
आज हम खेती की एक ऐसी तकनीक के बारे में बात करने जा रहे हैं, जो न केवल हमारी मिट्टी को फिर से स्वस्थ बनाएगी, बल्कि हमारी फसलों को भी मजबूत और हमारी आय को बढ़ाएगी। हम बात कर रहे हैं जायडेक्स इंडस्ट्रीज और उनकी अद्भुत जायटॉनिक टेक्नोलॉजी की।
आजकल हम देखते हैं कि खेती करना कितना मुश्किल हो गया है। हमारी मिट्टी की सेहत लगातार बिगड़ रही है, रासायनिक खादों और कीटनाशकों के इस्तेमाल से हमारी फसलों और पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, और पोषक तत्वों की कमी से फसलें कमजोर हो रही हैं। इन सभी बड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए, डॉ. अजय रांका ने 1997 में जायडेक्स इंडस्ट्रीज की स्थापना की। उनका लक्ष्य था किसानों को एक ऐसा समग्र (Holistic) और चरणबद्ध तरीका देना, जिससे वे बिना प्रकृति को नुकसान पहुंचाए बेहतर खेती कर सकें।
जायटॉनिक टेक्नोलॉजी एक ऐसा ही क्रांतिकारी समाधान है, जो प्रकृति के साथ मिलकर काम करता है। आइए, इसके अलग-अलग उत्पादों और उनके फायदों को विस्तार से समझते हैं।
1. मिट्टी की सेहत सुधारने वाले उत्पाद: जायटॉनिक गोधन, जायटॉनिक-एम, जायटॉनिक-एनपीके, और जायटॉनिक-जिंक
सबसे पहले बात करते हैं उन उत्पादों की जो हमारी मिट्टी की गिरती सेहत को सुधारते हैं और उसे फिर से उपजाऊ बनाते हैं.
क. जायटॉनिक गोधन: गोबर को बनाएं सोना
आप सभी जानते हैं कि गोबर की खाद हमारी फसलों के लिए कितनी फायदेमंद होती है, लेकिन इसे तैयार होने में बहुत समय लगता है. जायटॉनिक गोधन यहां हमारी मदद करता है. यह गोबर को बहुत जल्दी, सिर्फ 45-60 दिनों में, उच्च गुणवत्ता वाली खाद में बदल देता है. इसके लिए ना तो कोई विशेष संरचना बनानी पड़ती है ना विशेष तकनीकी ज्ञान की जरूरत है. सिर्फ सतह पर गोबर के ढेर पर इसके प्रयोग के बाद ढक कर 45-60 दिनों के लिए छोड़ देना है और बेहतर वर्मी काम्पोस्ट जैसी खाद तैयार हो जाती है.
यह काम कैसे करता है?
जायटॉनिक गोधन में कुछ खास लाभकारी कवक (फंगस) होते हैं. ये कवक गोबर में मौजूद सख्त लिग्निन और सेल्यूलोज जैसे तत्वों को तोड़ते हैं और उन्हें जैविक रूप से पचाकर तेजी से खाद में बदल देते हैं.
फायदे:
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गोबर की खाद बहुत कम समय में तैयार हो जाती है.
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खाद की गुणवत्ता बेहतर होती है, जिससे फसलों को अधिक पोषण मिलता है.
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इसे इस्तेमाल करना आसान है, क्योंकि इसकी मात्रा कम लगती है – सिर्फ 2 किलो प्रति टन गोबर के हिसाब से.
ख. जायटॉनिक-एम (माइकोराइज़ा): जड़ों का सबसे अच्छा दोस्त
ज़ायटॉनिक तकनीक के साथ माइकोराइज़ा की बेहतर जोड़ी. माइकोराइज़ा एक बहुत ही फायदेमंद कवक है जो पौधे की जड़ों के साथ मिलकर काम करता है. इसे हम "जड़ों का सबसे अच्छा दोस्त" कह सकते हैं. जायटॉनिक तकनीक का आधार मिट्टी को नर्म भुरभुरा और हवादार बनाता है जो माइकोराइज़ा के असर और क्षमता को और बढ़ाता है.
यह काम कैसे करता है?
