यूरिया की कालाबाजारी को रोकने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं. बावजूद इसके कुछ क्षेत्रों में अभी भी यूरिया की कालाबाजारी हो रही है. इसी को रोकने के लिए बिहार के कृषि मंत्री ने राज्य में यूरिया की कालाबाजारी करने वालो के खिलाफ सख्त रवैया अपनाने का मन बना लिया है. कृषि मंत्री डॉ० प्रेम कुमार ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से राज्य के कुछ क्षेत्रों से किसानों से यूरिया खाद की किल्लत एवं निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य पर बिक्री की शिकायत प्राप्त हो रही है . उन्होंने कहा कि अभी खड़ी फसलों में टॉप ड्रेसिंग के लिए यूरिया खाद की आवश्यकता होती है . सरकार द्वारा आवश्यकता के अनुरूप उर्वरकों की आपूर्ति भी सुनिश्चित कराई जा रही है . वर्तमान में राज्य में यूरिया खाद की कोई कमी नहीं है, बावजूद इसके कुछ जगहों पर उर्वरकों का कृत्रिम अभाव दिखाकर किसानों के बीच भ्रम की स्थिति पैदा की जा रही है. ऐसा करने वाले व्यक्तियों पर कठोरतम कार्रवाई की जायेगी . राज्य में इस वर्ष खरीफ मौसम में माह सितम्बर तक 9.00 लाख मेट्रिक टन यूरिया की आवश्यकता होगी. इसके विरूद्ध 20 सितम्बर तक 8.30 लाख मेट्रिक टन की आपूर्ति हुई है.
कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार किसानों के हित के लिए पूरी तत्परता के साथ कार्य कर रही है . उन्होंने इस प्रकार की समस्याओं के प्रति त्वरित एवं समुचित कार्रवाई करने हेतु विभाग को निदेश दिया . उन्होंने कहा कि उर्वरकों के संबंध में उत्पन्न वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए राज्य मुख्यालय स्तर से सभी जिलों के लिए उच्चस्तरीय छापामारी/उड़नदस्ता दल का गठन करने का निदेश दिया गया है . सरकार द्वारा इन उड़नदस्ता दल के जाँच प्रतिवेदन के आधार पर दोषी व्यक्तियों पर कठोरतम कार्रवाई की जायेगी .
डॉ० कुमार ने किसानो से अपील की है कि अपनी आवश्यकता के अनुसार ही यूरिया का क्रय करें . भविष्य में भी यूरिया की कोई कमी नहीं होने जा रही है, इसलिए अनावश्यक यूरिया का क्रय कर घर में अतिरिक्त स्टॉक करने की आवश्यकता नहीं है .हमारी सरकार किसानों को उचित मूल्य पर उर्वरक उपलब्ध कराने हेतु कृतसंकल्पित है. हमारी सरकार के लिए किसानों का हित सर्वोपरि है तथा सरकार किसानों की उन्नति के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है.
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