बिहार के हाजीपुर की महिलाएं प्रधानमंत्री के कहे अनुसार आपदा में अवसर खोजने लगी है. दरअसल यहां की रहने वाली वैशाली प्रिया ने गन्ने और केले की फसलों से कपड़ा बनाने का तरीका खोज निकाला है. क्षेत्र के लोगों के लिए यह काम कुछ नया होने के बावजूद भी विशेष है.
डंठल से बन रहा फाइबर
कपड़ा बनाने के लिए जिस फाइबर की जरूरत है, उसे वैशाली केले के डंठल से बनाती है. इस काम में उनका सहयोग फैशन जगत से जुड़े लोग भी कर रहे हैं.
कचरे का सही उपयोग
महिलाओं ने बताया कि आम तौर पर केले या गन्नों के डंठल को बेकार समझा जाता है, लेकिन यहां पर इनके कचरों का उपयोग फाइबर बनाने के लिए किया जाएगा. इस काम से क्षेत्र में हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा.यहां की महिलाओँ को काम के साथ फैशन और आर्ट की अच्छी समझ है, यही कारण है कि अपने हुनर से बेस्ट क्वालिटी के साथ-साथ इन्होंने यहां के मॉडर्न और पारंपरिक संस्कृति को भी कपड़ों पर उतारा है.
विश्व स्तर पर है कपड़ों की मांग
कपड़ों में जहां एक तरफ आधुनिकता की झलक है, वहीं बिहार की पारंपरिक मधुबनी पेंटिंग की कलाकृतियां भी है. इन कपड़ों को भारतीय बाजारों के अलावा यूरोपियन बाजारों में भी बेचा जा रहा है. वहां भी इसकी मांग बढ़ रही है.
बड़े सफर की छोटी शुरूआत
वैशाली ने इस प्रोजेक्ट को 'सुरमई बनाना एक्सट्रेक्शन प्रोजेक्ट' के नाम से शुरू किया है. कपड़ा बनाने के इस काम में लगभग सभी क्रियाएं ऑर्गेनिक और नेचुरल ही है. इस काम का ख्याल कैसे आया, इसके जवाब में वैशाली कहती है कि शुरूआत इतनी बड़ी सोच के साथ तो नहीं की थी. शुरू में 30 महिलाओं के साथ स काम को शुरू किया था, लेकिन फिर मांग बढ़ने के साथ-साथ काम बढ़ता गया और नए-नए विचारों के साथ लोग जुड़ते गए.
कृषि विज्ञानं केंद्र से मिली मदद
वैशाली को इस काम के लिए जिस तरह के संसाधनों की जरूरत थी, वो सभी हरिहरपुर के कृषि विज्ञान केंद्र से मिल गई. मशीन के साथ-साथ केंद्र ने मजदूरों को प्रशिक्षण भी दिया. वैशाली बताती हैं कि केले की फसल कटने के बाद बड़ी मात्रा में कचरा बचा जाता है, किसानों को लगता है कि ये बेकार है, इसलिए वो इसका मूल्य नहीं समझते, लेकिन अब फसल कटने के बाद बड़ी मात्रा में कचरे की कीमत भी बढ़ गई है.
                    
                    
                    
                    
                                                
                                                
                        
                        
                        
                        
                        
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