माइकोराइज़ा पौधे की जड़ों के साथ एक सहजीवन (Symbiotic Relationship) बनाता है. इसका मतलब है कि माइकोराइज़ा पौधे को मिट्टी से ज्यादा पोषक तत्व और पानी सोखने में मदद करता है. जायटॉनिक-एम में Ecto-Mycorrhiza प्रजाति भी होती है, जो मिट्टी में कवक की मात्रा बढ़ाकर उसकी गुणवत्ता को सुधारने में सहायक होती है.
फायदे:
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पौधा मिट्टी से अधिक पोषक तत्व (जैसे फास्फोरस, नाइट्रोजन) और पानी सोख पाता है.
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पौधे की जड़ें मजबूत और बड़ी होती हैं.
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पौधा सूखे और बीमारियों का बेहतर तरीके से सामना कर पाता है.
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रासायनिक खादों पर निर्भरता कम होती है.
ग. जायटॉनिक-एनपीके (NPK कंसोर्टिया): पोषक तत्वों का ताला खोलने वाला समूह
हम जानते हैं कि NPK (नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम) फसलों के लिए सबसे जरूरी पोषक तत्व हैं. अक्सर, ये पोषक तत्व मिट्टी में मौजूद होते हैं, लेकिन पौधे उन्हें सीधे इस्तेमाल नहीं कर पाते. जायटॉनिक-एनपीके का काम इन पोषक तत्वों को पौधों के लिए उपलब्ध कराना है.
यह काम कैसे करता है?
यह लाभकारी सूक्ष्मजीवों का एक समूह है. ये सूक्ष्मजीव मिलकर मिट्टी में पहले से मौजूद (लेकिन अटके हुए) पोषक तत्वों को "अनलॉक" करते हैं और उन्हें ऐसे रूप में बदलते हैं जिसे पौधे आसानी से सोख सकें.
फायदे:
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रासायनिक खादों पर निर्भरता घटती है, जिससे लागत कम होती है.
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मिट्टी की प्राकृतिक उर्वरता बढ़ती है.
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पौधों को संतुलित पोषण मिलता है.
घ. जायटॉनिक-जिंक (जिंक मोबिलाइजिंग बैक्टीरिया): जिंक को उपलब्ध कराने वाला बैक्टीरिया
जिंक फसलों के लिए एक महत्वपूर्ण सूक्ष्म पोषक तत्व है. इसकी कमी से फसल की वृद्धि रुक जाती है. जायटॉनिक-जिंक का काम मिट्टी में मौजूद जिंक को पौधों के लिए उपलब्ध कराना है.
यह काम कैसे करता है?
यह खास बैक्टीरिया मिट्टी में स्थिर जिंक को घुलनशील बनाकर पौधों के लिए उपलब्ध कराता है. यह बाहर से जिंक डालने की बजाय, मिट्टी में मौजूद जिंक को ही काम में लाता है.
फायदे:
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पौधों को जिंक की सही मात्रा मिलती है, जिससे वृद्धि बेहतर होती है.
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पोषक तत्वों का संतुलन बना रहता है.
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रासायनिक जिंक के इस्तेमाल की जरूरत कम होती है.
इन उत्पादों को अपनाने से क्या होगा?
जब हम इन सभी जायटॉनिक प्रोडक्ट्स को अपनाते हैं, तो हमारी फसलें एक साथ बढ़ती हैं, उनका विकास बेहतर होता है और वे तनाव में नहीं आती हैं.
2. जल प्रबंधन और नमी संरक्षण: मिट्टी का बेहतर ढांचा
हमने जायटॉनिक टेक्नोलॉजी के माध्यम से मिट्टी को भुरभुरा और बेहतर बनाया है. इसका एक और बड़ा फायदा यह है कि मिट्टी की जल संग्रहण की शक्ति बढ़ जाती है.
फायदे:
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खेत में नमी लंबे समय तक बनी रहती है.
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सिंचाई की संख्या कम हो जाती है, जिससे पानी की बचत होती है.
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रासायनिक खाद और पानी दोनों की बचत होती है.
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बीजों का अंकुरण बेहतर होता है.
3. फसल को मौसम की मार से बचाना: जायटॉनिक सुरक्षा
खेती में मौसम की मार एक बड़ी समस्या है, खासकर जब गर्मी बढ़ जाती है और बारिश नहीं होती. बरसात के मौसम में भी कुछ क्षेत्रों में ऐसे दिन आते हैं जब धूप तेज होती है और बारिश नहीं होती, जिससे फसलों को पानी की आवश्यकता होती है, लेकिन वह उपलब्ध नहीं होता. ऐसी स्थिति में फसलों को नुकसान पहुंचता है.
