Kisan Ki Baat: किसानों की आय वृद्धि और उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से कई योजनाओं को चलाया जा रहा है. इनमें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजनाओं में एक है, जिसके तहत किसानों को सालाना 6000 रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है. किसानों को फसल से बेहतर उपज और आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार बहुत जल्द एक और पहल करने जा रही है. किसानों को खेतीबाड़ी से जुड़ी विशेष वैज्ञानिक जानकारियां मुहैया कराने के उद्देश्य से केंद्र सरकार मासिक रेडियो कार्यक्रम 'किसान की बात' (Kisan ki Baat) शुरू करेगी.
'मन की बात' से प्रेरित है 'किसान की बात' कार्यक्रम
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा करते हुए कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' से प्रेरित होकर देश के किसानों के लिए 'किसान की बात' कार्यक्रम को शुरू किया जा रहा है. बता दें, इस प्रोग्राम की मदद से किसानों को मत्री, कृषि वैज्ञानिकों और मंत्रालय के अधिकारियों से सीधी बातचीत करने का एक प्लेटफॉर्म मिल सकेगा. कृषि मंत्री ने कहा कि, अक्सर हमारे किसानों के पास जानकारी का अभाव होता है, जिससे कीटनाशकों का काफी दुरुपयोग हो रहा है, हमें इस पर ध्यान देने की बेहद आवश्यकता है.
ये भी पढ़ें: आईआईएमआर दे रहा देश में मक्का की खेती को बढ़ावा, इथेनॉल बनाने में मिलेगी मदद!
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी की 'मन की बात' कार्यक्रम की तर्ज पर 'किसानों की बात' कार्यक्रम सितंबर महीने से प्रारंभ कर रहे हैं। pic.twitter.com/wJUaiEYNck
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 15, 2024
सितंबर से शुरू होने की संभावना
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, किसान की बात कार्यक्रम को सितंबर से शुरू किया जा सकता है. इसे पीएम मोदी के ‘मन की बात’ प्रोग्राम से एक हफ्ते पहले शुरू किया जा सकता है. स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान कृषि मंत्री ने कहा, ‘किसान की बात’ कार्यक्रम के दौरान, हम खेती के अलग-अलग पहलुओं पर चर्चा करेंगे. उन्होंने कहा, इस प्रोग्राम में हम अच्छी खेती की विधियां, नई तकनीकें और उत्पादन बढ़ाने के नए-नए तरीको पर भी बात करेंगे.
KVK से किसानों को जोड़ने की जरूरत
कृषि मंत्री ने कहा, कृषि विज्ञान केंद्र को किसानों से पूरी तरह जोड़ने की जरूरत है. किसानों तक वैज्ञानिक लाभ तुरंत पहुंचाने का काम किया जाएगा. अब जल्द ही वैज्ञानिकों से चर्चा और किसानों के बीच चर्चा होगी, ताकि हम कृषि के जरिए अन्नदाता बनने का चमत्कार कर सकें.
Share your comments