आपके लिए ड्रमों में गेहूं को कीड़ों से बचाने के कुछ बेहतरीन देसी टिप्स लेकर आए हैं, जिसकी मदद से आप लंबे समय तक गेहूं को सुरक्षित रख सकते हैं.
ड्रमों में गेहूं के दानों को सुरक्षित रखने के लिए इन देसी टिप्स/ Desi Tips को अपनाने के लिए आपको अतिरिक्त खर्च करने की भी जरूरत नहीं है. आइए इन देसी जुगाड़ के बारे में विस्तार से जानते हैं...
ड्रमों में गेहूं को कीड़ों से बचाने की टिप्स
गेहूं की कटाई/ Wheat Harvesting के बाद दानों में भुट्टे, भूसी, धूल और खरपतवार के बीज आदि होते हैं. इसी तरह दानों में कुछ टूटे हुए दाने भी होते हैं, जिन पर साबुत अनाज से पहले ही कीड़ों का हमला हो जाता है. इसलिए ड्रमों में गेहूं डालने से पहले पंखा लगाकर गेहूं को अच्छी तरह से साफ कर लें.
घरेलू स्तर पर गेहूं भंडारण/ Wheat Storage के लिए लोहे/टिन के ड्रम का उपयोग करें.
ड्रमों में गेहूं भंडारण करने से पहले पुराने भंडारित अनाज को हटा दें और ड्रमों को अच्छी तरह से साफ कर लें. पहले से भंडारित अनाज के अवशेष (अपशिष्ट) को जमीन में गाड़कर निस्तारित करें.
कभी भी नये अनाज को पुराने अनाज के साथ मिलाकर संग्रहित न करें.
खाली ड्रम के अंदर छिपे कीड़ों को मारने के लिए ड्रम को 2-3 दिनों के लिए अच्छी धूप में रखा जाना चाहिए. यदि ड्रम कहीं से टूटा हुआ है तो उसकी मरम्मत अवश्य करा लें, क्योंकि एल्यूमिनियम फास्फाइड के उपयोग के लिए ड्रम का वायुरोधी होना जरूरी है.
गेहूं का भंडारण करने से पहले अनाज को अच्छी तरह से सुखा लें, क्योंकि यदि अनाज में नमी की मात्रा अधिक होगी तो कीट लगने का खतरा बढ़ जाएगा, जबकि कभी-कभी ड्रमों में भंडारित गेहूं का तापमान अधिक होने के कारण बीजों की अंकुरण शक्ति कम हो जाती है. भी कम हो जाएगा दांतों के नीचे गेहूं चबाने से भी नमी का अंदाजा लगाया जा सकता है.
ड्रमों को दीवारों से दूर ऊंचे स्थान पर या लकड़ी के स्टैंड पर रखना चाहिए.
ड्रमों को ऊपर तक भरना चाहिए और ढक्कन कसकर बंद करना चाहिए.
भंडारण के पहले 30 दिनों तक ड्रम को बिल्कुल भी नहीं खोलना चाहिए और उसके बाद अनाज निकालने के तुरंत बाद ढक्कन बंद कर देना चाहिए.
रहने वाले क्वार्टरों में ड्रम नहीं रखना चाहिए, क्योंकि इनमें एल्यूमीनियम फास्फाइड का उपयोग भी खतरनाक साबित हो सकता है.
अनाजों का समय-समय पर कीड़ों के हमले के लिए निरीक्षण करना चाहिए ताकि समय पर रोकथाम की जा सके.
यदि उपरोक्त बातों का पालन किया जाए तो कीटों के आक्रमण का खतरा बहुत कम रहता है लेकिन फिर भी यदि किसी भी कारण से गेहूं पर आक्रमण हो तो फोस्टॉक्सिन या डेलिसिया या सल्फास (एल्यूमीनियम फास्फाइड) की एक तीन ग्राम की गोली प्रति टन अनाज में प्रयोग करनी चाहिए
कुछ किसान ड्रमों में नीम की पत्तियों या माचिस की डिब्बियों का उपयोग करते हैं, लेकिन यह विधि भंडारण के दौरान गेहूं को कीड़ों से बचाने में प्रभावी नहीं है.
एल्यूमिनियम फास्फाइड टैबलेट का प्रयोग करने से पहले ड्रम के निचले ढक्कन को टेप लगाकर अच्छी तरह से बंद कर देना चाहिए. ड्रम के ऊपरी ढक्कन पर एल्यूमीनियम फास्फाइड की गोलियां डालने के बाद उसे टेप लगाकर अच्छी तरह से बंद कर देना चाहिए.
एल्यूमिनियम फास्फाइड के प्रयोग के बाद ड्रमों को सात दिनों तक वायुरोधी रखना आवश्यक है. यदि दाने क्षतिग्रस्त हों तो एल्यूमीनियम फास्फाइड की मात्रा दोगुनी कर देनी चाहिए.
इन जहरीले कीटनाशकों का उपयोग करते समय यह ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि इनका उपयोग कोई अनुभवी व्यक्ति ही करें, आवासीय ड्रमों में एल्यूमीनियम फास्फाइड का उपयोग बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए.
गुरमेल सिंह और करमजीत शरमन
कृषि विज्ञान केंद्र, श्री मुक्तसर साहिब
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