इसके लिए जायडेक्स इंडस्ट्रीज ने जायटॉनिक टेक्नोलॉजी पर आधारित एक विशेष उत्पाद बनाया है, जिसे जायटॉनिक सुरक्षा कहते हैं.
यह काम कैसे करता है?
जायटॉनिक सुरक्षा को पानी में घोलकर पत्तियों पर छिड़काव किया जाता है. यह पत्तियों के ऊपर एक बहुत पतली परत बनाता है.
फायदे:
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यह परत तेज धूप से पत्तियों को झुलसने से बचाती है.
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यह दिन और रात के समय हवा में मौजूद नमी को सोखकर पत्तियों पर रोककर रखती है. इससे पानी की कमी वाले समय में भी पत्तियों को पर्याप्त नमी मिलती रहती है.
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पौधों पर तनाव नहीं आता है और वे सामान्य रूप से बढ़ते रहते हैं.
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फसल की वृद्धि प्रभावित नहीं होती, भले ही मौसम कठिन हो.
4. कीड़े और बीमारियों से बचाव: जायटॉनिक नीम और जायटॉनिक एक्टिव
फसल की अच्छी पैदावार के बाद, अगला बड़ा सवाल कीड़े और बीमारियों का होता है. इसके लिए जायडेक्स ने दो शानदार उत्पाद पेश किए हैं:
क. जायटॉनिक नीम: प्राकृतिक तरीके से कीटों से बचाव
हम सभी जानते हैं कि नीम कीटों से बचाव के लिए एक प्राकृतिक और प्रभावी उपाय है. जायटॉनिक नीम में भी माइक्रो-एनकैप्सूलेशन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है, जिससे इसका असर और भी बढ़ जाता है.
यह काम कैसे करता है?
नीम न सिर्फ कीटों को मारता है, बल्कि उन्हें पत्ती खाने से रोकता है क्योंकि यह पत्ती को कड़वा कर देता है.
माइक्रो-एनकैप्सूलेशन का फायदा:
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लंबे समय तक कड़वाहट: सामान्य नीम के उत्पाद पत्तियों पर बहुत कम समय तक टिकते हैं और उनकी कड़वाहट जल्दी खत्म हो जाती है. लेकिन जायटॉनिक नीम, माइक्रो-एनकैप्सूलेशन टेक्नोलॉजी के कारण, लंबे समय तक पत्ती पर टिका रहता है और अपनी कड़वाहट बनाए रखता है.
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अंडे रोकने की क्षमता: नीम के बारे में यह भी जाना जाता है कि यह कीटों को अंडे देने से विमुख करता है. अगर किसी पत्ती पर नीम का स्प्रे होता है, तो कीट उस पर अंडे नहीं देते. अगर अंडे पहले से हैं, तो नीम में ओविसाइडल प्रॉपर्टी (अंडों को नष्ट करने की क्षमता) भी होती है.
रासायनिक कीटनाशकों के साथ प्रयोग:
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जायटॉनिक नीम को रासायनिक कीटनाशकों के साथ मिलाकर भी इस्तेमाल किया जा सकता है. यह उसकी कार्यक्षमता को बढ़ाता है, असर को लंबा करता है, और अंडों को भी नियंत्रित करने में मदद करता है.
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इसके लिए जायटॉनिक नीम को 2 मिली प्रति लीटर पानी के अनुसार सीधे कीटनाशी मे मिलाकर छिड़काव कर सकते हैं.
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किसानों को नीम को अनिवार्य रूप से अपने स्प्रे का हिस्सा बनाना चाहिए.
फायदे:
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प्राकृतिक तरीके से कीटों से बचाव.
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रासायनिक कीटनाशकों पर निर्भरता कम होती है.
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कीटनाशकों का असर बढ़ता और लंबा होता है.
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स्प्रे की संख्या कम होती है.
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मिट्टी और पर्यावरण के लिए सुरक्षित.
ख. जायटॉनिक एक्टिव: रसायनों की ताकत बढ़ाने वाला
जायटॉनिक एक्टिव एक विशिष्ट माइक्रो-एनकैप्सूलेशन टेक्नोलॉजी पर आधारित है. यह एक "प्रोडक्ट परफॉर्मेंस इनहांसर" है, यानी यह दूसरे उत्पादों की कार्यक्षमता को बढ़ाता है.
