गणपति बप्पा मोरया, यह धुन आजकल खूब सुनने को मिल रही है. गणेश उत्सव की धूम है. महाराष्ट्र में गणेश की पूजा जहाँ एक ख़ास त्यौहार है वहीँ अब इसने पूरे भारत में गणेश उत्सव की तरह सभी के दिल में घर किया है. जरूरी नहीं की वह हिन्दू है या किस जात धर्म का हो, उसे तो बस यही कहना है की है गणेश जी मेरे सारे कष्ट दूर करो. इसीलिए तो गणेश जी को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है. बिज़नेस करने वाले सभी गणेश पूजन करते है. लक्ष्मी गणेश की पूजा की जाती है. सभी कार्य शुरू करने से पहले गणेश वंदना भी होती है. गणेश जी की ओर अगर देखो तो सर से पांव तक सभी आठ चीजों का कोई न कोई मतलब है. देशभर में इन दिनों गणेश उत्सव की धूम है. लोगों ने घरों में भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित की है. श्री गणेश सुख, संपन्नता और ज्ञान के प्रतीक हैं. लेकिन, उनसे निवेश के भी कर्इ सबक लिए जा सकते हैं. चलिए आज हम आपको गणेश जी के 8 मैनेजमेंट मंत्र बताते हैं:
सिर - भगवान विनायक का विशाल सिर कहता है निवेश के मैदान में सफलता हासिल करने के लिए हमें बड़ा सोचना चाहिए. आर्इसीआर्इसीआर्इ प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड के मुताबिक, पैसा बनाने के लिए बड़ी तस्वीर को देखना और समझना हमेशा मददगार साबित होता है.
आंखें- गणेश जी की आंखें बड़ी और तेज हैं. ये प्रतीक हैं कि ध्यान बंटाने वाली तरह-तरह की स्थितियां मिलेंगी. पर, हमें अपने लक्ष्य से नहीं भटकना चाहिए. निवेश में सफलता पाने का यह बड़ा मंत्र है
कान-भगवान गणेश के विशाल कानों से कुछ भी अनसुना नहीं गुजरता है. ये प्रतीक हैं कि प्रभु हर बात सुनते हैं. इनसे सबक लिया जा सकता है कि हमें हर मिलने वाली जानकारी के प्रति खुला नजरिया रहना चाहिए. इनसे दिमाग में नए विचार आते हैं. इसलिए सलाहकारों से बात करते हुए अपने कान खुले रखने चाहिए.
सूंड-क्या आपने गणेश जी की सूंड को गौर से देखा है? नहीं देखा है तो ध्यान से देखिएगा. यह कहती है कि अच्छे निवेश को हमेशा बचाना चाहिए. खराब को दुरुस्त करना चाहिए. बशर्ते की इसकी जरूरत हो.
पेट-भगवान गणेश का पेट बहुत बड़ा है. इसका भी अपना महत्व है. यह कहता है कि निवेश को बनाए रखते हुए बाजार में आने वाली हर उथल-पुथल को शांति से पचा लेना चाहिए.
लड्डू-विघ्नहर्ता गणेश को लड्डू अति प्रिय हैं. उनकी पूजा में ये आकर्षण का केंद्र होते हैं. निवेश के परिप्रेक्ष्य में यह कुछ और नहीं बल्कि म्यूचुअल फंडों के फायदे का प्रतीक हैं. सच तो यही है कि सारी जद्दोजेहद के बाद यही मायने रखता है.
चूहे की सवारी -चूहा भगवान गणेश की सवारी है. इसके छोटे आकार पर नहीं जाना चाहिए. अगर अपने पर आ जाए तो यह बड़ी तबाही ला सकता है. बस छूट मिलने की जरूरत है. इसी तरह अपनी अपेक्षाओं और आकांक्षाओं को भी लगाम में लगाकर रखना चाहिए. यह नुकसान का भी सबब बन सकती हैं.
फरसा-गणेश जी के हाथ में दिखने वाले फरसे का खास महत्व है. वह इसी फरसे से अपने भक्तों के कष्टों और विघ्नों को दूर करते हैं. निवेश के परिप्रेक्ष्य में इसका क्या मतलब है? यह कहता है कि बाजार में आने वाली उठापटक से चिंतित न होकर इन्हें दूर भगाना चाहिए. बाजार की बड़ी तस्वीर पर ध्यान देना चाहिए.
चंद्र मोहन
कृषि जागरण
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