दिसंबर माह में शुरू की गई मुफ्त राशन वितरण योजना (Free Ration Distribution Scheme) के तहत लाभार्थियों को प्रति माह 5 किलो गेहूं/चावल प्रति यूनिट (परिवार के सदस्य) के नेटवर्क के माध्यम से 1 किलो साबुत चना, 1 लीटर खाद्य तेल, 1 किलो नमक हर महीने मुफ्त में दिया जाता है.
उत्तर प्रदेश राज्य के जनता के लिए एक बार फिर योगी सरकार ने हम कदम उठाया है. जी हाँ, योगी सरकार (Yogi Government) ने सभी राशन लाभार्थियों के लिए बड़ा ऐलान किया है. जिससे राज्य की जनता के ख़ुशी का ठिकाना नहीं होगा. योगी सरकार ने चुनाव की शानदार सफलता पाने के बाद प्रदेश के 15 करोड़ लाभार्थियों के लिए मुफ्त राशन वितरण योजना के तहत मिलने वाला राशन की तिथि को आगे बढ़ा दिया है. जिससे राज्य में योजना लाभ उठाने के लिए कोई लाभार्थी वंचित न रहें.
10 फीसद लोग नहीं ले पाए हैं राशन (Ten Percent People Have Not Been Able To Take Ration)
अधिकारीयों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार, राशन वितरण की तिथि 18 मार्च 2022 तय की गयी थी, जिसे बढ़ाकर 23 मार्च 2022 कर दिया गया है. उत्तर प्रदेश के अलीगढ जिले में अब अभी 10 फीसदी लोग ऐसे हैं, जो इस योजना का लाभ किसी अकारणवश नहीं उठा पाएं हैं, इसलिए सरकार द्वारा यह कदम उठाया गया है. वहीं जिले के डीएसओ ने सभी डीलरों को इस समय अवधि में दुकान खोलकर वितरण करने के निदेश दिए हैं. उन्होंने राशन उपभोक्ताओं से भी राशन लेने की अपील की है.
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खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग के सूत्रों के अनुसार, मार्च 2022 से परे सभी 15 लाख लाभार्थियों को मुफ्त योजना का विस्तार करने का प्रस्ताव सरकार को मंजूरी के लिए भेजा गया है. औसतन, इस योजना की लागत हर महीने 1,000 करोड़ रुपये है. “पिछले चार महीनों में, सरकार ने इस योजना पर लगभग 4,000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.
यूपी में लगभग 3.59 करोड़ राशन कार्डधारक हैं, जिनमें से 3.18 करोड़ प्राथमिकता वाले घरेलू लाभार्थी हैं, जबकि 40.94 लाख अंत्योदय श्रेणी में आते हैं. अधिकारी द्वारा मिली जानकारी में बताया है कि , 'सरकार हर महीने चना, खाद्य तेल और नमक के घटक पर औसतन 750 करोड़ रुपये खर्च कर रही है, जबकि अन्य 250 करोड़ रुपये खाद्यान्न पर खर्च किए जा रहे हैं.
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