केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने शनिवार को रांची के गढ़ कटंगा में भारतीय कृषि जैव प्रौद्योगिकी संस्थान का दौरा किया. उनके आगमन पर आदिवासी बच्चों ने पारंपरिक अंदाम में उनका स्वागत किया. इस दौरान अर्जुन मुंडा ने पूर्वी क्षेत्र के लिए आईसीएआर अनुसंधान परिसर का भी दौरा किया और राष्ट्रीय माध्यमिक कृषि संस्थान में कृषि उद्यमियों और कृषि वैज्ञानिकों के साथ बातचीत की. भारतीय कृषि जैव प्रौद्योगिकी संस्थान में अर्जुन मुंडा ने रांची लोकसभा क्षेत्र से सांसद संजय सेठ और निदेशक डॉ. सुजय रक्षित के साथ बेहतर कृषि उत्पादन के लिए संस्थान की विभिन्न गतिविधियों की समीक्षा की.
अपने संबोधन में अर्जुन मुंडा ने कहा कि हमारा देश गांवों में बसता है और कृषि ग्रामीण लोगों की आजीविका का प्रमुख स्रोत है. कृषि विकास का ग्रामीण विकास से गहरा संबंध है. उन्होंने कहा कि संस्थान कृषि विकास की गति को तेज करने के लिए एकीकृत तरीके से माइक्रोबियल जैव प्रौद्योगिकी की क्षमता का दोहन करने की व्यापक दृष्टि के साथ काम कर रहा है. वहीं, पूर्वी क्षेत्र के लिए आईसीएआर अनुसंधान परिसर में, मंत्री ने किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) और स्थानीय किसानों के साथ बातचीत की और उन किसानों के प्रति आभार व्यक्त किया जो देश की अर्थव्यवस्था में बहुत योगदान देते हैं.
उन्होंने कहा कि हमारे किसानों की कड़ी मेहनत और कृषि वैज्ञानिकों द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों जैसे फसल छिड़काव और फसल निगरानी जैसी अतिरिक्त गतिविधियों के लिए उपयोग किए जा रहे कृषि ड्रोन की शुरूआत के कारण देश खाद्य उत्पादन में आत्मनिर्भर हो गया है.
कृषि मंत्री ने कृषक समुदाय से सरकार द्वारा शुरू की गई पीएम फसल बीमा और पीएम किसान समृद्धि जैसी कई महत्वपूर्ण योजनाओं का लाभ उठाने का भी आग्रह किया. राष्ट्रीय माध्यमिक कृषि संस्थान में कृषि उद्यमियों और कृषि वैज्ञानिकों के साथ बातचीत करते हुए मुंडा ने लाह की खेती, प्रसंस्करण और अन्य देशों में निर्यात की चुनौतियों और अवसरों के संबंध में संस्थान की विभिन्न गतिविधियों के बारे में विस्तृत से चर्चा की. लाह उत्पादन में झारखंड राज्य देश में प्रथम स्थान पर है तथा लाह की खेती के लिए झारखंड का मौसम भी उपयुक्त है.
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