महाराष्ट्र में हजारों की तादाद में वेदर स्टेशन बनाए जा रहे हैं जो किसानों को वक्त रहते मौसम खराब होने की जानकारी देंगे। ये स्टेशन किसानों की फसल तो बर्बाद होने से बचाएंगे ही फसल खराब होने पर बीमा दिलवाने में भी मदद करेंगे।
ऐसे काम करेंगे वेदर स्टेशन
भविष्य में वेदर स्टेशन किसानों की खुशहाली का स्तंभ भी बन सकते हैं। नागपुर जिले के डोंगरगांव में बना ऑटोमेटेड वेदर फॉरकास्ट स्टेशन दिखने में भले ही आपको एक पोल लगे लेकिन इसमें लगे सेंसर, मौसम का पल-पल का अपडेट देते हैं। सारी जानकारी हर 10 मिनट में पुणे में बने कृषि विभाग कंट्रोल रूम तक पहुंचती है। वेदर स्टेशन से मिल रहे डाटा की स्टडी कर कृषि विभाग किसानों को बताता है कि उन्हें क्या करना चाहिए। इस वेदर स्टेशन की मदद से किसानों को फसल बीमा लेने में भी मदद मिलेगी। फसल खराब होने पर जब किसान बीमा क्लेम करेंगे तो सरकार डाटा को देखकर बीमा कंपनियों को हलफनामा भी देगी।
एसएमएस पर दी जाती है जानकारी
स्काईमेट और महाराष्ट्र सरकार राज्य भर में इस तरह के 2,000 से ज्यादा स्टेशन लगाने जा रही है। किसान भी सरकार के इस कदम से खुश हैं। महाराष्ट्र कृषि विभाग के पास 50 लाख किसानों का नंबर रजिस्टर हैं। इन्हें एस.एम.एस. के जरिए जानकारी दी जाती है। बाकी किसान ग्राम पंचायत के दफ्तर से जानकारी ले सकते हैं।
जल्द ही किसानों के लिए बनाएं जाएंगे वेदर स्टेशन
महाराष्ट्र में हजारों की तादाद में वेदर स्टेशन बनाए जा रहे हैं जो किसानों को वक्त रहते मौसम खराब होने की जानकारी देंगे। ये स्टेशन किसानों की फसल तो बर्बाद होने से बचाएंगे ही फसल खराब होने पर बीमा दिलवाने में भी मदद करेंगे।
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