साल 2023 की बकरा ईद (Bakra-Eid) इस बार 29 जून को मनाई जा रही है. जैसा कि आप जानते हैं कि बकरा ईद आने में अब कुछ ही दिन शेष हैं. ऐसे में छोटे से लेकर बड़े बाजारों में पशुपालक भाइयों ने बकरों की मंडियां लगाना शुरु कर दी हैं. मुसलमानों के लिए यह त्यौहार बहुत ही खास होता है. वह सलामा यानि की प्रार्थना करने के बाद इमाम द्वारा खुतबा या उपदेश देते हैं. इसके बाद वह एक दूसरे को गले लगाकर बकरा ईद की मुबारक देते हैं.
अगर आपने भी अभी तक बकरा नहीं खरीदा है और खरीदने का विचार कर रहे हैं, तो आप इन नजदीकी मंडियों में अच्छी नस्ल के बकरे को खरीद सकते हैं जिनके कुछ नाम नीचे दिए गए हैं...
दिल्ली में इस जगह मिल रहे अच्छी नस्ल के बकरे
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जामा मस्जिद (Jama Masjid): 10 हजार से लेकर 30 लाख रुपए तक बकरे की कीमत
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सीलमपुर (Seelampur): 20 हजार से लेकर 2 लाख रुपए तक बकरे की कीमत
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मुस्तफाबाद (Mustafabad): 50 हजार से लेकर 1 लाख रुपए तक के बकरे
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सीमापुरी (Seemapuri): हजारों से लेकर लाखों की कीमत के बकरे
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जाफराबाद (Jafrabad): इस मंडी में 40 हजार से बकरे की कीमत शुरू होती है और लाखों तक जाती है.
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शास्त्री पार्क (Shastri Park): हजारों-लाखों की कीमत में शास्त्री पार्क की मंडी में बकरे बिकते हैं.
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देशभर में इन शहरों में बिकते हैं लाखों-करोड़ों के बकरे
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh): 5 हजार से शुरू होकर लाखों रुपए तक के बकरे मिलते हैं.
लखनऊ (Lucknow): 5-10 हजार से शुरू होकर करोड़ों रुपए में बकरे की बोली लगती है.
हैदराबाद (Hyderabad): यहां भी बकरा ईद के कुछ दिन पहले ही बकरों की बोली लगती है, जो करोड़ों रुपए तक जाती है. इसके अलावा हैदराबाद में बकरे 40-50 हजार रुपए से शुरू होकर करोड़ों रुपए के मिलते हैं.
दिल्ली (Delhi): दिल्ली की बकरा मंडियों में बकरे की कीमत हजारों-लाखों रुपए तक है.
मुंबई (Mumbai): 50 हजार रुपए से शुरू होकर लाखों-करोड़ों तक के बकरे मुंबई में मिलते हैं.
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क्यों मनाई जाती है बकरा ईद (Why is Bakra Eid celebrated?)
मुस्लिम मान्यताओं के अनुसार, बकरा ईद के दिन भेड़, बकरा की कुर्बानी दी जाती है. ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि पैगंबर इब्राहिम को भगवान ने अपने बेटे इस्माइल की बलि देने को कहा था. लेकिन जैसे ही उनका बेटा बलि के लिए आगे आता है, तो उसकी जगह एक पशु आ जाता है और वह कुर्बानी का हिस्सा बन जाता है.
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पैगंबर का बेटा सुरक्षित बच जाता है. तभी से बकरीद (Bakrid) मनाई जाने लगी. इस दिन मंडियों में अच्छी नस्ल के बकरों की कीमत उच्च होती है और खरीदार बकरे को खरीद कर उसकी कुर्बानी देते हैं.
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