खेती (Farming) में ज्यादातर पुरुष किसान है, लेकिन अब महिला किसान (Women Farmer) भी पीछे नहीं हैं. अपनी मेहनत और लगन को कायम रखते हुए महिला किसानों ने भी कृषि क्षेत्र में अपना लोहा मनवाया है.
छात्राओं को मिला कनाडा जाने का मौका (Agriculture students got a chance to go to Canada)
दरअसल, राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय (Rajmata Vijayaraje Scindia Agricultural University) की पांच छात्राओं को एक खास तोहफा दिया गया है. उन्होंने विज्ञान-कृषि में बैचलर किया है. अब उन्हें कृषि और बागवानी (Agriculture and Horticulture) की उन्नत तकनीकों (Advance Techniques) को सीखने के लिए कनाडा (Canada) जाने का अवसर मिला है.
महिला छात्रों ने किया कमाल (Women students did wonders)
एडवांस फार्मिंग तकनीक सिखने के लिए चार छात्राएं चुनी गयी हैं, जो ग्वालियर के गोहद, भोपाल, छिंदवाड़ा और सतना (Gwalior's Gohad, Bhopal, Chhindwara and Satna) की रहने वाली हैं. बता दें कि इन छात्रों का ग्रेजुएशन चार के बजाय पांच साल में पूरा किया जाएगा. पहले तीन साल छात्राएं विश्वविद्यालय में पढ़ाई करेंगी, फिर अगले दो साल के लिए कनाडा (Canada) जाने का मौका मिलेगा. इन दो वर्षों में एक वर्ष का खर्च विश्व बैंक करेगा और एक वर्ष का खर्च छात्राओं को स्वयं करना होगा.
क्या है उद्देश्य (What's the Objective)
इसका उद्देश्य छात्राओं का कौशल विकास करना है. खास बात तो यह है कि इसमें दो देशों की दोहरी डिग्री कृषि और फसल विज्ञान पांच साल के लिए एक साथ दिया जाएगा. इसके अलावा कृषि विश्वविद्यालय के फैकल्टी को भी कौशल विकास के लिए भेजा जाएगा.
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अब कृषि में छात्राएं बनेंगी एडवांस (Now students will become advance in agriculture)
कृषि विश्वविद्यालय ने नवंबर 2020 में कनाडा के डलहौजी विश्वविद्यालय (Dalhousie University) के साथ एक समझौता ज्ञापन (Memorandum of Understanding) पर हस्ताक्षर किए थे. इसके तहत, पिछले पांच सेमेस्टर में 7.5 सीजीपीए अंक हासिल करने के बाद 2021 बैच के पांच छात्रों का चयन किया गया है. इसके बाद इन छात्रों से पूछताछ की गई. जिसे क्लियर करने के बाद ये सभी जनवरी के दूसरे हफ्ते में कनाडा के डलहौजी यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के लिए निकलेंगे.
ICAR ने दिया बढ़ावा (ICAR gave a boost)
कृषि विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर का कहना है कि यह अध्ययन राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा कार्यक्रम (NAHEP), विश्व बैंक और भारत सरकार के माध्यम से शुरू किया गया है. यह परियोजना ICAR के माध्यम से प्राप्त हुई है.
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