पंजाब और हरियाणा के कुछ हिस्सों में गेहूं की फसलों में लगे पीला रतुआ रोग ने किसानों को परेशान कर दिया है. मीडिया में आई खबरों के अनुसार, इन दोनों राज्यों के उप-पर्वतीय भागों में इस पीले रतुआ रोग का पता चलने से किसानों में काफी हड़कंप मच गया है. इसके रोग पर नियंत्रण पाने के लिए कृषि विभाग हर तरह के उपाय कर रहा हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, दोनों पक्षों के कृषि अधिकारी इस स्थिति से निपटने के लिए किसानों को उपचारात्मक उपाय अपनाने की सलाह दे रहे हैं. पंजाब के रोपड़, होशियारपुर और पठानकोट जिलों के कुछ गाँवों में पीले रतुआ की सूचना मिली है, जबकि हरियाणा के पंचकुला, यमुनानगर, अंबाला जिलों के कुछ गाँवों में इसका पता चला है.
पीला रतुआ रोग क्या है?
पीला रतुआ एक फफूंदजनित रोग है जो पत्तियों को पीले रंग में बदल देता है. इसमें गेहूं के पत्तों पर पीले रंग का पाउडर बनने लगता हैं, जिसे छुने से हाथ भी पीला हो जाते हैं.पंजाब एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के डायरेक्टर ने मीडिया से कहा है कि, 'हमें रोपड़, पठानकोट, और आनंदपुर साहिब जिलों के कुछ गांवों में गेहूं की फसल पर पीले रतुआ की ख़बर मिली.
जिसके बाद से हमारे विशेषज्ञों की टीम स्थिति पर नजर रखने के लिए खेतों में पहुंच गईहै. ”भारत मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक, सुरिंदर पाल, ने कहा है कि “पिछले कुछ दिनों में बारिश के बाद, न्यूनतम तापमान थोड़ा बढ़ गया है. अगले 3-4 दिनों में और बढ़ने की उम्मीद है.
भारतीय किसान यूनियन (सिद्धूपुर) के मुख्य संरक्षक (रोपड़) परगट सिंह ने कहा है कि, “इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता क्योंकि यह रोग बहुत जल्दी फैलता है और यह फसल की पैदावार को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है. उन्होंने आगे कहा सरकार को स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सही उपाए निकालना चाहिए.
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