उत्तर प्रदेश के किसानों का हाल सरकार से भी नही छिपा है. हाल ही में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि उतर प्रदेश किसानों की अजीबोगरीब स्थिति को दर्शाता है जहां एक धनी राज्य में किसान गरीब है और उनमें इच्छाशक्ति की कमी है. इस राज्य में गेहूं और चावल के उत्पादन करने से उत्तर प्रदेश के किसानों का भविष्य नहीं बदलने वाला है. गडकरी ने कहा यदि यहाँ के किसान गेंहू और चावल की जगह पेट्रो उत्पाद संबंधी एथेनाल का उत्पादन करेंगे तो प्रदेश के लोगो को इसका लाभ मिलेगा.
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश एक समृध्द प्रदेश है लेकिन यहां के लोग अभी भी गरीब है. उन्होंने कहा यहाँ के किसान कड़ी मेहनत के बाद भी लाभ नही ले पा रहे हैं. आजादी के 70 साल बाद भी किसानों की स्थिति में सुधार नही आया है. गेंहू और चावल के बजाए एथेनाल का उत्पादन किसानों को धनी बनाएगा इससे उनकी आय में भी इजाफा होगा. उन्होंने कहा कि हमारे देश में सात लाख करोड़ रुपए का डीजल एवं पेट्रोल विदेश से आयात होता है. यदि हम पुआल जो धान की फसल से उत्पन्न होता है एवं खोईया जो गन्ना कि पेराई करने के बाद निकलता है उससे एथेनाल का उत्पादन करें तो हमारे देश में चलने वाली डीजल और पेट्रोल कि जरूरत पूरी हो जाएगी और करोड़ों रुपए की बचत होगी जो किसानों की जेब में जाएगी.
गडकरी ने उदाहरण देते हुए बताया कि महाराष्ट्र और मुंबई में एथेनाल से बसें और कारे आदि चलती हैं। अब हम स्कूटर और मोटरसाइकिल भी चलाएंगे जिसके लिए हमने कई मोटरसाईकिल कंपनियों से बात कर ली है निकट भविष्य में हम एथेनाल से ही स्कूटर और मोटरसाइकिल को चलाएंगे तथा साथ ही साथ इलेक्ट्रिक से भी चलने वाली स्कूटरों और मोटरसाइकिलों के उत्पादन पर विशेष ध्यान देंगे.
नितिन गडकरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भी एथेनाल का प्रयोग किया जाए तो यहां भी डीजल और पेट्रोल की बचत होगी. इससे यहाँ के लोगो को रोजगार भी मिलेगा. ज्ञात रहे महाराष्ट्र में बस एवं अन्य वाहनों को एथेनोल के माध्यम से चलाया जा रहा है. इसके लिए सरकार भी प्रयास कर रही हैं.
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