1. Home
  2. ख़बरें

चावल-मक्का उत्पादन में उछाल, खाद्यान्न क्षेत्र में 3.8% की हुई वृद्धि- केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खरीफ 2025 की तैयारियों पर जोर देते हुए चावल और मक्का उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि की जानकारी दी. उन्होंने बीज वितरण, प्राकृतिक खेती, उर्वरक व्यवस्था और दलहन-तिलहन उत्पादन बढ़ाने के प्रयासों को रेखांकित किया. किसानों को लाभ पहुंचाने पर विशेष बल दिया गया.

KJ Staff
Union Agriculture Minister Shivraj Singh Chouhan
चावल-मक्का उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि, खाद्यान्न क्षेत्र ने 3.8% की छलांग लगाई: शिवराज सिंह

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नई दिल्ली के पूसा कैंपस स्थित अग्नि हॉल में पत्रकारों से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन- खरीफ 2025 अभियान में हुई चर्चा के साथ-साथ खरीफ की बुआई से पहले कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की तैयारियों व रणनीतियों के बारे में जानकारी दी. प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर सहित विभिन्न राज्यों से आए कृषि मंत्री भी उपस्थित रहे.

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि आज राज्यों के कृषि मंत्रियों, केंद्र और राज्य सरकार तथा आईसीएआर एवं अन्य संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों व वर्चुअल जुड़े सभी पदाधिकारियों के साथ सारगर्भित चर्चा हुई है. राज्यों के बेहतर प्रदर्शन, किसानों की मेहनत और प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन के कारण खरीफ के रकबे में वृद्धि हुई है, वहीं खरीफ 2023-24 के दौरान चावल का क्षेत्रफल 40.73 मिलियन हेक्टेयर था, जो खरीफ 2024-25 में 43.42 मिलियन हेक्टेयर हो गया है. चावल का उत्पादन खरीफ 2023-24 में 113.26 मिलियन टन था, जो खरीफ 2024-25 में 120.68 मिलियन टन हो गया है.

इसी तरह, खरीफ में 2023-24 के दौरान मक्का का क्षेत्रफल 8.33 मिलियन हेक्टेयर था, जो खरीफ 2024-25 में 8.44 मिलियन हेक्टेयर हो गया और मक्के का उत्पादन खरीफ 2023-24 में 22.25 मिलियन टन था, जो खरीफ 2024-25 में 24.81 मिलियन टन हो गया है.

शिवराज सिंह ने बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में कुल खाद्यान्न क्षेत्र में 3.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिसमें चावल और मक्का में प्रमुख वृद्धि देखी गयी है. समान रूप से खरीफ 2024 में कुल खाद्यान्न उत्पादन में पिछले वर्ष 2023 खरीफ उत्पादन की तुलना में 6.81 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिसमें चावल, मक्का और ज्वार आदि फसलों में उच्च उत्पादन देखा गया है. उन्होंने कहा कि विपरीत जलवायु परिस्थितियों के बावजूद हमारे खाद्यान्न का उत्पादन लगातार बढ़ रहा है. रबी का भी द्वितीय अनुमान बेहद आशाजनक है. आईसीएआर के हमारे वैज्ञानिकों द्वारा कई नई जलवायु अनुकूल किस्मों के विकास के कारण यह लक्ष्य अर्जित हुआ है. राज्यों ने भी बेहतर ढंग से खेती में उत्पादन बढ़ाने का प्रयास किया है. उत्पादन वृद्धि में योगदान के लिए शिवराज सिंह ने सभी को बधाई दी और कहा कि हमारे किसानों की मेहनत को प्रणाम करता हूं.

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि आगे आने वाले खरीफ के मौसम में हम नई किस्मों के बीज ठीक ढंग से किसानों के पास पहुंचा पाएं, इसके लिए प्रयासरत है. व्यापक स्तर पर अच्छे बीज किसानों तक पहुंचे, इसके लिए काफी चर्चा हुई है. चौहान ने कहा कि लैब टू लैंड की नीति के तहत वैज्ञानिक और किसान साथ मिलकर काम करे, इसकी बड़ी आवश्यकता है. प्रसन्नता की बात है कि हमारे पास आईसीएआर, कृषि विज्ञान केंद्र, कृषि विश्वविद्यालय को मिलाकर 16 हजार वैज्ञानिक हैं, जिनके योगदान को शामिल करते हुए, किसानों तक शोध की सही जानकारी पहुंचाने के लिए एक प्रभावी व्यवस्था बनाई गई है. इस बार खरीफ की फसल के लिए, जो आमतौर पर 15 जून के बाद शुरू होती है, उसी के मद्देनजर 4-4 वैज्ञानिकों की टीम बनाई जाएगी, इनके साथ राज्यों के कृषि विभाग का अमला जुड़ेगा, केंद्र सरकार के कृषि विभाग के साथी भी जुड़ेंगे, प्रगतिशील किसान जुड़ेंगे और यह 15 दिन खरीफ फसल के उत्पादन में वृद्धि के लिए अच्छे बीज, बेहतरीन तकनीक का लाभ दिलाने के लिए संवाद होगा. एक दिन में तीन स्थानों पर एक टीम जाएगी और किसानों से सार्थक संवाद करेगी, जिसमें अच्छे बीज के बारे में, कृषि पद्धितियों के बारे में, जलवायु अनुकूल बुआई के बारे में, उचित फसल के निर्णय के लिए विस्तार से चर्चा करके ये टीम किसानों को दिशा देने का काम करेगी.

