कृषि क्षेत्र की विशेषज्ञ संस्था एनएएएस ने सरकार से इस वर्ष जीन स्तर पर संवर्धित जीएम सरसों को वाणिज्यिक खेती करने के लिए अपनी अंतिम मंजूरी प्रदान करने की अपील की है तथा इस प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करते हुए बेहतर संकर बीज को विकसित करने का आगे का मार्ग प्रशस्त करने की मांग की है।
राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी (एनएएएस) में 625 शोधककर्ता हैं। इस संस्था ने प्रधानमंत्री कार्यालय में अपना ज्ञापन दिया है साथ ही संस्था ने अपनी 24वीं वार्षिक आम बैठक में जीएम सरसों के व्यवसायीकरण पर एक प्रस्ताव को अपनाया है।
पिछले महीने पर्यावरण मंत्रालय के तहत आने वाले नियामक संस्था, आनुवांशिक अभियांत्रिकी आकलन समिति (जीईएसी) ने डीएमएच 11 को व्यवसायिक रूप से जारी करने को मंजूरी प्रदान की थी। डीएमएच 11 को दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति दीपक पेन्टल की अगुवाई वाले वैज्ञानिकों के एक दल ने विकसित किया था।
एनएएएस के अध्यक्ष पंजाब सिंह ने संवाददाताओं से कहा, “जीईएसी ने डीएमएच 11 को मंजूरी दी है और हम इसके लिए अंतिम मंजूरी चाहते हैं ताकि आगे का खेत परीक्षण किया जा सके और इसी वर्ष इसकी व्यावसायिक खेती हो सके।“
हम जीएम सरसों की अंतिम मंजूरी चाहते हैं : डॉ. पंजाब सिंह
कृषि क्षेत्र की विशेषज्ञ संस्था एनएएएस ने सरकार से इस वर्ष जीन स्तर पर संवर्धित जीएम सरसों को वाणिज्यिक खेती करने के लिए अपनी अंतिम मंजूरी प्रदान करने की अपील की है तथा इस प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करते हुए बेहतर संकर बीज को विकसित करने का आगे का मार्ग प्रशस्त करने की मांग की है।
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