
उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए एक और खुशखबरी सामने आई है. योगी सरकार प्रदेश के लघु और सीमांत किसानों की आमदनी बढ़ाने और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए एक नई योजना शुरू करने जा रही है, जिसका नाम 'मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना' (Mukhyamantri Krishak Samridhi Yojana) है. इस योजना के तहत किसानों को खेती के लिए सस्ते दरों पर दीर्घकालिक लोन (Long-term loan) मिलेगा.
सहकारी बैंकों और नाबार्ड की अहम भूमिका
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस योजना को प्रभावी और समयबद्ध तरीके से लागू करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने नाबार्ड (NABARD) और सहकारी बैंकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने को कहा है. इसके लिए सहकारी बैंकों की लोन वितरण क्षमता बढ़ाई जाएगी और उनकी शाखाओं का आधुनिकीकरण भी किया जाएगा.
खेती के लिए 5 साल या उससे अधिक समय के लिए मिलेगा लोन
इस योजना को उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक (UP Cooperative Rural Development Bank) के माध्यम से चलाया जाएगा. इसके अंतर्गत किसानों को 5 साल या उससे अधिक समय के लिए खेती हेतु लोन मिलेगा. खास बात यह है कि यह लोन न्यूनतम ब्याज दर पर मिलेगा ताकि किसानों पर आर्थिक बोझ न पड़े. राज्य सरकार इस लोन पर ब्याज का एक हिस्सा खुद वहन करेगी, जिससे किसानों को यह लोन बेहद सस्ती दरों पर मिलेगा. योजना का लक्ष्य है कि किसान खेती में नई तकनीक, बीज, सिंचाई उपकरण और उन्नत संसाधनों का इस्तेमाल कर सकें.
जानिए कितना सस्ता मिलेगा लोन?
वर्तमान में सहकारी ग्राम विकास बैंक को नाबार्ड से लगभग 8 प्रतिशत की दर से ऋण मिलता है, जिसे बैंक किसानों को 11 प्रतिशत की दर से वितरित करता है. लेकिन इस नई योजना के अंतर्गत सरकार ब्याज दरों में 6 से 8 प्रतिशत तक अनुदान देगी, जिससे किसानों को यह लोन केवल 3 से 5 प्रतिशत की दर पर मिलेगा. इससे किसानों को बड़ी राहत मिलेगी और खेती के लिए पूंजी जुटाना आसान हो जाएगा.
भंडारण के लिए बनेंगे 100 नए गोदाम
किसानों को एक और बड़ी सुविधा देने के लिए सरकार 100 नए गोदाम भी बनाने जा रही है. अब तक 2017 से लेकर अब तक राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) के तहत 1060 गोदाम बनाए गए हैं, जिनकी कुल भंडारण क्षमता 117350 मीट्रिक टन तक पहुंच गई है. वर्ष 2025-26 में 100 नए गोदाम बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है.
इनमें से कई गोदाम 16 जिलों के 23 बी-बैक्स केंद्रों पर बनाए जाएंगे, जिनकी क्षमता 500 से 1000 मीट्रिक टन तक होगी. इससे किसानों को अपनी उपज को बेहतर ढंग से स्टोर करने का मौका मिलेगा, जिससे वे बाजार में सही समय पर फसल बेच सकेंगे और अच्छे दाम पा सकेंगे.
निजी क्षेत्र की भी होगी भागीदारी
मुख्यमंत्री ने गोदामों की संख्या और भंडारण क्षमता को और बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि इस दिशा में निजी क्षेत्र की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी. इसके लिए सरकार एक उपयुक्त नीति तैयार करेगी, जिससे निजी कंपनियां भी भंडारण ढांचे के विकास में निवेश करें.
किसानों की समृद्धि की दिशा में बड़ा कदम
'मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना' उत्तर प्रदेश सरकार की किसानों के हित में एक बड़ी पहल है. इससे किसानों को कम ब्याज दर पर लोन मिलेगा, जो उनकी खेती को आर्थिक रूप से मजबूत बनाएगा. वहीं गोदामों के निर्माण से भंडारण की सुविधा बढ़ेगी और किसानों को उपज की बिक्री में सहूलियत मिलेगी. यह योजना लघु और सीमांत किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और किसानों की आमदनी में निश्चित तौर पर बढ़ोतरी होगी.
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