कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर के कुलपति डॉ. वी आर चौधरी ने मंगलवार (27 फरवरी) को राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान के मुख्यालय, जनकपुरी (दिल्ली) का दौरा किया. इस अवसर पर कुलपति का स्वागत फूलों के गुलदस्ते एवं अंगवस्त्र से डॉ. पी के गुप्ता, अपर निदेशक, राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान ने किया. कुलपति ने अपने इस दौरे के दौरान राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान के साथ अपना अनुभव साझा किया. उन्होंने बताया कि यह संस्थान प्याज और लहसुन की बहुत सी प्रजातियों को विकसित किया हैं, जो राजस्थान ही नहीं बल्कि पूरे भारतवर्ष के किसान इससे लाभान्वित हो रहे हैं. साथ ही साथ यह भी बताया की इसके अलावा भी यह संस्थान अलग-अलग विषयों जैसे मशरूम उत्तपदन, माली प्रशिक्षण, बीज उत्तपादन, मधुमक्खी पालन पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करता रहता हैं, जो किसानों के लिए काफी महत्वपूर्ण है.
वहीं, संस्थान के अपर निदेशक, डॉ. पी के गुप्ता ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर राजस्थान के साथ जो अनुबंध हुआ हैं उससे राजस्थान के किसानों को बहुत ही लाभ हो रहा हैं. अनुबंध से दोनों संस्थानों की टेक्नोलाजी आपस में आदान प्रदान किया जा रहा हैं और अपने-अपने क्षेत्र में किसानों को नई टेक्नोलाजी से अवगत कराया जाएगा जिससे किसानों को अधिक से अधिक लाभ प्राप्त होगा.
इस अवसर पर संस्थान के सभी विभागाध्यक्ष मनोज कुमार श्रीवस्ताव-उप निदेशक, संजय सिंह- सहायक निदेशक, ज्ञान प्रकाश दुवेदी- सहायक निदेशक, डॉ. एस.के. तिवारी- वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी, विजेता डबास- सह लेखा अधिकारी, एस.सी.तिवारी- वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी, सुधीर सिंह-संजीव सहरावत, इंजीनियर, आकाश उपाध्याय- तकनीकी अधिकारी तथा सभी कर्मचारी गण भी मौजूद रहे.
बता दें कि भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान (आईआईएचआर) एक स्वायत्त संस्था है. यह संस्थान भारत में बागवानी के विभिन्न पहलुओं पर बुनियादी, रणनीतिक, प्रत्याशित और व्यावहारिक अनुसंधान के लिए नोडल एजेंसी के रूप में काम करता है. भारत सरकार ने साल 2005-06 में राष्ट्रीय बागवानी मिशन की शुरुआत की थी. इस योजना का मकसद भारत में बागवानी क्षेत्र का व्यापक विकास करना और बागवानी उत्पादन में बढ़ोतरी करना है. इस योजना का मकसद किसानों को ऐसी फसल उगाने के लिए प्रोत्साहित करना है, जिसकी मांग सालों भर रहती है. इस तरह की खेती में ज़्यादा खर्च नहीं आता.
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