यह काम कैसे करता है?
यदि किसान कोई भी रासायनिक पेस्टीसाइड, फंगीसाइड, या PGR (प्लांट ग्रोथ रेगुलेटर) इस्तेमाल कर रहा है, तो जायटॉनिक एक्टिव उसे माइक्रो-एनकैप्सुलेशन करके उसकी कार्यक्षमता और असर को लंबे समय तक बनाए रखने में मदद करता है.
इस्तेमाल का तरीका:
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छिड़काव के लिए जितना पानी इस्तेमाल करना है, उतने ही मिलीलीटर जायटॉनिक एक्टिव लें (उदाहरण के लिए, 100 लीटर पानी के लिए 100 मिलीलीटर जायटॉनिक एक्टिव).
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दवाई (केमिकल) और जायटॉनिक एक्टिव को पहले आपस में मिलाएं.
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फिर इसका घोल बनाकर छिड़काव करें.
फायदे:
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केमिकल का असर लंबे समय तक रहता है.
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रासायनिक उत्पादों की कार्यक्षमता बढ़ती है, खासकर उन उत्पादों की जिनकी दक्षता कम हो गई है.
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कम स्प्रे में भी बेहतर परिणाम मिलते हैं.
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यह केमिकल को पत्ती के ऊपर रोके रखता है, जिससे वह जल्दी बहता नहीं या उड़ता नहीं.
कुल मिलाकर, जायटॉनिक टेक्नोलॉजी के साथ जायडेक्स की यह प्रोडक्ट रेंज हमें एक स्वस्थ भोजन मिलने में सहायता करती है.
जैविक खेती की ओर कदम: प्रकल्प संजीवनी
जायडेक्स उन किसानों के लिए भी एक विशेष प्रोटोकॉल लेकर आया है जो पूरी तरह से रासायनिक से जैविक खेती की तरफ जाना चाहते हैं। इस प्रोटोकॉल को "प्रकल्प संजीवनी" कहते हैं।
खास बात: प्रकल्प संजीवनी की सबसे खास बात यह है कि यह सुनिश्चित करता है कि आप पहली फसल में भी रासायनिक खेती छोड़कर जैविक की तरफ जाने पर नुकसान नहीं उठाएंगे।
फायदे:
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पहली फसल से ही लाभदायक परिवर्तन (प्रॉफिटेबल ट्रांजैक्शन) कर पाएंगे।
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आपकी पैदावार कम नहीं होगी।
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आपका खर्चा नहीं बढ़ेगा।
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आप अपनी मिट्टी को भी सुधार पाएंगे।
आप जैविक खेती की ओर सफलतापूर्वक कदम बढ़ा पाएंगे और इस पूरी प्रक्रिया में हिस्सेदार बन पाएंगे।
एक प्राकृतिक और स्थायी भविष्य की ओर
आप देखेंगे कि जायटॉनिक टेक्नोलॉजी के सभी उत्पाद प्रकृति के साथ मिलकर काम करते हैं। वे प्रकृति के विरुद्ध नहीं हैं, बल्कि प्रकृति को सपोर्ट करते हुए और उसका समर्थन लेते हुए खेती को बेहतर बनाने का काम करते हैं।
जायडेक्स के सभी उत्पाद ऑर्गेनिक अप्रूव्ड हैं। इसका मतलब है कि कोई भी किसान जो जैविक खेती या ऑर्गेनिक खेती करना चाहता है, वह इन उत्पादों का प्रयोग बेझिझक कर सकता है।
कुल मिलाकर, जायटॉनिक टेक्नोलॉजी किसानों के लिए एक वरदान है। यह मिट्टी की गिरती सेहत, रासायनिक अवशेष, पोषक तत्वों की कमी, मौसम की मार और कीटों की समस्याओं का एक प्राकृतिक, प्रभावी और स्थायी समाधान प्रदान करती है। इसे अपनाकर किसान न केवल अपनी फसलों को बेहतर बना सकते हैं, बल्कि अपनी मिट्टी और पर्यावरण को भी बचा सकते हैं, और एक स्वस्थ भविष्य की नींव रख सकते हैं।
तो आइए, जायटॉनिक टेक्नोलॉजी अपनाएं और अपनी खेती को एक नई दिशा दें!
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