
रेवाड़ी स्वराज इंडिया की जिला रेवाड़ी की प्रधान राजबाला यादव के नेतृत्व में किसान महिलाओं ने दिल्ली में कृषि मंत्रालय के सामने प्रदर्शन किया। महिला किसानों ने सचिव प्रो. विजयपाल के समाने अपनी मांगे भी रखी।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा फसलों के जो दाम निर्धारित किए जाते हैं, वह बहुत कम हैं और वर्तमान में व्यापारी कम कीमत में फसल खरीद रहे हैं। वर्तमान सरकार की टाल मटोल की नीति के कारण किसानों के साथ खुलेआम लूट हो रही है। केंद्र व राज्य सरकार इससे अपने आप को अलग नहीं कर सकती। फसलों की कीमत न मिलने के कारण किसान परिवारों को गुजारा करना मुश्किल हो रहा है।
स्वामीनाथन आयोग ने 2007 में अपने अपनी रिपोर्ट पेश करते हुए किसानों को फसलों का न्यूनतम मूल्य फसल के उत्पाद कीमत से 50 प्रतिशत अधिक करके निर्धारित करने की सिफारिश की थी। वर्तमान में कृषि फसल उत्पाद निर्धारण समिति भारत सरकार नहीं कर रहा है और राज्य सरकारें भी उदासीन है। इससे किसानों को जबरदस्त नुकसान उठाना पड़ रहा है। विशेष कर हम महिलाओं को जिन्हें घर का गुजारा भी करना है व खेत में बराबर का काम भी करना होता है। संगठन की जिला प्रधान राजबाला यादव व कोषाध्यक्ष एडवोकेट कुसुम यादव ने कहा कि अब किसान जाग चूका है।
संसद में बैठे अधिकतर सांसद अपने को किसान का बेटा बताते है। अब 20 नवंबर किसान रामलीला मैदान में किसान संसद में आ रहे है तथा देश की संसद से किसान हित में दो मांगे रखी जाएगी जिसमें एक फसल का उचित दाम और दूसरी किसानों को कर्ज से मुक्ति हो। इस अवसर पर किसान महिलाएं व स्वराज इंडिया के कार्यकर्ता मौजूद थे।
सूत्र : जागरण
                    
                    
                    
                    
                                                
                                                
                        
                        
                        
                        
                        
Share your comments