केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने वर्ष २०१८-१९ के केंद्रीय बजट पेश होने के बाद कहा है कि ऑपरेशन ग्रीन के तहत 22000 हाट विकसित की जाएंगी. उन्होंने कहा कि अब कृषि विपणन क्षेत्र का विस्तार किया जायेगा और इससे ग्रामीण मंडियों को जोड़ा जायेगा. उन्होंने बताया कि इस प्रस्ताव के तहत सभी 22000 हाट को संगठित खुदरा कृषि मंडियों में विकसित किया जाएगा जहां किसानों को छोटे-छोटे स्थान उपलब्ध कराये जाएंगे। इससे किसानों में बेहतर सौदेबाजी की क्षमता से मंडी में लेनदेन के लिए उन्हें संगठित किया जा सकेगा।
प्रत्यक्ष खरीद के लिए होंगी हाट
किसान प्रत्यक्ष खरीद बिक्री के लिए भी इन हाटों का उपयोग कर सकते हैं। सिंह ने कहा कि आलू, प्याज, टमाटर जैसे उत्पाद एवं उनकी कीमतें कई बार चर्चा का विषय बन जाती हैं। इस बजट में किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए आलू, प्याज एवं टमाटर के लिए एक विशेष पैकेज की घोषणा की गई है। इसके लिए ‘‘आपरेशन ग्रीन’’ के तहत 500 करोड़ का बजटीय प्रावधान किया गया है।
कृषि जिंसों पर डेढ़ गुना एमएसपी
कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा है कि खेती की लागत पर लाभ का मार्जिन 50 प्रतिशत सुनिश्चित करने के उद्देश्य से नीति आयोग, केंद्र एवं राज्य सरकार मिलकर विभिन्न विकल्पों एवं राज्यों में प्रचलित योजनाओं का अध्ययन और उपयुक्त खरीद तंत्र की सिफारिश करेंगे। वर्ष 2018-19 के केंद्रीय बजट में प्रस्ताव किया गया है कि आगामी खरीफ से विभिन्न कृषि जिन्सों पर उसकी लागत के डेढ़ गुणा के आधार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की घोषणा होगी।
फसलों का मिलेगा उचित मूल्य
कृषि मंत्री ने कहा कि एमएसपी पर अनाज की खरीद के लिए केंद्र हर तरह से मदद करेगी। यह केंद्र और राज्य की संयुक्त जिम्मेदारी है। सिंह ने कहा, ‘‘हम यह सुनिश्चित करेंगे कि अगर किसी फसल की कीमत न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे चली जाती है तब भी किसान को कीमतों में नुकसान का भुगतान प्राप्त हो सके।’’ उन्होंने कहा, ‘‘नीति आयोग इस विषय पर केंद्र एवं राज्य सरकार के साथ मिलकर विभिन्न विकल्पों एवं कुछ राज्यों में प्रचलित योजनाओं का अध्ययन करेगा और एक ढांचागत तंत्र की सिफारिश करेगा ताकि किसानों को उनके उत्पाद पर पर्याप्त कीमत प्राप्त हो सके।’’ कृषि मंत्री ने कहा कि वह राज्यों से आग्रह करना चाहते हैं कि कृषि बाजार सुधार की दिशा में संयुक्त रूप से आगे बढ़ा जाए ताकि खुले बाजार में भी किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य मिल सके। उन्होंने जोर दिया कि उनकी सरकार मानती है कि किसानों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य प्रदान करना कृषि क्षेत्र के समक्ष प्रमुख चुनौती है। मध्यप्रदेश एवं राजस्थान सहित कुछ राज्यों में समान स्थिति है। साल 2018 के बजट में किसानों को लाभकारी मूल्य पर सबसे अधिक ध्यान दिया गया है।
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