किसानों को मौसम की मार के साथ ही कई और अन्य तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. जैसे कि फसल को कब, कितनी और कैसे सिंचाई की जरूरत है, फिलहाल खेत का तापमान कैसा है और मानसून के दौरान कब और कितनी बरसात होगी. हालांकि, किसानों को अब यह जानकारी घर बैठें – बैठे किसान एप के जरिए मिल जाएगी. दरअसल इजराइली कंपनी रिवुलिस ने हाल ही में मन्ना इरिगेशन इंटेलिजेंस सॉफ्टवेयर लांच किया है. कंपनी दो सैटेलाइटों की मदद से किसानों तक ऐप के जरिए सीधी जानकारी पहुंचाएगी. बता दे कि किसान पहले एक महीने तक इसका फ्री में ट्रायल कर सकेंगे लेकिन बाद में जानकारी हासिल करने के लिए उन्हें प्रति हेक्टेयर वार्षिक 600 रुपए का भुगतान करना होगा.
रिवुलिस इंडिया के प्रबंध निदेशक कौशल जायसवाल ने बताया कि मन्ना कंपनी काफी पहले से ही अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और ब्राजील जैसे देशों में किसानों को इस तकनीक की सहायता से जानकारी और सुविधाएं मुहैया करा रही है. विषेश रूप से ड्रिप इरिगेशन (टपक सिंचाई) के क्षेत्र में कंपनी के पास कई सालों का अनुभव है. किसानों की समस्याओं के मद्देनजर जायसवाल ने कहा कि भारतीय किसानों के लिए कब और कितनी सिंचाई करें यह सबसे बड़ी समस्या है. हालांकि किसानों की इस समस्या का अब समाधान किया जा सकता है. कंपनी के एप का इस्तेमाल करने वाले किसान यह आसानी से जान पाएंगे कि उनके खेत का तापमान कितना और खेत में कितनी सिंचाई की जरूरत है. फसल को फिलहाल सिंचाई की जरूरत है या नहीं, या अगले कुछ दिनों में क्या बरसात होगी.
उन्होने आगे कहा इससे किसान पानी का अच्छी तरह से प्रबंधन कर सकेंगे साथ ही कम या ज्यादा सिंचाई होने की वजह से फसलों में होने वाली नुकसान से भी बचा सकेंगे. कौशल जायसवाल ने बताया कि ऐप के जरिए किसानों के पास खराब मौसम का अलर्ट भी भेजा जाएगा. इस एप के इस्तेमाल से जहां किसानों की लागत कम होगी वहीं फसल उत्पादन बढ़ेगा. जायसवाल ने बताया कि वर्तमान में देशभर के तकरीबन 50 हजार से ज्यादा किसान इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर रहे हैं और इससे वो फायदा उठाकर बेहद संतुष्ट हैं. कंपनी ने फिलहाल अभी महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु पर अपना अपना फोकस किया है. यहां के कपास, गन्ना, अंगूर, आलू और टमाटर उत्पादक किसानों को सबसे पहले कंपनी से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है.
किसानों से ली जाएगी जानकारी
फिलहाल किसानों को मौसम से संबंधित कोई भी खबर मिलती है वह किसी खास स्थान विशेष के लिए होती है. लेकिन इस एप पर रजिस्ट्रेशन कराने वाले किसानों से उनके खेत की जीपीएस लोकेशन, मिट्टी के प्रकार और फसल की बुवाई की तारीख जैसी जरूरी जानकारी ली जाएगी. ताकि खेत पर सैटेलाइट और सेंसर के द्वारा नजर रखी जाएगी और किसानों को मुहैया कराई जाएगी. फिलहाल खेत में तापमान कितना है और फसलों को सिंचाई की जरूरत है या नहीं. यानी किसानों को सीधे उनके खेत और फसल से जुड़ी जानकारी दी जाएगी. वहीं रिवुलिस इंडिया और इजराइल के निदेशक सुधीर मेहता ने बताया कि कंपनी ने केंद्रीय मंत्रालय को इस बात की सूचना दे रखी है. इसके अलावा राज्य सरकारों भी से इसके लिए भी सहयोग लिया जा हैं.
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