शहद सेहत के लिए कितना लाभदायक है, इस बात से हम सब वाकिफ है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया में पिछले 2 हफ्तों के दौरान लाखों मधुमक्खियों को मार दिया गया है. वजह है देश में फैल रहा वरोआ माइट नामक घातक परजीवी संक्रमण, जो कि ऑस्ट्रेलिया के करोड़ों डॉलर के शहद उद्योग के लिए खतरा पैदा कर रहा है. बता दें पहली बार इस परजीवी को सिडनी के पास एक बंदरगाह पर देखा गया. बढ़ रहे इस संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने ये फैसला लिया है.
वरोआ माइट क्या है?
वरोआ माइट (Varroa Mite) एक परजीवी कीट है, जो मधुमक्खियों को संक्रमित कर अपना भोजन बनाते हैं. इसे वेरोआ विनाशक भी कहा जाता है. इनसे होने वाली बीमारी को वेरोसिस कहा जाता है और यह ऑस्ट्रेलिया के दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र को मुख्य रूप से प्रभावित कर रहा है. ये मुख्त: लाल-भूरे रंग के होते हैं, जो मधुमक्खियों की पूरी प्रजातियों को खत्म करने में सक्षम हैं. ऑस्ट्रेलियाई मधुमक्खी पालन वेबसाइट बी अवेयर के अनुसार, "... वे मुख्य रूप से विकासशील ब्रूड में लार्वा और प्यूपा को खाते हैं और प्रजनन करते हैं, जिससे मधुमक्खियों के विकृत और कमजोर होने के साथ-साथ कई वायरस संचारित होते हैं."
मधुमक्खी क्यों है जरूरी
मधुमक्खी मानव जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. ऐसा इसलिए है, क्योंकि हमारी थाली में परोसे जाने 90 फीसदी वाला खाद्य पदार्थ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मधुमक्खियों पर ही निर्भर रहता है, क्योंकि मधुमक्खियां ना सिर्फ शहद प्रदान करती हैं, बल्कि पौधे के परागणकों को फैलाने में भी योगदान देती हैं. बता दें कि परागण पौधे के प्रजनन में महत्वपूर्ण प्रक्रिया है.
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मधुमक्खियों की संख्या घटने के लिए वरोआ माइट् है जिम्मेदार
दुनियाभर में मधुमक्खियों की संख्या में आ रही गिरावट का एक प्रमुख कारण वरोआ माइट् है. वरोआ माइट् के बढ़ते संक्रमण के दुनिया के तमाम देशों की मधुमक्खियां इसकी चपेट में आ चुकी हैं. जिसके चलते मधुमक्खियों की संख्या में कमी देखने को मिली है.
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