केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी की अध्यक्षता में शनिवार को नई दिल्ली स्थित कृषि भवन कार्यालय में राजस्थान के सांसदों, किसान जनप्रतिनिधियों, सीबीबीओ एवं संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक हुई.
बैठक में किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) सहित केंद्र सरकार की कृषि एवं किसान हितेषी योजनाओं को किसान के खेत तक पहुंचाने, उनके उचित क्रियान्वयन, आजादी के अमृत महोत्सव के तहत हर घर तिरंगा अभियान के साथ गोवंश में फैल रही लम्पी स्किन बीमारी की रोकथाम व वैक्सीनेशन को लेकर आवश्यक चर्चा हुई.
क्या है लम्पी रोग
लम्पी स्किन डिजीज एक विषाणु जनित रोग है जो मच्छर, किलनी या पिस्सू के काटने से और एक ही बाल्टी से एक पशु से दूसरे पशु को पानी पिलाने से भी फैलता है. लम्पी त्वचा रोग या एल एस डी का वायरस भेड़-बकरी में होने वाले पॉक्स वायरस के जैसा ही होता है, जिसमें पशु की त्वचा पर छोटी-छोटी गांठे हो जाती हैं. यह बीमारी अफ्रीका, दक्षिण एशिया, यूरोप एवं मध्य एशिया के देशों में पायी जाती है.
इसके अतिरिक्त, इस अवसर पर राजस्थान भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया एवं केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत सहित सांसदगण एवं कृषि मंत्रालय के अधिकारी उपस्थित रहे.
बैठक को संबोधित करते हुए केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने बताया कि एफपीओ छोटे एवं सीमांत किसानों के संगठन है. इस पूरी योजना पर सरकार 6,865 करोड़ रुपये खर्च करेगी. देश में लगभग 86 प्रतिशत छोटे किसान हैं, जिन्हें एफपीओ के माध्यम से आमदनी उपलब्ध कराने से लेकर प्रोसेसिंग व उपज की बाजार में उचित दाम पर बिक्री में सहयोग जैसी सुविधाएं दिलाना सरकार का उद्देश्य है.
एफपीओ किसानों की संगठन शक्ति के प्रतीक है. कैलाश चौधरी ने कहा कि आज हमारा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, इसमें हमें पुराने संकल्प पूरे करने हैं और नए संकल्प लेकर आगे बढ़ना है. देश में खेती को उन्नत बनाने, असंतुलन दूर करने व किसानों की माली हालत सुधारने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सरकार हर संभव उपाय कर रही है.
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