चौहान ने कहा कि जहां तक खरीफ में बीज का सवाल है, बीज की आवश्यकता है 164.254 लाख क्विंटल की और हमारे पास पर्याप्त बीज 178.48 लाख क्विंटल उपलब्ध है. हम सभी राज्यों की मांग के अनुसार उन्न्त बीज उपलब्ध करा पाएंगे. खुशी की बात ये है कि सीड रिपलेसमेंट की दर बढ़ रही है. पहले किसान परंपरागत बीज बोते रहते थे लेकिन 10 साल से पहले सीड बदल देना चाहिए. 10 साल हो जाने पर बीज की गुणवत्ता अच्छी नहीं रहती. बीज बदलने की प्रवृत्ति में तेजी आ रही है, जिसके लिए मैं लिए राज्यों को बधाई देता हूँ. उन्होंने कहा कि गुणवत्ता वाले बीजों की उपलब्धता के लिए काम किया जा रहा है.

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि देश के किसानों के लिये यूरिया, डीएपी, एनपीके की पर्याप्त व्यवस्था की गई है, जिसके लिए मैं प्रधानमंत्री को धन्यवाद देता हूँ. विदेश में बढ़ रही कीमत के बावजूद सब्सिडी किसानों को मिल रही है. हमने खाद को स्टोर करना शुरू कर दिया है.

चौहान ने कहा कि गेहूँ, चावल हमारे यहाँ पर्याप्त मात्रा में होता है लेकिन दलहन और तिलहन का हमें आयात करना पड़ता है. भारत सरकार ने जो दलहन मिशन शुरू किया है उसे इम्प्लीमेंट करने की बात सम्मेलन में हुई है. उत्पादन कैसे बढ़े, इस पर भी चर्चा और ऑइल सीड के उत्पादन को बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं. एक और प्रमुख विषय है अत्यधिक उर्वरकों का इस्तेमाल. रासायनिक उर्वरकों के कुप्रभावों से बचने के लिए प्राकृतिक कृषि मिशन भारत सरकार ने बनाया है. कंविन्स करके किसान के जमीन के टुकड़े पर प्राकृतिक खेती की जाएगी. 33 राज्यों का एनुयल एक्शन प्लान आ गया है. 7.78 लाख हेक्टेयर में 15,560 क्लस्टर बनाए जाएंगे और 10 हजार बायो रिसोर्स सेंटर बनाए जाएंगे. 16 प्राकृतिक खेती के केंद्रों की पहचान की गई है और 3,100 वैज्ञानिकों को किसान को मास्टर ट्रेनिंग के रूप में ट्रेन किया गया है. कम से कम 18 लाख किसान प्राकृतिक खेती की शुरुआत करें, 1 करोड़ किसानों को हम सेन्सीटाइज़ करें, इस दिशा में तेजी से काम हो रहा है.

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि ये बैठक बहुत गंभीरता से हुई है. हमने तय किया है कि रबी की बैठक एक नहीं, दो दिन की होगी. हमने प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया है कि जो भेदभावपूर्ण सिंधु जल समझौता किया गया था, जिसमें 80 प्रतिशत पानी पाकिस्तान के हिस्से में और केवल 20 प्रतिशत हिस्सा भारत के हिस्से में है, उसे रद्द किया गया है. इसका लाभ किसानों को मिलेगा. विशेषकर पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख, जम्मू कश्मीर. अधिक पानी के कारण उत्पादकता बढ़ेगी, बाढ़ नियंत्रण जैसे काम भी बेहतर होंगे. किसानों को बिजली भी मिलेगी, जिससे उत्पादन बढ़ेगा.

English Summary: Union Agriculture Minister Shivraj Singh Chouhan said increase in rice-maize production 3.8 percent growth in food grain sector Published on: 09 May 2025, 10:53 AM IST

Like this article?

Hey! I am KJ Staff. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News