फसलों से निकलने वाली पराली किसानों और प्रशासन दोनों के लिए एक परेशानी का सबब मानी जाती है. सरकार की कोशिश रहती है कि किसान अपने खेतों से निकलने वाली पराली को ना जलाएं. इसके लिए सरकार द्वारा कई प्रकार की योजना चलाई जाती है ताकी किसानों को लाभ दिलाया जा सके.
इसी क्रम में पंजाब सरकार ने किसानों को फसलों की पराली न जलाने के लिए प्रेरित करने का फैसला किया है. इसके लिए पंजाब सरकार सावन की फसल 2020 के दौरान धान के पराली के प्रबंधन के लिए कृषि मशीनों/यंत्रो की खरीदारी पर 50 से 80 फीसदी तक सब्सिडी मुहैय्या कराने का निर्णय लिया है. इस बात की जानकारी फाजिलका के डीसी अरविंज सिंह संधू ने दिया.
उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि सरकार द्वारा कृषि मशीनों की खरीद पर सब्सिडी देने के लिए किसानों और किसान ग्रुपों से आवेदन की मांग की है. उन्होंने कहा कि इसमें किसानों के लिए अलग-अलग लाभ है जैसे व्यक्तिगत रूप से किसी किसान के लिए 50 फीसद और सोसायटी, पंचायत और किसान ग्रुपों को 80 प्रतिशत तक सब्सिडी दिया जाएगा. प्रदूषण रोकने और राज्य को हरा-भरा करने के मकसद से यह मशीनें किसानों, सहकारी सभाओं, पंचायतों और किसान ग्रुपों को मुहैया कराई जाएंगी.
किन-किन कृषि यंत्रों को किया गया है शामिल (Which agricultural machines have been included)
डीसी ने जानकारी देते हुए कहा कि किसानों के लिए सब्सिडी पर कई प्रकार की कृषि मशीनें उपलब्ध कराई जा रही हैं. इन मशीनों में कंबाइनों पर लगते सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम, पैडी स्ट्रा चौपर /शरैडर /मलचर, आरएमबी पलो, जीरो टिल ड्रिल और सुपर सीडर जैसे यंत्र शामिल हैं. फसल की पराली को खेतों में मिलाने के मद्देनज़र इस मशीनों पर सब्सिडी देने का फैसला किया गया है. वहीं पराली को खेतों के बाहर ही निपटाया जा सके इसके लिए बेलर और रैक जैसी अपेक्षित मशीनों पर भी सब्सिडी देने का फैसला किया गया है.
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कैसे करें आवेदन (How to apply)
जो भी किसान इसका लाभ लेना चाहते हैं वो 17 अगस्त तक अपने संबंधित ब्लॉकों के कृषि दफ्तरों में आवेदन जमा कर सकते हैं. बता दें कि किसानों द्वारा पराली जलाने के कारण कई तरह की समस्या होती हैं जिसको दूर करने के लिए सरकारों द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं.
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