'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम' के तहत देश में 12 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा. ऐसा क्या हो गया कि कर्नाटक में इस योजना से केवल तीन ही किसान लाभान्वित हुए. कर्नाटक राज्य में ही केवल 6000 रूपये गए. वहीं कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान और मध्य प्रदेश में एक भी किसान को लाभ नहीं मिला. ये सभी आकड़े 7 मार्च तक के हैं जो कृषि मंत्रालय के तरफ से जारी किए गए हैं.
प्रधानमंत्री किसान योजना पर पेंच फंसता नजर आ रहा है क्योंकि कांग्रेस शासित राज्य में इस योजना का लाभ बहुत कम किसानों को मिला है या मिल ही नहीं पाया है. कृषि मंत्रालय की तरफ से जो लिस्ट जारी की गई है उसमे 10 राज्यों के किसानों का ब्यौरा ही सम्मेलित किया गया है वहीं अगर बीजेपी शासित राज्यों की बात की जाए तो किसान इस योजना का अच्छा लाभ उठा चुके हैं. आंध्र प्रदेश के 3.21 लाख किसानों ने 2000 रुपये की पहली किस्त मिल चुकी है. यहां के कम से इतने किसानों को दूसरी किस्त का मिलना भी लगभग तय ही है.
कृषि विभाग द्वारा राज्यवार जारी लिस्ट निम्न है.
अगर बात बिहार राज्य की हो तो 7 मार्च तक 72400 किसानों को लाभ मिला है. सबसे अहम बात है कि कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह बिहार राज्य से ही आते है. वहीं दूसरी तरफ राजस्थान से केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत आते हैं. यहां के एक भी किसान को इस योजना का लाभ नहीं मिला है.
ख़बर के मुताबिक कईं राज्य ऐसे हैं जहां किसानों को एक भी पैसा नहीं मिला है. बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस शासित सरकारें सहयोग नहीं कर रहीं हैं ताकि किसानों को लाभ मिले. रेवेन्यू रिकॉर्ड रखना और किसानों का लिस्ट रिकार्ड में रखना राज्य सरकारों का काम होता है. कांग्रेस शासित राज्य चाहे राजस्थान है, कर्नाटक है या मध्य प्रदेश, राज्य ने किसान डेटा उपलब्ध नहीं कराया है. राजस्थान सरकार ने 50 लाख किसानों में से 1.27 लाख का डेटा केंद्र सरकार को भेजा है. उसमें से सिर्फ 27 हजार लोगों का ही डाटा वेरीफाई हुआ.
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