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17 मार्च से शुरू होगी गेहूं की सरकारी खरीद, MSP में 150 रुपये की बढ़ोतरी

गेहूं की सरकारी खरीद 17 मार्च से शुरू होगी, जिसमें किसानों को 2,425 रुपये प्रति क्विंटल की दर मिलेगी. गेहूं की खरीद प्रक्रिया पारदर्शी बनाने के लिए नई नीति लागू की गई है, जिसमें बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण, ई-POP डिवाइस और 48 घंटे में भुगतान जैसी सुविधाएं दी जाएंगी.

मोहित नागर
Wheat support price UP 2025
17 मार्च से शुरू होगी गेहूं की सरकारी खरीद (प्रतीकात्मक तस्वीर)

उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए एक अहम और राहत देने वाली खबर सामने आई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सोमवार (10 मार्च 2025) को हुई कैबिनेट की बैठक में कई किसानों से जुड़े महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. इनमें सबसे बड़ा निर्णय गेहूं की सरकारी खरीद को लेकर लिया गया है, जिसे 17 मार्च से शुरू किया जाएगा. साथ ही, सरकार ने गेहूं के समर्थन मूल्य (MSP) में भी 150 रुपये की वृद्धि का ऐलान किया. इस बार, किसानों को गेहूं के लिए 2,425 रुपये प्रति क्विंटल की दर मिलेगी, जबकि पिछले साल यह कीमत 2,275 रुपये थी. यह कदम किसानों के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि इससे उन्हें अच्छे दाम मिलेंगे और आय में वृद्धि हो सकती है.

क्या है गेहूं खरीद की नई नीति?

सरकार ने गेहूं की खरीद को और अधिक पारदर्शी और सुलभ बनाने के लिए नई नीति को मंजूरी दी है. इसके तहत, खाद्य विभाग की विपणन शाखा और अन्य आठ क्रय एजेंसियों के माध्यम से कुल 6,500 क्रय केंद्र बनाए जाएंगे. ये केंद्र किसानों को अपनी उपज बेचने में सहायक होंगे, और प्रक्रिया को सरल बनाएंगे.

इस बार गेहूं की खरीद इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ परचेज (e-POP) मशीन के माध्यम से बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के द्वारा की जाएगी. इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि किसानों की पहचान भी सही तरीके से हो पाएगी. बायोमेट्रिक सिस्टम के जरिए किसान की उपस्थिति और उसकी उपज की खरीद प्रक्रिया को पूरी तरह से ट्रैक किया जा सकेगा.

बटाईदार किसानों को भी मिलेगा लाभ

इस वर्ष बटाईदार किसानों के लिए भी एक अहम फैसले का ऐलान किया गया है. पहले केवल मूल किसान ही गेहूं बेच सकते थे, लेकिन अब बटाईदार किसान भी पंजीकरण कराके अपनी उपज बेच सकेंगे. इसके लिए बटाईदार किसान और मूल किसान के बीच लिखित सहमति की आवश्यकता होगी, जिसके बाद पंजीकरण किया जाएगा.

क्रय केंद्रों पर ई-POP डिवाइस से होगी निगरानी

खरीद प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए, सभी क्रय केंद्रों पर ई-POP डिवाइस का इस्तेमाल किया जाएगा. इसके माध्यम से हर खरीद की निगरानी होगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि केवल पंजीकृत किसानों की गेहूं ही खरीदी जाए. इसके अलावा, प्रत्येक मोबाइल क्रय केंद्र पर की गई खरीद भी ई-POP डिवाइस से रिकॉर्ड की जाएगी, जिससे किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी से बचा जा सकेगा.

किसानों को 48 घंटे में मिलेगा भुगतान

इस साल से गेहूं खरीद के बाद किसानों को भुगतान के लिए लंबा इंतजार नहीं करना होगा. सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि सभी क्रय एजेंसियां किसानों को उनके गेहूं के दाम 48 घंटे के भीतर उनके बैंक खातों में सीधे भेज देंगी. यह कदम किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है, जिससे वे जल्द ही अपनी आय का उपयोग कर सकेंगे.

पंजीकरण की प्रक्रिया

गेहूं की बिक्री के लिए किसानों के लिए पंजीकरण करना अनिवार्य होगा. पंजीकरण खाद्य व रसद विभाग के पोर्टल (fcs.up.gov.in) या मोबाइल एप "UP KISAN MITRA" पर कराया जा सकता है. 1 जनवरी 2024 से पंजीकरण प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और अब तक 1,09,709 किसानों ने अपना पंजीकरण करवा लिया है. किसानों को यह ध्यान रखना होगा कि पंजीकरण के बिना गेहूं की बिक्री संभव नहीं होगी. खबरों के अनुसार, 17 मार्च से गेहूं खरीद प्रक्रिया हर दिन सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक जारी रहेगी, रविवार और अन्य अवकाशों को छोड़कर.

English Summary: uttar pradesh farmers wheat purchase starts 17 march msp increased 150 rupees Published on: 11 March 2025, 01:22 PM IST

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