कृषि क्षेत्र (Agriculture Sector) में हर रोज नए बदलाव हो रहे हैं. जहां राज्य सरकारें किसानों को जैविक खेती (Organic Farming) के लिए अपने-अपने स्तर पर बढ़ावा व ज़ोर दे रही हैं. ऐसे में एक ख़बर हरियाणा (Haryana) राज्य से भी आ रही है. जहां राज्य सरकार ने किसानों के लिए ज़मीनी स्तर पर जैविक खेती के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम (Training Program for Organic Farming) रखें हैं.
जैविक खेती के लिए बनेगा अलग विभाग (A separate department will be formed for organic farming)
इसी संदर्भ में कृषि मंत्री जेपी दलाल (Agriculture Minister J.P Dalal) ने कहा कि राज्य सरकार हरियाणा में प्राकृतिक खेती (Natural Farming) को बढ़ावा देने के लिए प्रयास कर रही है और इसके लिए एक अलग विभाग बनाने की योजना बना रही है.
किसानों के लिए क्या होगा खास (What will be special for farmers)
हरियाणा के मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किसानों के बीच जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए 3 साल का प्रोत्साहन कार्यक्रम शुरू किया है. इसके लिए उन्होंने कहा कि राज्य में 100 कलस्टर्स भी तैयार किये जायेंगे और हर कलस्टर में कम से कम 25 एकड़ भूमि पर यह प्रयोग शुरू किया जाएगा. यही नहीं इन कार्यकर्मों के तहत किसानों को ब्रांडिंग, पैकेजिंग और पहले 3 वर्षों में उत्पादन के नुकसान पर मुआवजे के लिए आर्थिक सहायता भी दी जाएगी.
अलग से बनेगा जैविक खेती का बजट (Separate budget for organic farming will be made)
हाल ही में कुरुक्षेत्र (Kurukshetra) में कुछ मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, दलाल ने कहा कि “सरकार राज्य के हर गांव में किसानों को प्राकृतिक खेती (Natural Farming) से जोड़ने के उद्देश्य से काम कर रही है. प्राकृतिक कृषि विभाग (Organic Agriculture Department) बनाने की योजना पर काम शुरू कर दिया गया है. बजट सत्र के दौरान सरकार प्राकृतिक खेती के लिए अलग से कोष जुटाने का प्रयास करेगी.
हरियाणा बनेगा रसायन मुक्त (Haryana will become chemical free)
इसके अलावा उन्होंने आगे कहा कि "आज के आधुनिक युग में जहरीली खेती (Chemical Farming) हो रही है. इससे न केवल जनता का स्वास्थ्य खराब हो रहा है, बल्कि मिट्टी भी खराब हो रही है, जिससे किसानों की आय कम हो रही है. दो साल पहले, किसानों को स्थिति से अवगत कराया गया था और उन्हें प्राकृतिक खेती (Organic Farming) को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया गया था, लेकिन कोविड के कारण अभियान को आगे नहीं बढ़ाया जा सका. अब महामारी थमने के बाद किसानों को फिर से प्राकृतिक खेती से जोड़ने के लिए एक कृषि कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है".
जैविक खेती की योजना (Organic farming plan)
इसकी स्थापना के लिए सरकार पहले लैब स्थापित करने (Setting up the lab), उत्पादों के परीक्षण के तरीकों (Methods of testing products), प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को प्रमाणित करने (To certify farmers doing natural farming) और प्रशिक्षण केंद्र खोलने पर ध्यान केंद्रित (Focus on opening training center) करेगी. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गुरुग्राम (Gurugram) में एक जैविक बाजार भी स्थापित किया जाएगा.
दलाल ने आगे कहा कि वर्तमान में फसलों के उत्पादन के लिए खेतों में दवाओं और उर्वरकों का अंधाधुंध उपयोग किया जा रहा है, जिससे लोगों का स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है और कृषि उत्पादों को स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में उचित मूल्य भी नहीं मिल रहा है. इसलिए सरकार ने समय की मांग को ध्यान में रखते हुए कृषि उत्पादों की गुणवत्ता पर ध्यान देकर किसानों को प्राकृतिक खेती के प्रति जागरूक करने का निर्णय लिया है.
कब होगी जैविक खेती की कार्यशाला (When will organic farming workshop)
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सभागार (Kurukshetra University Auditorium) में 8 मार्च को प्राकृतिक खेती पर आधारित राज्य स्तरीय कृषि कार्यशाला (State Level Agriculture Workshop) का आयोजन किया जायेगा.
खास बात यह है कि इस कार्यशाला में सीएम एमएल खट्टर, गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, सांसद, विधायक, डीसी, चार विश्वविद्यालयों के वीसी, कृषि, बागवानी और पशुपालन विभाग के अधिकारी सहित 1,200 प्रगतिशील किसान इसमें हिस्सा लेंगे.
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